Friday, 26 April 2024

नि:संकोच : कब ट्यूशन मुक्त होगी शिक्षा

 विनय संकोची एक जमाना था जब गिने-चुने बच्चे की ट्यूशन पढ़ते थे। इन ट्यूशन पढ़ने वालों में बड़ी संख्या उनकी…

नि:संकोच : कब ट्यूशन मुक्त होगी शिक्षा

 विनय संकोची

एक जमाना था जब गिने-चुने बच्चे की ट्यूशन पढ़ते थे। इन ट्यूशन पढ़ने वालों में बड़ी संख्या उनकी होती थी, जिनके बाप के पास पैसा होता था और वह सोचता था कि ट्यूशन के बल पर बच्चे को कलेक्टर बनवा लेगा। दूसरी तरह के वे बच्चे वो थे, जिन्हें माता पिता इसलिए ट्यूशन पढ़ाते थे, ताकि बड़ा होकर अपने पैरों पर खड़ा हो सके। अगर बहुत ध्यान से देखें तो उस समय ट्यूशन पढ़ने वालों का प्रतिशत मुश्किल से 5-6 प्रतिशत ही रहा होगा। लेकिन आज यह प्रतिशत 25 से 30% तक जा पहुंचा है। ट्यूशन पढ़ना फैशन के साथ मजबूरी भी बन चुका है। बड़े-बड़े स्कूलों में बड़ी-बड़ी फीस भरकर, फिर भी किसी बड़े मास्टर जी के पास बच्चे का ट्यूशन लगाकर लोग बड़े खुश हो रहे हैं। जब ट्यूशन ही लगवाना पड़ रहा है, तो स्कूल कालेज में ट्यूशन फीस किस बात की वसूली जा रही है, इस बारे में कोई नहीं सोचता। स्कूली शिक्षा की गिरती साख के बीच देश में प्राइवेट ट्यूशन का चलन कहें या कारोबार लगातार जोर पकड़ता चला जा रहा है। इस बात को पुष्ट करती है, नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन की 2016 की एक रिपोर्ट। रिपोर्ट कहती है देशभर में 7 करोड़ 10 लाख छात्र प्राइवेट ट्यूशन ले रहे हैं, जो कुछ छात्रों की संख्या का 26% है।
2011 की जनगणना में देश में छात्रों की संख्या 31 करोड़ 50 लाख बताई गई थी, जबकि उक्त ऑर्गनाइजेशन ने यह संख्या 27 करोड़ 30 लाख मानी थी। इस दृष्टि से देखें तो प्राइवेट ट्यूशन लेने वाले छात्रों की संख्या का प्रतिशत 26 से ज्यादा ही होगा, शायद 30 प्रतिशत के आसपास।

अब सवाल पैदा होता है कि जब बच्चे को तथाकथित अच्छे स्कूल में पढ़ाया जा रहा है तो ट्यूशन की जरूरत क्यों आन पड़ी। इसका उत्तर भी सर्वे रिपोर्ट पेश करती है। 2014 की शुरुआत में 66 हजार परिवारों का सर्वे हुआ, तो 89% अभिभावकों का उत्तर था – ‘हमारी कोशिश अपने बच्चों की बुनियादी शिक्षा का स्तर सुधारने की है।’ क्या इसे इस रूप में नहीं देखा जाना चाहिए कि अभिभावकों को नहीं लगता कि स्कूलों में शिक्षा का स्तर ठीक है, इसलिए प्राइवेट ट्यूशन जरूरी है।

आप सोचिए कि 30% छात्रों का भविष्य तो प्राइवेट ट्यूशन की बैसाखियों का मोहताज है और बाकी 70 परसेंट स्टूडेंट्स का भविष्य उस ट्यूशन पर टिका है जिसकी (ट्यूशन) फीस स्कूल वाले वसूलते हैं।

सबसे दु:खद विषय तो यह भी है कि जो बच्चे ट्यूशन नहीं पढ़ते, उन्हें कथित रूप से शिक्षकों द्वारा प्रताड़ित करने, फेल कर देने की धमकी देने, भविष्य बिगाड़ने की बात कहकर उन्हें अपनी शरण में लाकर ट्यूशन पढ़ने के लिए बाध्य किया जाता है। आखिर कब शिक्षा का स्तर सुधरेगा और शिक्षा ट्यूशन मुक्त होगी आपको पता हो या पता चले तो हमें भी बताना।

Related Post