Tuesday, 30 April 2024

बैसाखी 2024: भांगड़े की थाप पर झूमता देश  

Baisakhi 2024 : लोक परंपराओं का एक और रंग बैसाखी के रूप में देशभर में दिखाई देता है. बैसाखी का…

बैसाखी 2024: भांगड़े की थाप पर झूमता देश  

Baisakhi 2024 : लोक परंपराओं का एक और रंग बैसाखी के रूप में देशभर में दिखाई देता है. बैसाखी का त्यौहार एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो लोगों की ख़ुशी और उत्साह के साथ-साथ जीवन के प्रति उत्साह का भी प्रतीक है. इस दिन को वैशाख महीने के पहले दिन के रूप में भी मनाया जाता है और यह फसलों की कटाई का त्योहार भी है. वैसाखी सिखों का एक विशेष त्योहार है. यह त्यौहार पंजाब और हरियाणा में विशेष रुप से मनाया जाता है इसी के साथ उत्तर भारत में इसे संक्रांति एवं कृषक समाज के पर्व के रुप में स्थान पाता है. बैसाखी का त्यौहार मुख्यत किसानों को समर्पित रहा है. इस दिन किसान साल भर की अपनी फसलों के लिए भगवान का आभार व्यक्त करते हैं और कटाई के बाद घर जाते हैं.

बैसाखी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

कृषि प्रधान देश भारत में कृषि से जुड़ा कोई भी विशेष कार्य किसी त्यौहार से कम नहीं माना जाता है. इसके साथ ही वैसाखी भी एक ऐसा ही त्यौहार है जो रबी की फसल के पकने का प्रतीक है. बैसाखी का त्यौहार बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन स्नान और दान का बहुत महत्व है. इस दिन को प्रेम और नये जीवन के उत्सव के रूप में लोकगीतों के साथ मनाया जाता है. इसी के साथ सिख धर्म की स्थापना से जुड़ी बैसाखी पूरी दुनिया को आकर्षित करती है. इसके अलावा इस दिन लोक परंपरा से जुड़े कई तरह के कार्य इस दिन किए जाते हैं. इस दिन लोग घरों में खास पकवानों का आनंद लेते हैं. लोक गीतों को गाया जाता है. प्रकृति पूजा होती है. सूर्य उपासना का विशेष समय होता है. यह पर्व लोक जीवन से जुड़ा हुआ है. इससे जुड़ी कई अहम बातें हैं जो इस दिन को और भी खास बनाती हैं.

बैसाखी 2024 का विशेष महत्व

इस दिन को सिख धर्म के लोग नये साल के रूप में मनाते हैं. बैसाखी का त्यौहार वैशाख माह में मनाया जाता है जो हर साल अप्रैल माह में आता है, जिसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार 13 अप्रैल साल 1699 को सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. बैसाखी का त्यौहार बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. यह दिन सिख समुदाय के लिए भी बेहद खास होता है.

भांगड़ा गिद्दे की धूम हर ओर देखने को मिलती है. सिखों के लिए बेहद खास है. हर साल बैसाखी पूरे देश में बड़ी धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है. इसके अलावा गुरुद्वारों को सजाया जाता है, गुरुद्वारों में कीर्तन आदि किया जाता है. इसके अलावा इस समय जुलूस भी निकाले जाते हैं. जिसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
आचार्या राजरानी

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