Sunday, 5 May 2024

Spetsnaz के बल पर यूक्रेन में घुसी रुसी सेना,जानें कितनी ख़तरनाक़ है ये कमांडो यूनिट

Spetsnaz: यूक्रेन की सेना 3 तरफ से रूसी सेना (Russian Military) से हमले का सामना कर रही है। रूसी सेना…

Spetsnaz के बल पर यूक्रेन में घुसी रुसी सेना,जानें कितनी ख़तरनाक़ है ये कमांडो यूनिट

Spetsnaz: यूक्रेन की सेना 3 तरफ से रूसी सेना (Russian Military) से हमले का सामना कर रही है। रूसी सेना यूक्रेन (Russia Ukraine War) की सेना की तुलना में ज्यादा बड़ी है। बेहतर हथियारबंद है और सीरिया के गृह युद्ध (Syria’s Civil War) से उसे अनुभव भी मिला हैं।

यूक्रेन के शहरों पर रशिया के मिसाइलें बरस रही हैं और रशिया ने यूक्रेन का एयरबेस (Ukraine airbase) और अहम इमारतें ध्वस्त कर दी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रशिया की जो सैन्य टुकड़ी यूक्रेन में घुसी थी वो स्पेट्सनाज़ थी।

ये वही स्पेट्सनाज़ (Spetsnaz) है जिसे नाटो (NATO) के अनुसार संयुक्त सैन्य अभ्यास (Joint Military Exercise) के दौरान बेलारूस (Belarus) भेजा गया था। स्पेट्सनाज़ ने युद्ध और शांति काल में, आपात कालीन हालात में दुनिया में कई जगह पर मिशन किए हैं।

>> यह जरूर पढ़े:- पीएम मोदी ने की पुतिन से की बात, चर्चा में इन मुद्दों को उठाया

स्पेट्सनाज़ फ़ोर्स (Spetsnaz Force) क्या है?

यह रशिया की आधुनिक तकनीकी से लैस स्पेशल मिलिट्री यूनिट (Special Military Unit) है। स्पेट्सनाज़ फ़ोर्स को समझने के लिए आपको रशिया की सैन्य खुफिया सर्विस “GRU” (Glavnoye Razvedyvatelnoye Upravlenie) को समझना अधिक ज़रूरी है।

जब सोवियत यूनियन (Soviet Union) 1991 में बिखरा तब “KGB” (Komitet Gosudarstvennoy Bezopasnosti) के बाद भी सिर्फ GRU टिकी रही।

पश्चिमी देशों (Western Countries) को डर है कि, KGB आज भी टिकी हुई है। ब्रिटेनिका विश्वकोश British Encyclopedia) के अनुसार GRU अब रशिया का मुख्य इंटेलिजेंस मुख्यालय (Chief Intelligence Headquarters) है।

>> यह जरूर पढ़े:-  रूस क्यों चिढ़ता है NATO से? जानिए क्या है दुश्मनी की कहानी

इस पर 2018 में सेलिस्बरी नर्व एजेंट अटैक करने का भी आरोप लगा है। एजेंट्स (Agents) के अलावा इस सैन्य खुफिया यूनिट (Military Intelligence Unit) की अपनी कमांडो यूनिट (Commando Unit) भी है जिसे, स्पेटसनाज़ कहा जाता है।

सैन्य खुफिया यूनिट का मिशन सैन्य प्रशीक्षण और तोड़फोड़ रहता है। BBC के मुताबिक, “Spetsnaz” सोवियत काल में काफी सक्रीय रही थी और 1979 में अफगानिस्तान (Afghanistan) पर आक्रमण में भी Spetsnaz का बड़ा हाथा रहा था।

Spetsnaz के सैन्य कमांडो यूनिट को 1949 में बनाया गया। दुनिया स्पेट्सनाज़ को ” स्पेशल डेज़िगनेशन (Special Designation)” के तौर पर भी देखती है और इसे रशिया की एलाइट मिलिट्री यूनिट कहा जाता है।

>> यह जरूर पढ़े:- रूस और यूक्रेन में गहराता विवाद, अमेरिका ने लगाई पाबंदियां

स्पेट्सनाज़ की स्पेशल भूमिका

सोवियत यूनियन के बिखर कर टूटने के बाद स्पेट्सनाज़ सैनिकों को कई सुरक्षा और आतंक विरोधी कामों के लिए भर्ती किया गया।

एक स्पेट्सनाज़ यूनिट को ‘वेगा’ (Vega) भी कहा जाता रहा है। यह परमाणु (Atomic) घटनाओं से निपटने में निपुन है। दूसरी को फाकेल या टॉर्च कहा जाता है। यह बंधक (Hostage) घटनाओं से निपटने में महा रथ रखती है।

>> यह जरूर पढ़े:-  लखीमपुर खीरी में वोटिंग बाधित, शरारती तत्वों ने EVM में डाला फेविक्विक

Spetsnazमें सिलेक्शन और ट्रेनिंग

स्पेट्सनाज़ रूस की सबसे खास सेना है, जिसकी औपचारिक तौर पर पिछले 200 सालों से खुफिया सर्विस (secret service) रही है। इसलिए स्पेट्सनाज़ में सिलेक्शन और ट्रेनिंग भी कठिन है।

कुछ रशिया के वेब साइट्स पर दी गई जानकारी के मुताबिक स्पेट्सनाज़ (Spetsnaz) सैनिक बनने के लिए 5 साल तक कड़ी ट्रेनिंग लेनी होती है।

इंडक्शन प्रक्रिया (induction process) ही बहुत कड़ी है और 5 महीने तक चलती है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक यह भर्ती अक्सर दूसरी मिलिट्री यूनिट्स से स्पेशल लोगों को चुनकर होती है। और खास कर इस में उन्हें चुना जाता है “जिनके स्वभाव में डिसिप्लिन होता है।”

Related Post