Bhavnagar Gujrat: प्राचीन भारत का इतिहास ही इतना शानदार है की जो कोई यहा आता था यहीं का हो जाता था। इसी भव्यता के कारण देश विदेशी आक्रमणकारियों का निशाना बनता रहा। गुजरात राज्य प्राचीन समय से ही समृद्ध रहा है। गुजरात का भावनगर शहर 300 साल का हो गया है । भावनगर, एक ऐतिहासिक शहर जो अपने राजसी महलों और प्रतिष्ठित स्थापत्य स्थलों के लिए जाना जाता है, जिसमें एक राजा द्वारा अपनी रानी की याद में संगमरमर से निर्मित ‘प्रेम का स्मारक’ भी शामिल है।खंभात की खाड़ी के पश्चिम में स्थित, भावनगर हमेशा से अपने उद्योगों के लिए लोकप्रिय रहा है। 1724 में भावसिंहजी द्वारा स्थापित, यह एक रियासत था, जो कि उस समय गुजरात के प्रमुख राजनीतिक केंद्र में शामिल था। भावनगर की स्थापना से पहले, राजवंश की राजधानी सीहोर में थी, लेकिन इस पर बार-बार हुए आक्रमण के बाद भावसिंहजी ने इसे सीहोर से 20 किलोमीटर दूर वाडा गांव के पास स्थानांतरित कर दिया था और इसका नाम भावनगर रखा था। स्वतंत्रता-पूर्व युग के दौरान, भागनगर गोहिलवाड के नाम से जाना जाने वाला इस क्षेत्र का प्रमुख और सबसे बड़ा राज्य था। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जिस दिन भाव नगर की स्थापना हुई वह वैशाख का तीसरा दिन था।
Bhavnagar Gujrat: पूर्व सागर मे यह शहर एक बंदरगाह के रूप मे विकसित हुआ था । दुनिया के सबसे बड़े शिप-ब्रेकिंग यार्ड, 50 किमी दूर स्थित अलंग के साथ-साथ कई बड़े और छोटे पैमाने के उद्योगों के साथ व्यापार के लिए यह हमेशा एक महत्वपूर्ण शहर रहा है। भावनगर लोकप्रिय गुजराती स्नैक ‘गांठिया’ के अपने संस्करण के लिए भी प्रसिद्ध है।19वीं शताब्दी के अंत में, भावनगर राज्य रेलवे का निर्माण किया गया था। यह भावनगर को पहला राज्य बनाया जो केंद्र सरकार की सहायता के बिना अपनी रेलवे प्रणाली का निर्माण करने में सक्षम था, जिसका उल्लेख ‘द इंपीरियल गजेटियर ऑफ इंडिया ‘में किया गया था।
इस शहर की स्थापना की तीन सदी पूरी होने के मौके पर हाल में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह अहमदाबाद से 170 किलोमीटर दूर है। यह शहर महल,मंदिर और खूबसूरत बगीचों से भरपूर है। यह गुजरात के सबसे तेजी से विकासशील शहरों में से एक है और साथ ही कई उद्योगों का घर भी है।
Bhavnagar Gujrat: झील पार्क और बगीचे:
खोडियर झील,सीहोर झील,कैलाश वाटिका,बाल घर आदि घूमने योग्य पार्क बगीचे और झील है ।सीहोर का विजय विलास महल जो देखने योग्य बनता है ।वेलवादार का राष्ट्रिय उद्यान भी दर्शनीय स्थल है ।
यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल गांधीजी संग्रहालय ,बर्टन लाइब्रेरी और मंदिर है ।
त्योहार और भाषाएं:
भावनगर में विभिन्न धर्म, मत, मजहब, संप्रदाय के लोग निवास करते हैं। इसलिए यहां पर मिले-जुले त्योहार मनाए जाते हैं। यहां का सबसे बड़ा त्योहार नवरात्रि का पर्व है। नवरात्रि के त्योहार में 9 दिनों तक माता के गरबे का आयोजन अलग-अलग गरबा मैदान में होता है जो मुख्य रूप से रात के समय ही चलता है। इसके अलावा मोहर्रम में ताजिया क्रिसमस के स्थलों के साथ उद्घोषणा करता है, यहां मौजूद गिरजाघर में भी ईसाई समुदाय के लोग ईसा मसीह की प्रार्थना करते हैं।
भनगर जिले में मुख्य रूप से गुजराती भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा यहां क्षेत्रीय दायरों को बोलचाल के लिए भी प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा हिंदी भाषा के लोग भी यहां अच्छी संख्या में हैं।
बबीता आर्या