Sunday, 5 May 2024

International Yoga Day Special : योग दूर करता हृदय रोग का खतरा

  International Yoga Day Special : सैय्यद अबू साद International Yoga Day Special :  योग किसी भी मनुष्य के लिए…

International Yoga Day Special : योग दूर करता हृदय रोग का खतरा

 

International Yoga Day Special :

सैय्यद अबू साद

International Yoga Day Special :  योग किसी भी मनुष्य के लिए अमूल्य उपहार है। यदि इसे ठीक से किया जाए, तो बिना किसी दुष्प्रभाव के शरीर को स्वस्थ रखने का सबसे कारगर तरीका योग ही है। हृदय को रोग मुक्त रखने के लिए भी योग आपका मददगार हो सकता है। ऐसे समय में जब डाइट और लाइफस्टाइल सब कुछ अविश्वसनीय है, तो आप योग पर भरोसा कर सकते हैं। अध्ययनों में योग को संपूर्ण शरीर के लिए लाभकारी प्रभावों वाला बताया गया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर आप नियमित रूप से योगासनों का अभ्यास करते हैं तो ये हृदय रोगों के तमाम जोखिम कारकों को कम करके आपके हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है। आज 21 जून को विश्व योग दिवस के अवसर पर चेतना मंच के इस लेख के जरिए जानेंगे योग से हृदय रोगों को होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं…

International Yoga Day Special :

 

हर 5 में से 1 मौत का कारण हृदय रोग
हृदय रोग वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। अमेरिका में हृदय रोग से हर 33 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत होती है। साल 2023 में लगभग 7 लाख लोगों की मृत्यु हृदय रोगों से हुई, जो हर 5 मौतों में से एक मौत के बराबर है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को हृदय को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहने की सलाह देते हैं। दुनियाभर के शोधकर्ताओं ने माना है कि अगर आप नियमित रूप से योगासनों का अभ्यास करते हैं तो योग आपके हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है।

 

कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य को बेहतर रखता है योग
दिल के लिए योग कितना फायदेमंद है इसके बारे में हाल ही में कनाडा के जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित रिसर्च में योग से हृदय रोगों के लाभ का विशेष जिक्र मिलता है। उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों पर तीन महीने तक किए गए इस अध्ययन के अनुसार, कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य और इसको बढ़ावा देने वाले जोखिमों को कम करने में नियमित योगासनों का अभ्यास बहुत अधिक फायदेमंद है। योग के अभ्यास से प्रतिभागियों में सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट दोनों कम होता देखा गया जो कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए अच्छा संकेत है।

हृदय रोग के कारण को कम करता है योग
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, सिर्फ ब्लड प्रेशर ही नहीं कई और भी कारक हैं जो हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा सकते हैं, योग के अभ्यास को लगभग इन सभी को कम करते हुए पाया गया है। जॉन्स हॉप्किंस मेडिसिन द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया कि योग तनाव, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के भी स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इन सभी का बढ़ा हुआ स्तर हार्ट अटैक का एक कारण हो सकता है। हृदय गति को कम करने में भी योग के नियमित अभ्यास की आदत को लाभकारी पाया गया है।

क्या कहते हैं शोधकर्ता
पेन हार्ट एंड वैस्कुलर सेंटर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हेलेन ग्लासबर्ग कहती हैं, योग को तमाम अध्ययनों में मेटाबॉलिज्म में सुधार करके आपके कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हुए पाया गया है जो धमनियों को स्वस्थ रखने में विशेष लाभकारी है। इसके अलावा योगासनों से नींद की गुणवत्ता को भी सुधार होते भी देखा गया है, कई शोध इस तरह इशारा करते हैं कि जिन लोगों की नींद की क्वालिटी ठीक नहीं होती है उनमें हार्ट डिजीज का जोखिम अधिक हो सकता है। यदि आप नियमित योग के अभ्यास की आदत बनाते हैं तो इससे हृदय स्वास्थ्य को विशेष लाभ मिल सकता है।

International Yoga Day Special: Yoga removes the risk of heart disease
International Yoga Day Special: Yoga removes the risk of heart disease

हृदय की मजबूती में सहायक है योग
जब ‘कार्डियो’ शब्द का उल्लेख होता है तो पैदल चलना या साइकिल चलाने जैसे एरोबिक व्यायाम के किसी रूप के बारे में आमतौर पर लोग कल्पना करते हैं। हालांकि विभिन्न योगिक अभ्यास जैसे विन्यास योग, फ्लो स्टाइल योग, सूर्य नमस्कार व्यावहारिक हैं और हृदय की मजबूती में सुधार लाने के लिए प्रभावी विकल्प हैं। इस प्रकार स्वास्थ्य लाभ की प्रक्रिया में योग को एकीकृत करने से कई लाभ हो सकते है जो शारीरिक स्वास्थ्य लाभ से भी आगे जाते हैं। योग की दिनचर्या शुरू करने से पहले आपके डॉक्टर या विशेषज्ञों के साथ परामर्श करना महत्वपूर्ण है ताकि एक सुरक्षित और प्रभावी अभ्यास सुनिश्चित किया जा सके जो प्रत्येक व्यक्ति की अनोखी ज़रूरतों को पूरा करे और इस प्रकार एक संचयी और प्रगतिशील स्वास्थ्य-लाभ सुनिश्चित किया जा सके।

आपके दिल को एक्स्ट्रा केयर दे सकते हैं ये खास योगासन
1- भुजंगासन
भुजंगासन को कोब्रा पोज के नाम से भी जाना जाता है। असल में, यह आसन आपके हृदय को मजबूत करता है। साथ ही रीढ़ को लचीला व मजबूत बनाता है और पीठ दर्द से भी राहत दिलाता है।

▪️ भुजंगासन करने का तरीका
सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। पैरों के बीच की दूरी को कम करें और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें।
अब अपनी हथेलियों को कंधे के सीध में लाएं। सांस लेते हुए छाती से लेकर नाभि तक शरीर को ऊपर उठाएं।
कुछ सेकंड इसी अवस्था में बने रहे और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें।फिर गहरी सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में नीचे आ जाएं।
इस तरह से आप एक चक्र पूरा कर लेंगे।
शुरुआत में आप इस योगासन को चार से पांच बार कर सकते हैं।नियमित अभ्यास करें और चक्र की संख्या बढ़ाएं।

2- ताड़ासन
असल में, ताड़ासन हृदय गति में सुधार और ब्लड प्रेशर में संतुलन रखने के साथ-साथ हार्ट फेल्योर के मरीजों में सकारात्मक सुधार कर सकता है। ताड़ासन के जरिए हृदय को स्वस्थ रखने में सहायता मिल सकती है।
▪️ ताड़ासन करने का तरीका
सबसे पहले योग मैट को बिछा लें। अब अपने पैरों की एड़ियों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं।
फिर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाते हुए ऊपर की ओर उठाएं।
अब सांस अंदर लेते हुए शरीर का भार पंजों पर डालते हुए शरीर को ऊपर की तरफ खींचने का प्रयास करें।
कुछ सेकंड इसी स्थिति में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
अब सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक स्थिति में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम करने दें।
फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं। आप इस योग को लगभग 5-10 मिनट तक कर सकते हैं।

3- वृक्षासन
एनसीबीआई (छंजपवदंस ब्मदजमत वित ठपवजमबीदवसवहल प्दवितउंजपवद) की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध में यह देखा गया कि वृक्षासन योग मुद्रा करने से हृदय गति और सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (ैलेजवसपब ठसववक च्तमेेनतम) में प्रभावी सुधार हो सकता है।
▪️ वृक्षासन करने का तरीका
सबसे पहले आप योग मैट को बिछा लें। अब अपने पैरों को आपस में जोड़कर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं।
अब शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की सहायता से बायां तलवा, दाईं जांघ पर रख दें।
अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की मुद्रा में आ जाएं।
शरीर का संतुलन बने रहने तक थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें।
फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम करने दें।
इसके बाद यही प्रक्रिया दूसरी ओर से भी करें। इस योगासन को तीन-चार बार किया जा सकता है।

4- उत्कटासन
हृदय स्वास्थ्य के लिए उत्कटासन योग के भी लाभ देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च के अनुसार, उत्कटासन योग करने से अच्छे कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, यह सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को भी प्रभावी रूप से सुधार कर हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
▪️ उत्कटासन करने का तरीका
सबसे पहले किसी समतल जगह पर योग मैट को बिछाएं। अब दोनों पैरों के बीच में करीब 1 फीट की जगह बना लें।
फिर अपने हाथों को कंधे के समांतर आगे की तरफ सीधा कर दें।
इसके बाद धीरे-धीरे अपने घुटनों के सहारे नीचे आएं और ध्यान रहे कि एड़ियां जमीन से जुड़ी रहें।
अब घुटनों के सहारे कुर्सी के आकार में आकर उसी अवस्था में रुकने का प्रयास करें।
इस मुद्रा में रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस योग को चार-पांच बार किया जा सकता है।

5- वीरभद्रासन
इस योगासन को योद्धा की मुद्रा भी कहा जाता है। इसमें पैरों के बीच जगह बनाते हुए जमीन पर खड़े रहकर योग किया जाता है। वीरभद्रासन योग मुद्रा के लाभ भी हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
▪️ वीरभद्रासन करने का तरीका
किसी समतल जगह पर योग मैट बिछा लें।
अब पैरों को करीब 3-4 फीट की दूरी पर फैला कर खड़े हो जाएं।
हाथों को शरीर से ऊपर ले जाएं और उन्हें आपस में जोड़ लें।
इसके बाद दाहिने पैर को 90 डिग्री तक घुमाएं।
फिर शरीर को दाएं ओर घुमाएं और गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें।
दाहिना घुटना और टखना एक ही सीध में होने चाहिए।
थोड़ी देर इसी स्थिति में बने रहें और वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
शरीर को कुछ सेंकड आराम देने के बाद दूसरी ओर से भी यह प्रक्रिया करें।
आसन की यह प्रक्रिया चार-पांच बार की जा सकती है।

योग से होते हैं खास फायदे
▪️ शरीर को लचीला बनाती है योग
▪️ दूर होती है चिंता-तनाव की दिक्कत
▪️ कम होता है इंफ्लामेशन का खतरा
▪️ योग से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

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