Saturday, 4 May 2024

एक जिले में शिक्षक पति-पत्नी को नियुक्ति का मिला अधिकार

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे सहायक अध्यापकों (TEACHERS) को बड़ी सहूलियत देते हुए बताया है…

एक जिले में शिक्षक पति-पत्नी को नियुक्ति का मिला अधिकार

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे सहायक अध्यापकों (TEACHERS) को बड़ी सहूलियत देते हुए बताया है कि पति-पत्नी को एक ही जिले में नियुक्ति पाने का पूरा कानूनी अधिकार है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंतर जिला स्थानांतरण के मामले पर सुनवाई से अध्यापकों को राहत मिली है, जिनकी पत्नियां अध्यापक के पद पर नियुक्त हुई है और वह अपने ससुराल वाले जिले में नियुक्त हो चुके हैं।

इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऐसे अध्यापकों को राहत देने का फैसला किया है जो स्वयं अथवा उनके माता-पिता किसी असाध्य रोग से पीड़ित हैं। हाई कोर्ट (HIGH COURT) ने ऐसे अध्यापकों को विशेष परिस्थिति में मानने के बाद एक जनपद में पांच साल की सेवा अनिवार्यता की छूट पाने का हकदार मान लिया है। बेसिक शिक्षा सचिव को इस मुद्दे पर स्थानांतरण (TRANSFER) पर विचार कर चार हफ्ते में फैसला लेने का आदेश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने संजय सिंह, राजकुमार सिंह, वीरसेन, वरुण कुमार व अन्य की याचिकाओं पर दिया गया है। याचिकाकर्ता (PETIONER) ने बताया कि याचीगण की सेवा पांच साल की नहीं अभी नहीं हुई है, लेकिन उनकी पत्नियां दूसरे जिलों में नियुक्त हो चुकी हैं, उनका भी उन्हीं जिलों में स्थानांतरण करवा दिया जाए, जहां उनकी पत्नियां कार्य कर रही हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता ने इसका विरोध में बताया कि पांच साल सेवा की अनिवार्यता में महिलाओं को छूट मिली है, लेकिन पुरुषों को ऐसी छूट नहीं दी गई है। इसलिए स्थानांतरण की मांग पत्नियां द्वारा की जा सकती है।

ससुराल वाले जिले में नियुक्त का दिया गया अधिकार

महिलाओं को अपने ससुराल वाले जिले में नियुक्ति पाने का अधिकार प्राप्त हुआ है। इस मामले में याचीगण की पत्नियां पहले से ही अपने ससुराल वाले जिले में नियुक्त हैं। ऐसे में वो स्थानांतरण की मांग नहीं कर सकतीं। सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट (HIGH COURT) ने कहा कि शिक्षक पति-पत्नी को एक ही जनपद में नियुक्ति पाने का अधिकार है।

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