Friday, 26 April 2024

Health : गन्ना भी गुणकारी, गन्ने का रस भी उपयोगी!

 विनय संकोची Health : एक समय था जब पानी मांगने वाले को पहले गुड़ की डली दी जाती थी और…

Health : गन्ना भी गुणकारी, गन्ने का रस भी उपयोगी!

 विनय संकोची

Health : एक समय था जब पानी मांगने वाले को पहले गुड़ की डली दी जाती थी और बाद में पानी। मांगलिक अवसरों पर गुड़ बांटने की परंपरा ग्रामीण इलाकों में आज भी जीवित है। आयुर्वेद ग्रंथों में मधुर रस के पदार्थों से भोजन का श्रीगणेश करने का परामर्श दिया गया है। जब मिठास की बात होती है, तो गन्ने का जिक्र जरूर आता है। गन्ने से गुड़, राब, शक्कर, खांड, बूरा, मिश्री, चीनी जैसे पदार्थ प्राप्त होते हैं, जो भोजन के साथ जीवन में भी मिठास घोलने का काम करते हैं। दक्षिण भारत में ताड़ से गुड़ और शक्कर बनाते हैं। यूरोप में चुकंदर से भी चीनी बनाई जाती है। सैकरीन के नाम सेआर्टिफिशियल चीनी भी उपलब्ध है। लेकिन इस सबके बावजूद भी चीनी प्राप्त करने का सबसे प्रमुख स्रोत गन्ना ही है। दुनियाभर में जितने क्षेत्र में गन्ने की खेती होती है, उसका करीब आधा भाग भारत में है। संस्कृत में पुण्ड्रक, अधिपत्र, इक्षु, रसालु, विपुल रस, गुडमूल, अंग्रेजी में शुगर केन, नोबेल केन, उर्दू में गन, ओड़िया में आकु, कन्नड़ में इक्षु, गुजराती में सेर्डी, मराठी में आओस, कब्बी और हिंदी में गन्ना, पोंडा, ईख, ऊख नाम से जाना जाने वाले गन्ने का सेवन ज्यादातर लोग स्वाद के लिए ही करते हैं। लेकिन गन्ना और इसका रस आदि अपने आप में औषधि भी हैं, जो अनेक रोगों के उपचार में कारगर हैं।

 

…तो आइए जानते हैं, गन्ने और उसके रस के गुण व उपयोग के बारे में-

• गन्ने को गर्म रेत या गर्म राख में गर्म करके चूसने से चीखने-चिल्लाने, ज्यादा देर तक गाने से बैठा गलत तुरंत ठीक हो जाता है।

• हिचकी साधारण समस्या है लेकिन कभी-कभी यह बड़ी परेशानी बन जाती है। 15-20 मिलीलीटर गन्ने के रस का सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।

• गन्ने का रस लीवर से संबंधित बीमारियों यथा पीलिया के लिए प्राकृतिक उपचार माना गया है। यह क्षारीय होता है और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट को संतुलित करने में सहायता करता है।

• डीहाइड्रेशन का अनुभव होते ही एक गिलास गन्ने का रस पीने से लाभ होता है। शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।

• कभी-कभी खांसी लंबे समय तक पीछा नहीं छोड़ती है। एक गिलास गन्ने के ताजा रस में अल्प मात्रा में मूली का रस मिलाकर तत्काल पीने से खांसी में लाभ होता है। इस उपाय को एक सप्ताह लगातार करने से पुरानी खांसी जड़ से समाप्त हो सकती है।

• गन्ना चूसने से हड्डियों और दातों के समुचित विकास में मदद मिलती है।

• गन्ने के रस में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट झुर्रियां कम करने और बुढ़ापे को मात देने में सहायक हो सकते हैं। गन्ने का रस फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम करने के साथ स्किन कैंसर के जोखिम को भी कम करता है।

• गन्ने में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। गन्ने के रस का सेवन करने से नाखूनों को मजबूत और सुंदर बनाने में मदद मिल सकती है।

• पेशाब से जुड़ी समस्याओं में आराम पाने के लिए गन्ने के रस का सेवन लाभदायक माना गया है। पेशाब करने में जलन, दर्द और असहजता का अनुभव होने पर गन्ने का रस संक्रमण को समाप्त कर आराम दिला सकता है।

• गन्ने के रस का सेवन करने से अनेक प्रकार के घावों को भरने में सहायता मिल सकती है। इसमें पाए जाने वाले एंटीमाइक्रोबियल गुण घाव को जल्दी भरने में सहायक होते हैं।

• टॉन्सिल की परेशानी में गन्ने के रस के सेवन से आराम मिल सकता है।

• गन्ने का रस बुखार कम करने में भी सहायक होता है। यह जुकाम और फ्लू जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में भी सहायक है।

• गन्ना चूसने या गन्ने के रस का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायता मिल सकती है। गन्ने का रस कई तरह के बैक्टिरियल तथा वायरल संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है।

• गन्ने का रस कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक हो सकता है, क्योंकि इसमें ट्राइसिन नामक एक फ्लेवोन पाया जाता है, जो एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है।

• व्यायाम के बाद गन्ने के रस का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद माना जाता है।

 जरूरी बात : गन्ने के रस का आवश्यकता से अधिक सेवन फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। जो लोग रक्त को पतला करने की दवा ले रहे हैं, उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के गन्ने के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह खून को पतला करता है। पहले से बलगम और खांसी हो तो गन्ने के रस को पीना नुकसान दे सकता है। गन्ने से निकाले जाने के पन्द्रह मिनट बाद रस खतरनाक हो जाता है, जिसके चलते पाचन तंत्र गड़बड़ा सकता है। गन्ने का रस पेट के कीड़े बढ़ाता है।

विशेष : यहां गन्ना और उसके रस के गुण और उपयोग के बारे में सामान्य जानकारी प्रस्तुत की गई है। परंतु सामान्य जानकारी चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प कदापि नहीं है। इसलिए हम किसी उपाय अथवा जानकारी की सफलता का दावा नहीं करते हैं। रोग विशेष के उपचार में गन्ना/गन्ना-रस को औषधि रूप में अपनाने से पूर्व योग्य आयुर्वेदाचार्य / आहार विशेषज्ञ से परामर्श आवश्यक है।

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