Friday, 10 May 2024

Lift Accident : आठ दिन मौत से लड़ने के बाद हारा नौवां मजदूर, तोड़ा दम

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आम्रपाली के निर्माणाधीन ड्रीम वैली सोसाइटी में बीते 15 सितंबर को हुए दर्दनाक…

Lift Accident : आठ दिन मौत से लड़ने के बाद हारा नौवां मजदूर, तोड़ा दम

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आम्रपाली के निर्माणाधीन ड्रीम वैली सोसाइटी में बीते 15 सितंबर को हुए दर्दनाक लिफ्ट हादसे (Lift Accident) में घायल नौवें मजदूर ने भी देर रात उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इस हादसे में पहले ही 8 मजदूरों की मौत हो चुकी है। नौवें मजदूर का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है।

15 सितंबर, 2023 को हुआ था हादसा

Lift Accident : आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आम्रपाली बिल्डर की निर्माणाधीन ड्रीम वैली सोसायटी में 15 सितंबर, 2023 (शुक्रवार) की सुबह लिफ्ट गिर गई थी। हादसे में उस समय मौके पर ही चार मजदरों की मौत हो गई थी, जबकि 5 घायल मजदूरों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल में भर्ती चार और मजदूरों ने 16 सितंबर, 2023 (शनिवार) को दम तोड़ दिया था।

इस हादसे में इस्ताक अली (23) पुत्र इरशाद अली निवासी बिहार, अरुण तांती मंडल (40) पुत्र रुदल मंडल निवासी बांका बिहार, विपोत मंडल (45) पुत्र दीनू मंडल निवासी कटिहार बिहार, आरिफ खान (22) निवासी अमरोहा, असुल मुस्तकीन, अब्दुल मुस्तकीन, कुलदीप पाल, तथा अरबाज अली की पहले ही मौत हो चुकी है, जबकि अस्पताल में भर्ती नौवें मजदूर कैफ (20) पुत्र नानू का उपचार चल रहा था। देर रात कैफ ने भी दम तोड़ दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया है। अब इस हादसे में 9 मजदूरों की मौत हो चुकी है।

शासन ने दिया है मुआवजा

शासन ने घोषणा की गई थी कि Lift Accident में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए दिए जाएंगे। नोएडा के DM मनीष कुमार वर्मा के अनुसार इनमें से 5 लाख कोर्ट रिसीवर और 20 लाख रुपए एनबीसीसी की ओर से दिए जाने थे, जबकि घायलों के इलाज का खर्चा एनबीसीसी को उठाना था।

ड्रीम वैली परियोजना के दो फेज प्रोजेक्ट हैं

आपको बता दें कि जहां पर Lift Accident हुआ है, वहां आम्रपाली ड्रीम वैली परियोजना के दो फेज प्रोजेक्ट हैं। इसे आम्रपाली ने साल 2010 में लॉन्च किया था। इस परियोजना का काम वर्ष 2015 में रुक गया था। इसके बाद आम्रपाली ग्रुप एनसीएलटी चला गया। अब दूसरे फेज में 8302 फ्लैट बनाए जाने हैं।

वर्ष 2017 में फ्लैट पर कब्जा नहीं मिलने के कारण खरीदार सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गए थे। नवंबर-2020 में सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को निगरानी के लिए नियुक्त कर दिया था। एनबीसीसी की ओर से टेंडर जारी किया गया और अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए गिरधारी लाल कंस्ट्रेक्शन को जिम्मेदारी दी गई थी।

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