Greater Noida News : कार चालकों की सुरक्षा और आरामदायक सफर के लिए निर्माता कंपनी अपनी कारों को एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) से लैस कर बाजार में उतार रही हैं। इस सिस्टम को इसलिए विकसित किया गया है कि वाहन चलाते समय आसपास की दुर्घटना संभावित चीज पर चालक की नजर न जाए तो यह सिस्टम अलर्ट कर देगा। अब तक इस सिस्टम के सत्यापन व प्रमाणीकरण की निर्भरता जर्मनी, दक्षिण कोरिया, यूनाइटेड किंग्डम पर है।
एडीएएस स्मार्ट सिटी को विकसित किया जा रहा
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत द आटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन आफ इंडिया (एआरएआइ) की ओर से देश की पहली एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) स्मार्ट सिटी को विकसित किया जा रहा है। दिसंबर में इसकी शुरुआत हो जाएगी। पुणे के पास ताकवे गांव में इसे विकसित किया जाएगा। इस सेंटर में कारों में लगने वाले एडीएएस का सत्यापन व प्रमाणीकरण किया जाएगा। यहां लेवल तीन तक एडीएएस का सत्यापन किया जा सकेगा। यह देश में एकमात्र सेंटर होगा, जहां लेवल तीन एडीएएस (यानी एक हद तक कार को आटोमेटिक सेटिंग में चलाया जा सकता है। चालक को सिर्फ निगरानी रखनी पड़ती है। इसका सत्यापन किया जा सकेगा। कुछ नामी वाहन निमार्ता कंपनियां सिर्फ लेवल एक व दो तक के ही एडीएएस का सत्यापन कर रही हैं। लेवल तीन के सत्यापन के लिए जर्मनी व दक्षिण कोरिया की कंपनी पर ही निर्भरता है। इस सेंटर में वर्चुअल तौर पर एडीएएस का सत्यापन व प्रमाणीकरण किया जाएगा।
दुर्घटना से करता है बचाव
ग्रेटर नोएडा में पिछले दिनों आयोजित हुए अर्बन मोबिलिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर शो में एआरएआइ ने अपने स्टाल में इस स्मार्ट सिटी को लेकर डिस्पले किया था। एआरएआइ के बिजनेस डेवलपमेंट एंड कार्पोरेट प्लानिंग विभाग के डा. अतुल ठाकरे ने बताया कि 20 एकड़ में इस सिटी को विकसित किया जा रहा है। यहां भारतीय सड़कों को ध्यान में रखते हुए स्वचालित ड्राइविंग सुविधाओं के तहत एडीएएस को विकसित किया जाएगा। सेंटर में पार्किंग असिस्ट, लेन में चलने, अडेप्टिव कूज कंट्रोल यानी सामने चल रहे वाहन की गति के हिसाब से कार की गति को करना, बाधाओं की पहचान, ट्रैफिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का पता लगाना, एडीएएस का सत्यापन व प्रमाणीकरण आदि की जांच होगी। अंडरपास व टनल से गुजर रहे वाहन में तकनीकी रुकावट न आए उसको लेकर रडार व लाइट डिटेक्टिंग एंड रेंजिंग (लिडार) विकसित होगा। लिडार सुरक्षित दूरी बनाए रखने को बाधाओं व वाहनों को ट्रैक करता है।
क्या है एडीएएस
एडीएएस की तकनीक चालक की गलती से होने वाली दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम करने में मदद करती है। यह सिस्टम मल्टी विजन-बेस्ड एल्गोरिदम पर काम करता है जो कि आसपास के स्थिति और माहौल पर नजर रखता है और दुर्घटना की आशंका पर अलर्ट करता है। सिस्टम वाहन के चारों ओर की स्थिति को देखने के लिए सेंसर का उपयोग कर चालक को जानकारी देता है। Greater Noida News
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