Jewar : जेवर। जेवर विधानसभा सीट(Jewar Assembly Seat) पर चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। मतदान का दिन नजदीक आते-आते इस सीट का चुनाव मान सम्मान, स्वाभिमान, चाणक्य नीति व जातीय गणित पर केंद्रित हो गया है विश्लेषकों का दावा है कि सपा रालोद गठबंधन ने इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी धीरेंद्र सिंह पर बढ़त बना ली है |सब जानते हैं कि जेवर विधानसभा सीट को गुर्जर बाहुल्य सीट माना जाता है। वर्ष 2012 से पूर्व यह सीट आरक्षित श्रेणी में थी । 2012 के चुनाव में पहली बार सामान्य होने के बाद इस सीट पर बसपा प्रत्याशी के तौर पर वेदराम भाटी विधायक बने थे । 2017 में यह सीट धुर कांग्रेसी रहे धीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन पकड़ कर जीती थी। इस बार फिर से धीरेंद्र सिंह भाजपा के प्रत्याशी हैं। उनके सामने बसपा के नरेंद्र सिंह भाटी एडवोकेट, कांग्रेस के मनोज चौधरी व सपा रालोद गठबंधन से चर्चित नेता अवतार सिंह भड़ाना प्रत्याशी हैं।
चुनाव शुरू होते समय साफ लग रहा था कि धीरेंद्र सिंह इस सीट को आसानी से जीत लेंगे। मतदान का दिन नजदीक आते-आते समीकरण बदल गए हैं। क्षेत्र के गुर्जर समाज ने इस चुनाव को दादरी में हुए सम्राट मिहिर भोज मूर्ति प्रकरण से जोड़ लिया है। गुर्जर समाज का आरोप है कि भाजपा ने सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति से गुर्जर जाति का नाम मिटा कर उनकी जाति का घोरअपमान किया है। अब वे वोट की चोट से उस अपमान का बदला लेकर अपना स्वाभिमान बहाल करेंगे। क्षेत्र में हार जीत का निश्चय करने वाला मुस्लिम वोटर खामोश है किंतु उसे स्वभाविक रूप से सपा-रालोद गठबंधन का वोट माना जा रहा है। यहां जाट समाज की अच्छी खासी संख्या है। यह समाज किसान आंदोलन के कारण भाजपा के खिलाफ व गठबंधन के पक्ष में गोलबंद नजर आ रहा है ।
यह बात तो रही मान सम्मान व स्वाभिमान की। इस सीट पर एक बड़ी चाणक्य नीति भी काम कर रही है । गौतमबुद्घनगर जिले के बड़े नेता व क्षेत्रीय सांसद डॉ महेश शर्मा का भाजपा प्रत्याशी धीरेंद्र सिंह से 36 का आंकड़ा जगजाहिर है। श्री शर्मा यूं तो खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं किंतु वें यहां अपनी चाणक्य नीति का भरपूर सदुपयोग करते हुए बताए जाते हैं। यही कारण है कि भाजपा संगठन का एक भी बड़ा चेहरा यहां भाजपा के पक्ष में वोट मांगता हुआ नजर नहीं आ रहा है। इस पूरी जद्दोजहद के बीच यदि ब्राह्मण समाज का पूरा वोट अवतार सिंह भड़ाना के पक्ष में पड़ गया तो इस सीट पर बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि जेवर सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। विश्लेषक बसपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह भाटी एडवोकेट को भी कमतर नहीं आंक रहे हैं किंतु चुनाव स्वाभिमान, चाणक्य नीति तथा जातिगत आंकड़े तथा प्रदेश में चल रही बदलाव की हवा में रालोद की तरफ पूरी तरह झुका हुआ नजर आ रहा है।