Noida News : गौतमबुद्ध नगर में ऊंची इमारतों का चेहरा तो चमक रहा है लेकिन इनकी रीढ़ मानी जाने वाली लिफ्टें अब लोगों के लिए खतरा बनती जा रही हैं। लिफ्ट खराब होने की शिकायतें और हादसों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन अब पूरी तरह एक्शन मोड में आ गया है।
90% से ज्यादा लिफ्टें चल रही बिना सरकारी मंजूरी
जिले में इस समय लगभग 80 हजार से अधिक लिफ्टें विभिन्न सोसायटियों और कॉर्पोरेट बिल्डिंग्स में संचालित हो रही हैं लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से सिर्फ 7702 लिफ्टों का ही नियमानुसार पंजीकरण हुआ है। यानी 90% से ज्यादा लिफ्टें बिना सरकारी मंजूरी चल रही हैं, जो सीधे तौर पर लोगों की जान जोखिम में डाल रही हैं।
बिना रजिस्ट्रेशन लिफ्टें होंगी बंद
उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एस्केलेटर अधिनियम 2024 के तहत प्रशासन ने सख्त आदेश जारी कर दिए हैं कि जिन लिफ्टों का पंजीकरण नहीं हुआ है, उनका संचालन तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा। यह फैसला न सिर्फ नियमों की अनदेखी रोकने के लिए है बल्कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
हर दूसरे दिन लिफ्ट में फंसने की घटना
डिप्टी डायरेक्टर (विद्युत सुरक्षा) के अनुसार, लिफ्ट रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 31 मार्च 2025 तय की गई थी। अब दो महीने से अधिक समय बीत जाने के कारण रजिस्ट्रेशन न कराने वालों को तीन गुना शुल्क और ₹10,000 लेट फीस के साथ रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि जिले में लगभग हर दूसरे दिन किसी न किसी सोसायटी से लिफ्ट में फंसने या अटकने की शिकायत आती है। बावजूद इसके कई बिल्डर और सोसायटी प्रबंधन नियमों की धज्जियां उड़ाते आ रहे हैं।
RWA और AOA को जागरूकता बढ़ाने के निर्देश
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी आरडब्ल्यूए और एओए अपने-अपने सेक्टर व सोसायटी में अधिनियम की जानकारी साझा करें और लोगों को रजिस्ट्रेशन व लिफ्ट की समय-समय पर जांच के लिए प्रेरित करें।
क्या रुक जाएंगी 72,000 लिफ्टें?
अगर निर्धारित समयसीमा के भीतर लिफ्टों का रजिस्ट्रेशन नहीं होता, तो 72,298 लिफ्टों के संचालन पर ताला लग सकता है। इसका सीधा असर नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हजारों हाईराइज सोसायटियों में रहने वाले लाखों लोगों पर पड़ेगा। यह संकट सिर्फ प्रशासनिक नहीं बल्कि एक सामाजिक और सुरक्षा से जुड़ा सवाल है। अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार संस्थाएं जागरूकता दिखाती हैं या फिर किसी बड़े हादसे के बाद चेतेंगी। Noida News