Monday, 6 May 2024

12वीं पास छात्रों के लिए खुशखबरी, शॉर्ट टर्म कोर्स के लिए आई नई गाइडलाइन

शॉर्ट टर्म इंडस्ट्री रेलिवेंट सर्टिफिकेट कोर्स के लिए नई और जरूरी गाइडलाइनस जारी की है

12वीं पास छात्रों के लिए खुशखबरी, शॉर्ट टर्म कोर्स के लिए आई नई गाइडलाइन

Short Term Skill Development Course : आज के समय में स्कूल खत्म होने के बाद हर छात्र अपने पैरों में खड़ा होना चाहता है, जिसके लिए वो कोई ऐसा कोर्स ढूंढता है, जिसे वो कुछ ही महीनों में पूरा कर कोई अच्छे काम को करना शुरू कर दे। इस सोच के चलते देश में जल्द से जल्द कोर्स को पूरा करने का चलन काफी बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए सरकार की ओर से भी लगातार इनके लिए कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। हाल ही में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स में इंडस्ट्री की जरूरतों के मुताबिक कुछ शॉर्ट टर्म इंडस्ट्री रेलिवेंट सर्टिफिकेट कोर्स के लिए नई और जरूरी गाइडलाइनस जारी की है। इस बात की जानकारी UGC से जुड़े एक सीनियर ऑफिसर ने दी उन्होंने बताया कि यह कोर्स स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल लर्निंग में मदद करेंगे और स्टूडेंट्स और वर्कप्लेस के बीच का गैप भी कम होगा।

3 से 6 महिने के होंगे कोर्स Short Term Skill Development Course

जारी हुई नई गाइडलाइन के अनुसार अब सभी कॉलेजों में हर स्ट्रीम के स्टूडेंट्स शार्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट कोर्स (STSDC) कर सकेंगे। इन 3 से 6 महीनों के कोर्सिस में छात्रों को कम से कम 12 से 30 क्रेडिट्स तक मिलेंगे। लेकिन इसके लिए छात्र के पास किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल से 12वीं पास होना जरूरी होगा, इसके बाद ही वो किसी भी कॉलेज से डिग्री या डिप्लोमा का कोर्स करने के लिए एलिजिबल माना जाएगा।

नौकरियाँ ढूंढने में होगी आसानी

नई गाइडलाइन के बारे में जानकारी देते हुए UGC के चेयरमैन जगदीश कुमार ने बताया कि यह गाइडलाइन नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत बनाई गई है। इन कोर्सस की मदद से पढ़ाऊ के पूराने तरीकों को और साथ ही हैवी कंटेंट को कम करने की कोशिश की जा रही है। और प्रैक्टिकल लर्निंग की बढ़ावा दिया जा रहा है । उन्होंने बताया कि शॉर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट सर्टिफिकेट कोर्स करने से स्टूडेंट्स का कॉम्पिटेंसी लेवल बढ़ेगा और उन्हें जॉब मार्केट में अपने लिए एक बेहतर नौकरी ढूंढने में भी आसानी होगी। जगदीश कुमार ने यह भी बताया कि ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने किसी वजह से स्कूल या कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी है, वो भी इन कोर्सेज की मदद से अपनी स्किल पर काम कर सकते हैं।

27 टॉपिक्स पर कर सकेंगे कोर्स

आपको बता दे इस नई गाइडलाइन के जारी होने के बाद 12वीं पास छात्रों को 27 नए शॉर्ट कोर्स करने में से अपने लिए सबसे बेहतर कोर्स को चुनने का मौका मिलेगा। जिसमें AI, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइंस, डिजिटल मार्केटिंग, योगिक साइंस, सॉफ्ट स्किल एंड इफेक्टिव कम्युनिकेशन, क्रिटिकल थिंकिंग एंड प्रॉब्लम सॉल्विंग जैसे कई कोर्सिस शामिल है। इन सभी कोर्सस में से किसी भी कोर्स को छात्र कर सकते है। इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए UGC के एक सीनियर प्रोफसर ने बताया कि ऐसे सभी हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट जिनके पास स्किल ट्रेनिंग के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर हो, वो मैनेजमेंट के अप्रूवल मिलने के बाद अपने इंस्टिट्यूट में कोर्स ऑफर कर सकते हैं। इसके लिए सभी हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट को सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज के तौर पर अपनी पहचान बनानी होगी।

कोर्स की देनी होगी पूरी जानकारी

हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट खुद ये सेंटर बना सकते हैं या फिर इंडस्ट्री की मदद से भी इस पर काम कर सकते हैं। इंस्टिट्यूट को इन कोर्सेज का डिजाइन और करिकुलम, नंबर ऑफ सीट्स और एडमिशन प्रोसेस , कोर्स और फीस स्ट्रक्चर, स्टूडेंट्स की डिटेल्स और हर कोर्स के लिए जारी किया गया सर्टिफिकेट जैसी सभी जरूरी जानकारी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। जिससे छात्रों को कोर्स को चुनते समय किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े।

60 से ज्यादा स्टूडेंट्स नहीं होगे अलाउड

कई बार यह बात देखी जाती है कि एक कोर्स में कई सारे छात्र होते हैं जिस वजह से कई बहुत से टीचर सभी पर एक जैसा ध्यान नहीं दे पाता, इस परेशानी के हल को भी नई गाइडलाइन में शामिल किया गया है, जिसमें साफ शब्दों में ये बताया गया है कि हर कोर्स में 60 से ज्यादा स्टूडेंट्स नहीं होने चाहिए। शार्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट कोर्स में अगर छात्रों की संख्या ज्यादा है तो बैच को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन संख्या 60 से ज्यादा नहीं की जाएगी। साथ ही हर कोर्स के स्किल कंपोनेंट में टोटल क्रेडिट्स का 60% दिया जाएगा। ये क्रेडिट परसेंटेज मैक्सिमम 70% तक जा सकते हैं। इसके अलावा स्किल कंपोनेंट में प्रैक्टिकल लैबोरेट्री, वर्कशॉप और इंडस्ट्री में काम आने वाली हैंड्स ऑन ट्रेनिंग जैसे कंपोनेंट्स देने होंगे। हर तीन सालों में वाइस चांसलर या प्रिंसिपल की तरफ से बनाई गई एक्सटर्नल कमिटी इन Short Term Skill Development Course सेंटर्स का इंस्पेक्शन भी करेगी।

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