Monday, 17 March 2025

ग्रेनो में रजिस्ट्री के लिए नहीं पहुंच रहे खरीदार

Greater Noida News : जीवन की कमाई लगाकर यमुना सिटी में घर का सपना संजोने वाले छह हजार से ज्यादा…

ग्रेनो में रजिस्ट्री के लिए नहीं पहुंच रहे खरीदार

Greater Noida News : जीवन की कमाई लगाकर यमुना सिटी में घर का सपना संजोने वाले छह हजार से ज्यादा खरीदार अब भी मालिकाना हक पाने की राह ही देख रहे हैं। हालांकि इसमें कई मामलों में खरीदारों की ओर से भी लापरवाही की जा रही है। बिल्डरों की ओर से 25 फीसदी धनराशि जमा कराने के बाद भी खरीदार रजिस्ट्री नहीं करा रहे हैं। इसमें कई खरीदार विदेश या शहर के बाहर होने के कारण पहुंच नहीं पा रहे हैं।

छह बिल्डर परियोजनाओं पर ही अमिताभ कांत समिति की सिफारिश लागू

अमिताभकांत समिति की सिफारिश लागू होने के बाद भी फरवरी से 12 अगस्त 2024 तक सिर्फ 810 खरीदारों की ही रजिस्ट्री हो पाई है। हालांकि यमुना प्राधिकरण की ओर से 11 परियोजनाओं में महज छह बिल्डर परियोजनाओं पर ही अमिताभ कांत समिति की सिफारिश लागू हो पाई है। कारण, तीन परियोजनाएं राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में विचाराधीन है। इसके अलावा दो परियोजनाओं पर बिल्डरों ने न्यायालय से उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने का आदेश पारित करा रखा है। यही कारण है कि पांच परियोजनाओं के बिल्डरों ने 25 फीसदी धनराशि नहीं जमा कराई है। इसके चलते उन परियोजनाओं के खरीदारों की रजिस्ट्री अधर में ही है। दरअसल, 21 दिसंबर 2023 को लागू की गई अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के दायरे में यमुना प्राधिकरण की 11 बिल्डर परियोजनाएं हैं। इनमें मेसर्स अजय रियलकॉन की रजिस्ट्री अधर में ही है।

अब तक 11 प्रतिशत खरीदारों को ही सफलता मिली

दरअसल, 21 दिसंबर 2023 को लागू की गई अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के दायरे में यमुना प्राधिकरण की 11 बिल्डर परियोजनाएं हंै। इनमें मेसर्स अजय रियलकॉन व स्टारसिटी डवलपर्स सबलेसी दो सबलेसी भी शामिल हंै। इन परियोजनाओं के जरिये बिल्डरों पर 5045.95 करोड़ का बकाया प्राधिकरण को जमा करना था और सिफारिशों के क्रम में इन्हें 993.07 करोड़ की छूट प्रदान की गई। न्यायिक प्रक्रिया के चलते पांच परियोजनाएं इस छूट से अगल हो गई और छह बिल्डर परियोजनाओं में 6879 खरीदार फंसे हुए थे और इसके मालिकाना हक के लिए बिल्डरों ने 25 फीसदी धनराशि 302.50 करोड़ रुपये प्राधिकरण में जमा करा दिए हैं। लेकिन, मालिकाना हक पाने में अब तक 11 प्रतिशत खरीदारों को ही सफलता मिल पाई है।

बड़े बकायेदारों ने अभी नहीं जमा की है धनराशि

यमुना प्राधिकरण के जिन पांच बिल्डरों ने 25 फीस बड़े बकायेदार हैं। सेक्टर-26ए के एसडीएस इंफ्रान डवलपर्स पर 814.26, सेक्टर-17ए के सुपरटेक सनवर्ल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पर 816.12 और सेक्टर-2 रुपये बकाया है। यह सभी न्यायिक प्रक्रिया के चलते धनराशि नहीं जमा कर पा रहे हैं। शैलेंद्र भाटिया, ओएसडी, यमुना प्राधिकरण ने बताया कि अमिताभकांत समिति की सिफारिश का लाभ लेने वाले बिल्डर परियोजनाओं में रजिस्ट्री शुरू है। प्राधिकरण व प्रशासन की ओर से कैंप लगाने समेत कई प्रकार से रजिस्ट्री के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन खरीदार न मिलने के कारण रजिस्ट्री की रफ्तार धीमी पड़ी है। Greater Noida News

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