Greater Noida News : उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) अंसल एपीआई बिल्डर के खरीदारों के हितों को लेकर एनसीएलटी जाएगा। इस संबंध में यूपी रेरा ने एनसीएलटी में इंप्लीडमेंट एप्लीकेशन दायर करने का फैसला लिया है। अभी एनसीएलटी के स्थगन आदेश से चार जिलों में अंसल एपीआई के खरीदार परेशान हैं। यूपी रेरा में उनकी शिकायतों पर सुनवाई रोक दी है। साथ-साथ रिकवरी सर्टिफिकेट पर वसूली रुक गई है। वसूली नहीं होने के कारण खरीदारों को 113 करोड़ रुपये अटक गया है। हालांकि यूपी रेरा ने सभी आरसी व आदेश एनसीएलटी के पास भेज दिए हैं।
खरीदारों ने की है शिकायतें
यूपी रेरा के अफसरों ने बताया कि अंसल एपीआई बिल्डर के लखनऊ के साथ-आथ आगरा, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में भी प्रोजेक्ट हैं। इन प्रोजेक्ट के खरीदारों की अब तक 2825 शिकायतें आ चुकी हैं, जिनका निस्तारण किया जा रहा है। काफी शिकायतों में खरीदारों को कब्जा दिलाया जा चुका है। जबकि काफी खरीदारों को उनकी जमापूंजी वापस करा दी है, लेकिन अब एनसीएलटी के आदेश से खरीदारों की शिकायत पर कार्रवाई को रोक दिया गया है। साथ ही सभी आरसी को वापस कर दिया गया है।
619 आरसी का 113 करोड़ रुपया है बकाया
यूपी रेरा में अब तक अंसल एपीआई बिल्डर के प्रोजेक्टों से जुड़ें खरीदारों की हजारों शिकायतें पहुंच चुकी हैं। इनमें से 2825 खरीदारों की शिकायतों का निस्तारण हो चुका है। निस्तारण के बाद 708 खरीदारों को 125.39 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। बाकी खरीदार अभी भी इंतजार कर रहे हैं। अफसरों ने बताया कि बिल्डर ने 1234 आदेशों का पालन नहीं किया है। इस पर बिल्डर के खिलाफ आरसी जारी की जा रही है। अभी 113 करोड़ की 619-आरसी पर वसूली होनी बाकी है। वहीं आदेशों का पालन नहीं करने पर बिल्डर पर जुर्माना भी लगाया गया। उसकी वसूली के लिए 19.73 करोड़ की 27 आरसी भी अभी लंबित हैं। वहीं यूपी रेरा ने लखनऊ के प्रोजेक्ट पर 14 करोड़ का अलग से जुर्माना लगाया था। बिल्डर ने यूपी रेरा के पंजीकरण के बिना भूखंडों को बेच दिया था। छह मामलों में यह जुर्माना लगाया गया।
खरीदारों के हितों को लेकर यूपी रेरा एनसीएलटी में जाएगा
खरीदारों से भी कहा गया है कि उनको अपना दावा एनसीएलटी की तरफ से नियुक्त आईआरपी के समक्ष करना होगा। अफसरों ने बताया कि एनसीएलटी के आदेश के बाद खरीदारों के हितों को लेकर चल रही कार्रवाई रुक गई है। इससे खरीदार परेशान हैं। अब खरीदारों के हितों को लेकर यूपी रेरा एनसीएलटी में जाएगा। जल्द ही एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर खरीदारों के हितों का ध्यान रखने की अपील की जाएगी। संजय भूसरेड्डी, चेयरमैन, यूपी रेरा ने बताया कि अंसल बिल्डर ने पूर्व में भी निर्माण कार्य को पूरा व यूपी रेरा के आदेशों का पालन करने में लापरवाही बरती है। अंसल अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सके और खरीदारों के हित सुरक्षित रहे, इसलिए यूपी रेरा एनसीएलटी जाएगा। दिवाला और दिवालियापन संहिता लागू होने के बाद यह पहला मामला होगा। आईआरपी के माध्यम से आरसी पर वसूली कराने का प्रयास किया जाएगा। Greater Noida News
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