Thursday, 2 May 2024

Srikant Tyagi Noida : श्रीकांत त्यागी की नेतागिरी बन गई है चर्चा का विषय, ‘छुटभैया’ या बड़ा नेता यह सवाल पूछ रहे हैं लोग

आर.पी. रघुवंशी देश में या यूं कहें कि हर गली- मोहल्ले में नेताओं की एक विशेष प्रजाति पाई जाती है।…

Srikant Tyagi Noida : श्रीकांत त्यागी की नेतागिरी बन गई है चर्चा का विषय, ‘छुटभैया’ या बड़ा नेता यह सवाल पूछ रहे हैं लोग

आर.पी. रघुवंशी

देश में या यूं कहें कि हर गली- मोहल्ले में नेताओं की एक विशेष प्रजाति पाई जाती है। नेताओं की इस प्रजाति का नाम है छुटभैए नेता। इस प्रजाति वाले नेता जी की समाज व अपनी पार्टी में कोई हैसियत नहीं होती है, किन्तु लम्बी, ऊंची और महंगी कार, आगे पीछे दो-चार चमचे कुछ गुंडे या बाउंसर इनकी पहचान होते हैं। इस प्रजाति के नेता अपने घर, दफ्तर गली के नुक्कड़ यहां तक की चौक-चौराहों पर भी अपनी बड़ी-बड़ी तस्वीरें टांगते हैं। अब आप कहेंगे कि आज मैं इस जाति का इतना बखान क्यों कर रहा हूं। इस बखान का कारण है एक तथाकथित नेता जिसका नाम अब तक आपकी भी जुबान पर भी चढ़ ही चुका होगा। इन महाश्य का नाम है श्रीकांत त्यागी। जी हां वही श्रीकांत जिसने नोएडा की एक सोसायटी में अपने पड़ोस की इज्जतदार महिला के साथ बदत्तमीजी करने की सारी हदें पार कर दी थीं। इस समय यह कलाकार जेल में है।

श्रीकांत को नोएडा कमिश्नरी की पुलिस छुटभैया नेता बता रही है। इस कारण मुझे छुटभैए वाली प्रजाति का बखान करना पड़ा। किन्तु जिस प्रकार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नडडा से लेकर देश व प्रदेश में भाजपा के तमाम बड़े नेताओं के साथ श्रीकांत की तस्वीरें सामने हैं। उससे तो मुझे यह छुटभैईए वाली प्रजाति का नहीं लग रहा है और हां उत्तर प्रदेश के एडीजी स्तर के आईपीएस अधिकारी नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह इस कलाकार श्रीकांत को जब देश के मीडिया के सामने पेश कर रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि मानो श्रीकांत बोस हो और कमिश्नर साहब उसके नौकर। अपने 32 वर्ष के पत्रकारिता के जीवन में मैंने तो किसी अपराधी के सामने पुलिस को इस कदर गिड़गिड़ाते हुए नहीं देखा। पुलिस के शिकंजे में फंसा हुआ अपराधी तो पुलिस के सामने मिमयाता रहता है। किन्तु श्रीकांत के मामले में तो पुलिस के अफसर मिमिया रहे थे।

फिर भला नोएडा पुलिस उसे छुटभैया नेता क्यों बता रही है? इस सवाल का जवाब तलाशने पर पता चला कि श्रीमान कमिश्नर साहब इस मामले को छोटा-मोटा बताकर दूसरे ढेर सारे मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास कर रहे हैं। वें दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सरकार को संदेश दे रहे हैं कि अब यह मामला खत्म हो गया है, किन्तु सच यह है कि यह मामला इतनी आसानी से दफन होने वाला नहीं लग रहा है। श्रीकांत नाम के इस नामी गुंडे को नोएडा कमिश्नरी की पुलिस का जिस प्रकार आशीर्वाद प्राप्त था उससे तो साफ जाहिर है कि यह मामला उतना सीधा नहीं है कि किसी व्यक्ति ने एक संभ्रांत महिला से बदसलूकी की और वह जेल चला गया और मामला खत्म। दरअसल इस व्यक्ति के विरूद्ध दर्ज एक दर्जन मुकदमों, सैकड़ों करोड की कब्जाई गई सरकारी व निजी जमीनों व पुलिस की छत्र-छाया में चलाए जा रहे कबाड़ यानि स्क्रैप के अवैध धंधे के मामले अभी भी लगातार उजागर हो रहे हैं। जी हां नया मामला ये है कि पश्चिमी उप्र के एक बड़े स्क्रैप माफिया गिरोह को त्यागी की मार्फत ही पुलिस का संरक्षण मिलता रहा है। उस संरक्षण की एवज में पुलिस के बड़े-बड़े दिग्गजों की जेब तक माल पहुंचाने का माध्यम भी यह श्रीकांत ही था। अब आप ही बताएं कि इस कलाकार को छुटभैया वाली प्रजाति का कैसे कहा जा सकता है।

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पूरे देश में इस समय यह मुद्दा चर्चा-ए-आम है कि श्रीकांत नाम का यह युवक कोई छोटा-मोटा नेता है या यह कोई बड़ी राजनीतिक हस्ती है। इस बीच श्रीकांत के परिवार के समर्थन में देश भर से त्यागी समाज के एकजुट होने की खबरें भी खूब आ रही हैं। त्यागी समाज ने 21 अगस्त को नोएडा में कमिश्नरी का घेराव करने की चेतावनी भी दे डाली है। इस चेतावनी के विरोध में वैश्य समाज के सुर भी सुनाई देना शुरू हो गए हैं। अब देखना यह होगा कि यह मामला आगे क्या गुल खिलाता है।

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