पति की कब्र के पास दफनाई जाएंगी बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया
पार्टी के मुताबिक उनका इंतकाल सुबह करीब 6 बजे, फज्र की नमाज के तुरंत बाद हुआ। BNP के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी साझा की गई, जबकि महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी उनके निधन की पुष्टि की।

Begum Khaleda Zia : बांग्लादेश की राजनीति में मंगलवार सुबह एक बड़ा सन्नाटा उतर आया। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन और देश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। पार्टी के मुताबिक उनका इंतकाल सुबह करीब 6 बजे, फज्र की नमाज के तुरंत बाद हुआ। BNP के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी साझा की गई, जबकि महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी उनके निधन की पुष्टि की।
लगातार बिगड़ रहा था स्वास्थ्य
पार्टी सूत्रों के अनुसार, 23 नवंबर को डॉक्टरों की सलाह पर खालिदा जिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें दिल और फेफड़ों में संक्रमण के साथ निमोनिया की शिकायत बताई गई। 80 वर्षीय खालिदा जिया लंबे समय से कई जटिल बीमारियों से जूझ रही थीं दिल की समस्या, लिवर-किडनी से जुड़ी दिक्कतें, डायबिटीज, सांस की बीमारी, गठिया और आंखों से संबंधित परेशानियां। उनके दिल में स्थायी पेसमेकर लगा हुआ था और पहले हार्ट स्टेंटिंग भी हो चुकी थी। बताया गया है कि मई में उनका इलाज लंदन में भी कराया गया था।
नामांकन के अगले दिन दुनिया को कहा अलविदा
राजनीतिक गलियारों में यह खबर इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि खालिदा जिया ने सोमवार को चुनावी प्रक्रिया के तहत नामांकन पत्र दाखिल कराया था। जानकारी के मुताबिक उन्होंने बोगुरा-7 सीट से पर्चा भरा, जिसे पार्टी नेताओं ने दोपहर करीब 3 बजे डिप्टी कमिश्नर/रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में जमा कराया। इससे एक दिन पहले उनके निजी चिकित्सक ने भी संकेत दिए थे कि उनकी हालत बेहद नाजुक है और सुधार की संभावना कम बची है।
“युग का अंत” मान रहे समर्थक
खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं। 1991 में लोकतंत्र की बहाली के बाद जब देश नई दिशा तलाश रहा था, तब उन्होंने सत्ता की कमान संभाली और फिर वर्षों तक राष्ट्रीय राजनीति में निर्णायक ध्रुव की तरह केंद्र में बनी रहीं। उनके निधन को समर्थक भावुक विदाई के तौर पर देख रहे हैं, जबकि राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक यह उस युग का अंत है, जिसमें बांग्लादेश की सत्ता, विपक्ष और जन-भावनाओं की धुरी अक्सर खालिदा जिया के इर्द-गिर्द घूमती रही।
पति के पास दफनाए जाने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को उनके दिवंगत पति की कब्र के पास सुपुर्द-ए-खाक किए जाने की तैयारी चल रही है। दफन की जगह और अंतिम रस्मों को लेकर परिवार तथा बीएनपी नेतृत्व के बीच समन्वय तेज हो गया है। बताया जा रहा है कि कानूनी-प्रशासनिक औपचारिकताओं, सुरक्षा व्यवस्था और जन-सैलाब को देखते हुए पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाई जा रही है, ताकि विदाई गरिमा और अनुशासन के साथ संपन्न हो सके। Begum Khaleda Zia
Begum Khaleda Zia : बांग्लादेश की राजनीति में मंगलवार सुबह एक बड़ा सन्नाटा उतर आया। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन और देश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। पार्टी के मुताबिक उनका इंतकाल सुबह करीब 6 बजे, फज्र की नमाज के तुरंत बाद हुआ। BNP के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी साझा की गई, जबकि महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी उनके निधन की पुष्टि की।
लगातार बिगड़ रहा था स्वास्थ्य
पार्टी सूत्रों के अनुसार, 23 नवंबर को डॉक्टरों की सलाह पर खालिदा जिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें दिल और फेफड़ों में संक्रमण के साथ निमोनिया की शिकायत बताई गई। 80 वर्षीय खालिदा जिया लंबे समय से कई जटिल बीमारियों से जूझ रही थीं दिल की समस्या, लिवर-किडनी से जुड़ी दिक्कतें, डायबिटीज, सांस की बीमारी, गठिया और आंखों से संबंधित परेशानियां। उनके दिल में स्थायी पेसमेकर लगा हुआ था और पहले हार्ट स्टेंटिंग भी हो चुकी थी। बताया गया है कि मई में उनका इलाज लंदन में भी कराया गया था।
नामांकन के अगले दिन दुनिया को कहा अलविदा
राजनीतिक गलियारों में यह खबर इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि खालिदा जिया ने सोमवार को चुनावी प्रक्रिया के तहत नामांकन पत्र दाखिल कराया था। जानकारी के मुताबिक उन्होंने बोगुरा-7 सीट से पर्चा भरा, जिसे पार्टी नेताओं ने दोपहर करीब 3 बजे डिप्टी कमिश्नर/रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में जमा कराया। इससे एक दिन पहले उनके निजी चिकित्सक ने भी संकेत दिए थे कि उनकी हालत बेहद नाजुक है और सुधार की संभावना कम बची है।
“युग का अंत” मान रहे समर्थक
खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं। 1991 में लोकतंत्र की बहाली के बाद जब देश नई दिशा तलाश रहा था, तब उन्होंने सत्ता की कमान संभाली और फिर वर्षों तक राष्ट्रीय राजनीति में निर्णायक ध्रुव की तरह केंद्र में बनी रहीं। उनके निधन को समर्थक भावुक विदाई के तौर पर देख रहे हैं, जबकि राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक यह उस युग का अंत है, जिसमें बांग्लादेश की सत्ता, विपक्ष और जन-भावनाओं की धुरी अक्सर खालिदा जिया के इर्द-गिर्द घूमती रही।
पति के पास दफनाए जाने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को उनके दिवंगत पति की कब्र के पास सुपुर्द-ए-खाक किए जाने की तैयारी चल रही है। दफन की जगह और अंतिम रस्मों को लेकर परिवार तथा बीएनपी नेतृत्व के बीच समन्वय तेज हो गया है। बताया जा रहा है कि कानूनी-प्रशासनिक औपचारिकताओं, सुरक्षा व्यवस्था और जन-सैलाब को देखते हुए पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाई जा रही है, ताकि विदाई गरिमा और अनुशासन के साथ संपन्न हो सके। Begum Khaleda Zia












