Tuesday, 7 May 2024

H3N2 virus: स्वाइन फ्लू H3N2 वायरस की दस्तक, रूस में मिला पहला केस

H3N2 virus: देश और दुनिया अभी तक भी कोरोना महामारी के दंश को झेल रहे हैं। इसी बीच एक और…

H3N2 virus: स्वाइन फ्लू H3N2 वायरस की दस्तक, रूस में मिला पहला केस

H3N2 virus: देश और दुनिया अभी तक भी कोरोना महामारी के दंश को झेल रहे हैं। इसी बीच एक और वायरस ने दुनिया में दस्तक दे दी है। रुस में स्वाइन फ्लू (H3N2) वायरस का पहला केस सामने आया है। रूस में फ्लू वायरस की महामारी की बढ़ने के दौरान इसका पता चला है। रूसी संघीय सेवा-रोस्पोट्रेबनादज़ोर की प्रमुख अन्ना पोपोवा ने ये घोषणा की। कहा गया कि ये वायरस मिस्र से रूस में आया मामला है।

H3N2 virus

रुसी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पोपोवा ने कहा कि रुस महामारी के एक नए चरण से पहले की स्थिति में है। अक्टूबर 2021 से मई 2022 तक रूस में इन्फ्लूएंजा का प्रकोप पिछले सीजन की तुलना में काफी अधिक था। रूस में इन्फ्लूएंजा और सांस के वायरल संक्रमण की महामारी की स्थिति के मूल्यांकन के लिए वैज्ञानिक परिषद के तहत एक विशेष कार्य समूह बनाया गया है। इन्फ्लूएंजा और सांस के वायरल संक्रमण की महामारी की निगरानी के साथ-साथ इसकी देखरेख करने वाले नियमों को नए सिरे से तय करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

आपको बता दें कि, H3N2 वायरस या स्वाइन फ्लू वायरस एक गैर-मानव इन्फ्लूएंजा वायरस है जो आम तौर पर सूअरों में फैलता है और ये इंसान को संक्रमित करता है। आमतौर पर सूअरों में फैलने वाले वायरस स्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस होते हैं। जब ये वायरस इंसानों को संक्रमित करते हैं, तो उन्हें ‘वैरिएंट’ वायरस कहा जाता है। 2011 में पहली बार एवियन, स्वाइन और मानव फ्लू वायरस के जीन और 2009 की H1N1 महामारी के वायरस के M जीन के साथ एक विशिष्ट H3N2 वायरस का पता चला था। यह वायरस 2010 से सूअरों में फैल रहा था और पहली बार 2011 में लोगों में इसका पता चला था। 2009 के M जीन को शामिल करने से यह वायरस अन्य स्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की तुलना में मनुष्यों को अधिक आसानी से संक्रमित कर सकता है।

कैसे फैलता है यह वायरस
इन्फ्लुएंजा वायरस सूअरों से लोगों में और लोगों से सूअरों में फैल सकता है। ये संक्रमित सुअर के खांसने या छींकने पर बनने वाली संक्रमित बूंदों के माध्यम से फैलता है। अगर ये बूंदें आपकी नाक या मुंह में गिरती हैं, या आप इन्हें अंदर लेते हैं, तो आप संक्रमित हो सकते हैं। इस बात के भी कुछ प्रमाण हैं कि आप किसी ऐसी चीज को छूने से संक्रमित हो सकते हैं, जिस पर वायरस है और फिर अपने मुंह या नाक को छूने से आप संक्रमित हो सकते हैं। संक्रमित होने का तीसरा संभावित तरीका इन्फ्लूएंजा वायरस युक्त कणों को सांस से भीतर लेना है।

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