Saturday, 27 April 2024

रचा इतिहास : 52 साल बाद फिर चांद पर उतरा अमेरिका,पहली बार प्राइवेट कंपनी ने भेजा लैंडर

US Land On Moon: अमेरिका की एक निजी कपंनी ने चांद की सतह पर पहली बार मून लैंडर उतारकर एक…

रचा इतिहास : 52 साल बाद फिर चांद पर उतरा अमेरिका,पहली बार प्राइवेट कंपनी ने भेजा लैंडर

US Land On Moon: अमेरिका की एक निजी कपंनी ने चांद की सतह पर पहली बार मून लैंडर उतारकर एक नया इतिहास रच दिया है। इंटूटिव मशीन नाम की ह्यूस्टन की ये कंपनी पहली निजी कंपनी बन गई है जिसने सफलतापूर्वक चांद पर अपना लैंडर उतारा है। साल 1972 में आखिरी अपोलो मिशन के बाद अमेरिका में बना कोई अंतरिक्ष यान अब चंद्रमा की सतह पर उतरा है। चांद पर उतरने वाले इस अंतरिक्ष यान का नाम ओडीसियस (Odysseus) या ऑडी है। यह छह पैरों वाला एक रोबोट लैंडर है जो भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार सुबह 4:30 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मालापर्ट ए नाम के क्रेटर में उतरा। चांद का दक्षिणी ध्रुव वही हिस्सा है, जिसके करीब भारत के चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर उतरा था।

अमेरिकी स्पेस कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि

जिस वक्त मून लैंडर के चांद के सतह को छूने की सामने आई थी, कंपनी के कर्मचारी खुशी से तालियां बजाने लगे। यह केवल कंपनी और कमर्शियल इस्तेमाल के लिहाज़ से ही नहीं, बल्कि अमेरिकी स्पेस कार्यक्रम के लिए भी महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। क़रीब पांच दशक बाद पहली बार इंटूइटिव मशीन्स ने ये रिकॉर्ड तोड़कर अपना ओडेसियस लैंडर चांद पर उतारा है। वहीं इस बारे में इंटुएटिव मशीन्स के सीईओ स्टीव अल्टेमस ने कहा, ‘मुझे पता है कि यह एक मुश्किल था, लेकिन हम सतह पर हैं। हम ट्रांसमिट कर रहे हैं। चांद पर आपका स्वागत है।’ नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने एक वीडियो संदेश के जरिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमने चंद्रमा पा लिया। आधी सदी के बाद अमेरिका वापस चांद पर पहुंच गया है।

 

US Land On Moon

प्राइवेट कंपनी ने भेजा लैंडर

आपको बताते चले कि यह पूरा मिशन एक प्राइवेट कंपनी का है। लेकिन नासा ने अपने वैज्ञानिक उपकरणों और टेक्नोलॉजी को चंद्रमा तक ले जाने के लिए इसे फंड किया। इस लैंडर के साथ भेजे गए नासा के पेलोड चंद्रमा की सतह के साथ अंतरिक्ष मौसम, रेडियो खगोल विज्ञान और भविष्य के लैंडरों के लिए चंद्रमा का डेटा इकट्ठा करेंगे। नासा का लक्ष्य है कि एक बार फिर इंसानों को चंद्रमा पर भेजा जाए। इस लिहाज से यह मिशन काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि ओडीसियस से एक महीने पहले एक अन्य प्राइवेट कंपनी का मिशन फेल हो गया था।

जापान और भारत भी उतरे चांद पर

अमेरिका की एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी ने जनवरी में पेरेग्रीन लैंडर के साथ चंद्रमा पर उतरने की कोशिश की थी। लेकिन लॉन्चिंग के कुछ समय बाद ही इसमें लीक की समस्या देखी गई। बाद में यह अंतरिक्ष यान धरती की कक्षा में लौट आया और जल गया। इससे पहले जापान भी चांद पर लैंडिग कर चुका है। जनवरी 2024 में जापान सफल पिनपॉइंट लैंडिंग कराने में कामयाब रहा। वहीं पिछले साल अगस्त में भारत का चंद्रयान-3 मिशन भी चांद पर उतरने में कामयाब रहा था। ओडीसियस 15 फरवरी को फ्लोरिडा से लॉन्च हुआ था और हाई स्पीड से चंद्रमा पर पहुंचा। US Land On Moon

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