Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) में हुए भूमि आवंटन घोटाले पर शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए तत्कालीन महाप्रबंधक आर.के. देव, प्रबंधक कमलेश मणि चौधरी और वरिष्ठ ड्राफ्ट्समैन सुरेश कुमार को निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों पर बिना भूमि अधिग्रहण के 8,000 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन करने का आरोप है।
बोली लगाने पर जारी की गई थी लीज
यह मामला ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-2 से जुड़ा है जहां खसरा संख्या 1245 की कुल 9,600 वर्ग मीटर जमीन में से सिर्फ 1,600 वर्ग मीटर ही प्राधिकरण के कब्जे में थी। इसके बावजूद शेष 8,000 वर्ग मीटर गैर-अधिग्रहीत जमीन को भी पांच लोगों को आवंटित कर दिया गया। वर्ष 2023 में इस भूमि पर आवासीय योजना शुरू की गई थी और पांच आवंटियों को सबसे अधिक बोली लगाने पर लीज जारी की गई थी।
तीन को किया गया सस्पेंड
गौरतलब है कि उक्त भूमि पर कब्जा न मिलने से आवंटियों ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी। मामले की सुनवाई के दौरान 23 जनवरी 2024 को कोर्ट ने GNIDA के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच के निर्देश दिए थे। जांच में कुल 11 अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषी पाया गया, जिनमें से तीन की संलिप्तता को ‘गंभीर’ माना गया और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
अधिकारियों की की जा रही थी गंभीरता से जांच
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने बताया कि, शेष आठ अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका की भी गंभीरता से जांच की जा रही है और जल्द ही उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला वर्ष 2008 से जुड़ा है जब पतवारी गांव की भूमि को LOP-03 योजना के तहत अधिग्रहित किया गया था। वर्ष 2023 में इस पर प्लॉट योजना शुरू की गई, लेकिन अधिग्रहण में भारी चूक सामने आई। अधिकारियों ने अनाधिकृत रूप से त्रुटिपूर्ण लीज बनाकर मनिंदर सिंह नागर समेत चार अन्य को जमीन आवंटित कर दी। Greater Noida News