Greater Noida News : नोएडा के जेवर में बन रहे एयरपोर्ट को उन तमाम सुविधाओं से लैस करने की तैयारी है जिससे आवागमन करने वाले अपने पसंदीदा साधनों से अपने गंतब्य तक आनंद पूर्वक जा सकें। इसीलिए जेवर एयरपोर्ट पर प्रस्तावित ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) को ज्यूरिख हवाई अड्डे के जैसा ही विकसित किया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट तक यात्रियों की राह सुगम बनाने के लिए सार्वजनिक परिवहन के कई प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के बीच जीटीसी को स्थापित करने की तैयारी शुरू की गई है। यहां एक छत के नीचे ही परिवहन सेवा और पार्किंग की सुविधा होगी। पार्किंग सुविधाएं होने से यात्री अपने वाहन यहां छोड़ कर सीधे टर्मिनल भवन तक पहुंच सकेंगे।
सार्वजनिक परिवहन सेवा के वाहनों को जीटीसी तक लाया जाएगा
हवाई अड्डे पर व्यावसायिक संचालन शुरू होने के साथ ही तीनों प्राधिकरणों की ओर से संचालित होने वाली ई बसें, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट नई दिल्ली को जोड़ने वाली ई टैक्सी और रोडवेज बसों के साथ ही सार्वजनिक परिवहन सेवा के वाहनों को जीटीसी तक लाया जाएगा। हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 और 2 के बीच 20 एकड़ जमीन पर इसे स्थापित किया जाएगा। यहां 40 से अधिक बसों, 4,500 कारों और 3500 कर्मचारी के दोपहिया वाहनों की पार्किंग की सुविधा भी होगी। इसके लिए 81,900 वर्गमीटर (20 एकड़) जमीन को चिह्नित कर लिया गया गया है। इस जमीन पर लगभग 346,800 वर्गमीटर (85 एकड़) का कुल निर्मित क्षेत्र विकसित किया जाएगा।
एक ही छत के नीचे परिवहन और पार्किंग की सुविधा होगी
हवाई अड्डे के मास्टर प्लान के अनुसार जीटीसी का विकास तीसरे चरण में शुरू होगा। लंदन के हीथ्रो और जर्मनी के फ्रैंकफर्ट की तर्ज पर एक ही छत के नीचे परिवहन और पार्किंग की सुविधा होगी। यहां से सार्वजनिक और निजी साधनों के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी मिलेगी। भविष्य में रैपिड रेल, हाई-स्पीड रेल, बस सेवा, पॉड टैक्सी या लाइट रेल और अन्य सुविधाओं को भी इसमें आसानी से जोड़ा जा सकेगा। जीटीसी को इस तरह विकसित करने की योजना है कि एयरपोर्ट पर उतरने वाला यात्री परिवहन के अपने पसंदीदा साधन के माध्यम से अपने गंतव्य तक पहुंच सके।
ई बसों और टैक्सी के लिए होंगे चार्जिंग प्वाइंट
नोएडा एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने से पहले प्रस्तावित जीटीसी की जगह को ई बसों और टैक्सी के लिए तैयार किया जाएगा। यहां पर इन वाहनों के संचालन के लिए मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जाएगा। फिलहाल, एयरपोर्ट से व्यावसायिक संचालन शुरू होने से पहले टैक्सी, बस और अन्य वाहनों के लिए प्रस्तावित जीटीसी स्थल को तैयार कर लिया जाएगा।
मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट का केंद्र होगा जीटीसी
जीटीसी एक केंद्रीय मल्टी-मॉडल हब के रूप में काम करेगा, जो टर्मिनलों और परिवहन के विभिन्न तरीकों के बीच स्थानांतरित होने वाले यात्रियों की राह सुगम करेगा। भविष्य में यहां मेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन होंगे। इसके अलावा भूतल और ऊपरी मंजिलों पर वाणिज्यिक स्थान, रेस्तरां और लाउंज स्थापित होगा। यात्री वाहनों, टैक्सियों और बसों के लिए पार्किंग और स्टेजिंग क्षेत्र होंगे। डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ, नायल ने बताया कि जीटीसी हवाई अड्डे में विकसित एक अनूठी, बहु-स्तरीय इमारत होगी। मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के पूरा होने के साथ ही जीटीसी का निर्माण अगले 4-5 वर्षों में शुरू होने की उम्मीद है। Greater Noida News
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