Monday, 20 May 2024

Johnson & Johnson- टेलकम पाउडर कैंसर मामले में 8.9 अरब डॉलर का मुआवजा देने को तैयार जॉनसन एंड जॉनसन

Johnson & Johnson- जानी-मानी अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन कुछ समय से विवादों का सामना कर रही है। कंज्यूमर…

Johnson & Johnson- टेलकम पाउडर कैंसर मामले में 8.9 अरब डॉलर का मुआवजा देने को तैयार जॉनसन एंड जॉनसन

Johnson & Johnson- जानी-मानी अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन कुछ समय से विवादों का सामना कर रही है। कंज्यूमर सेफ्टी केस के तहत कंपनी के टेलकम पाउडर की बिक्री को बंद करने का आदेश दिया गया था। विवादों से बचने के लिए और सालों पुराने मुकदमे को हल करने के लिए कंपनी की तरफ से एक प्रपोजल दिया गया है, जिसके तहत कंपनी ने 8.9 अरब डॉलर का मुआवजा देने का प्रपोजल दिया है।

जॉनसन बेबी पाउडर पर लगे ये आरोप –

सन 1893 से बेबी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने 1984 से बेबी पाउडर (Johnson Baby Powder) बनाने की शुरुआत की। इस पाउडर को परिवार के अनुकूल दिखाया गया, यही नहीं साल 1999 में आंतरिक शिशु उत्पाद प्रभाग की तरफ से भी इसकी मार्केटिंग की गई। पूरी दुनिया में बेचे गए इस बेबी पाउडर की विश्वसनीयता पर तब खतरा मंडराया, जब यह बात सामने आई कि इसमें खतरनाक रासायनिक तत्व है, जो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को बढ़ावा देते हैं। साल 2018 में पहली बार जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर (Johnson Baby Powder) के अस्तित्व पर सवाल उठा।

यूएस ड्रग कंट्रोल एजेंसी (US Drug Control Agency) की एक जांच में जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर के एक नमूने में कार्सिनोजेनिक क्राइसोटाइल फाइबर पाए गए। साथ ही इस पाउडर में एक खतरनाक एस्बेस्टस फाइबर पाया गया था। ये फाइबर कैंसर बीमारी फैलाता है।

35000 महिलाओं ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के पाउडर पर गर्भाशय कैंसर फैलाने का आरोप लगाते हुए कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद अमेरिकी कोर्ट ने कंपनी पर बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए कंपनी पर 15000 करोड रुपए का जुर्माना ठोका। कंपनी पर लगे इस इल्जाम के बाद अमेरिका में इसकी बिक्री दर तेजी से नीचे गिरने लगी। आखिरकार साल 2020 में लगातार गिरते बिक्री दर को देखते हुए कंपनी में अमेरिका और कनाडा में इसकी बिक्री ही बंद कर दी। इसके बाद कंपनी के शेयरधारकों ने ब्रिटेन में जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव तैयार किया। बाद में अमेरिकी मूल के कई देशों में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

2022 में भारत में जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर (Johnson Baby Powder) की बिक्री पर लगा प्रतिबंध –

अमेरिका में जॉनसन बेबी पाउडर के बैन होने के बाद भारत में भी इसका परीक्षण शुरू हुआ। कोलकाता के एक प्रयोगशाला में हुए परीक्षण में जो रिपोर्ट सामने आए उसमें पाया गया कि यह पाउडर पीएच मानक के अनुकूल नहीं है। जिसकी वजह से बच्चों की त्वचा पर नुकसान पहुंच सकता है। जिसके बाद महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के बेबी पाउडर (Johnson Baby Powder) की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि जनवरी में मुंबई हाईकोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा दिया था।

कैंसर पीड़ितों को मुआवजा देगी Johnson & Johnson कंपनी –

सालों पुराने कंपनी पर चल रहे मुकदमों को खत्म करने के लिए कंपनी ने 890 करोड अमेरिकी डॉलर के समझौते की पेशकश की है। ये दावा किया जा रहा है कि टेलकम पाउडर प्रोडक्ट से जिन लोगों को कैंसर हुआ है उन्हें 73000 करोड रुपए का मुआवजा दिया जाएगा जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) के अनुसार अपनी सहायक कंपनी एलटीएल मैनेजमेंट एलएलसी के जरिए अगले 25 सालों में हजारों आवेदकों को 890 करोड़ अमेरिकी डॉलर का भुगतान करेगी।

Johnson Baby Powder- एक फैसले से फिर लौटेगा खोया विश्वास ???

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