मैनचेस्टर में करो या मरो की घड़ी... गिल लिख पाएंगे जीत की नई इबारत!

ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत का टेस्ट इतिहास
कुल मैच खेले 9, जीत 0, ड्रॉ 5, हार 4, आखिरी मैच (2014) पारी और 54 रन से हार। 1936 में भारत ने यहां पहला टेस्ट खेला था और तब से अब तक जीत की तलाश जारी है। पिछली बार भी भारत जीत के करीब पहुंचा था लेकिन जीत हाथ से फिसल गई। अब गिल की युवा ब्रिगेड को इतिहास बदलने का सुनहरा मौका मिला है। अगर भारत इस मुकाबले को जीतता है तो सीरीज 2-2 से बराबर हो जाएगी और निर्णायक मुकाबला ओवल में खेला जाएगा।दोहराएगा भारत इतिहास?
एजबेस्टन में भी भारत का रिकॉर्ड जीत से अछूता था लेकिन शुभमन गिल की कप्तानी और आकाश दीप के कमाल से भारत ने 336 रन से मैच जीतकर इतिहास रच दिया था। अब सवाल यही है कि क्या टीम इंडिया मैनचेस्टर में भी ऐसी ही एतिहासिक वापसी कर पाएगी? जो रूट इस मैच में उतरते ही टेस्ट में पांचवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन जाएंगे (13259 रन)। अगर वे 120 रन बना लेते हैं तो रिकी पोंटिंग (13378) को पीछे छोड़कर दूसरे नंबर पर पहुंच जाएंगे। शुभमन गिल ने इस दौरे पर अब तक 607 रन बनाए हैं। दौरे की शुरुआत में उनके नाम 1893 रन थे, यानी उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 30% से ज्यादा इजाफा किया है।ये भी पढ़े: मैनचेस्टर टेस्ट से पहले झटका, टीम इंडिया से दो खिलाड़ी बाहर
तेंदुलकर ने लगाया था आखिरी शतक
लियाम डॉसन जबरदस्त फॉर्म में हैं। 2021 के बाद से उन्होंने 15 में से 12 प्रथम श्रेणी मैचों में पांच विकेट लिए हैं। भारत के लिए ओल्ड ट्रैफर्ड में आखिरी टेस्ट शतक सचिन तेंदुलकर ने 1990 में लगाया था। इसके बाद यहां भारत ने केवल एक टेस्ट खेला है।भारत-इंग्लैंड संभावित प्लेइंग XI
यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, करुण नायर, शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), साई सुदर्शन, रविंद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा / अंशुल कंबोज। वहीं इंग्लैंड की संभावित प्लेइंग XI में जैक क्राउली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जैमी स्मिथ (विकेटकीपर), लियाम डॉसन, क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स, जोफ्रा आर्चर।क्या कहता है मुकाबले का मिजाज?
भारत इस मुकाबले में हर हाल में जीत चाहेगा, क्योंकि यह सीरीज में बराबरी की उम्मीदों को जिंदा रखेगा। शुभमन गिल के पास एक कप्तान के तौर पर खुद को साबित करने का बड़ा मौका है, वहीं युवा खिलाड़ियों को भी इतिहास रचने का मंच मिल चुका है।अगली खबर पढ़ें
ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत का टेस्ट इतिहास
कुल मैच खेले 9, जीत 0, ड्रॉ 5, हार 4, आखिरी मैच (2014) पारी और 54 रन से हार। 1936 में भारत ने यहां पहला टेस्ट खेला था और तब से अब तक जीत की तलाश जारी है। पिछली बार भी भारत जीत के करीब पहुंचा था लेकिन जीत हाथ से फिसल गई। अब गिल की युवा ब्रिगेड को इतिहास बदलने का सुनहरा मौका मिला है। अगर भारत इस मुकाबले को जीतता है तो सीरीज 2-2 से बराबर हो जाएगी और निर्णायक मुकाबला ओवल में खेला जाएगा।दोहराएगा भारत इतिहास?
एजबेस्टन में भी भारत का रिकॉर्ड जीत से अछूता था लेकिन शुभमन गिल की कप्तानी और आकाश दीप के कमाल से भारत ने 336 रन से मैच जीतकर इतिहास रच दिया था। अब सवाल यही है कि क्या टीम इंडिया मैनचेस्टर में भी ऐसी ही एतिहासिक वापसी कर पाएगी? जो रूट इस मैच में उतरते ही टेस्ट में पांचवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन जाएंगे (13259 रन)। अगर वे 120 रन बना लेते हैं तो रिकी पोंटिंग (13378) को पीछे छोड़कर दूसरे नंबर पर पहुंच जाएंगे। शुभमन गिल ने इस दौरे पर अब तक 607 रन बनाए हैं। दौरे की शुरुआत में उनके नाम 1893 रन थे, यानी उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 30% से ज्यादा इजाफा किया है।ये भी पढ़े: मैनचेस्टर टेस्ट से पहले झटका, टीम इंडिया से दो खिलाड़ी बाहर
तेंदुलकर ने लगाया था आखिरी शतक
लियाम डॉसन जबरदस्त फॉर्म में हैं। 2021 के बाद से उन्होंने 15 में से 12 प्रथम श्रेणी मैचों में पांच विकेट लिए हैं। भारत के लिए ओल्ड ट्रैफर्ड में आखिरी टेस्ट शतक सचिन तेंदुलकर ने 1990 में लगाया था। इसके बाद यहां भारत ने केवल एक टेस्ट खेला है।भारत-इंग्लैंड संभावित प्लेइंग XI
यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, करुण नायर, शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), साई सुदर्शन, रविंद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा / अंशुल कंबोज। वहीं इंग्लैंड की संभावित प्लेइंग XI में जैक क्राउली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जैमी स्मिथ (विकेटकीपर), लियाम डॉसन, क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स, जोफ्रा आर्चर।क्या कहता है मुकाबले का मिजाज?
भारत इस मुकाबले में हर हाल में जीत चाहेगा, क्योंकि यह सीरीज में बराबरी की उम्मीदों को जिंदा रखेगा। शुभमन गिल के पास एक कप्तान के तौर पर खुद को साबित करने का बड़ा मौका है, वहीं युवा खिलाड़ियों को भी इतिहास रचने का मंच मिल चुका है।संबंधित खबरें
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