Monday, 20 May 2024

World AIDS Day 2023: इन लोगों को रहता है एड्स का सर्वाधिक खतरा, क्या सचमुच में मिल गया है इसका इलाज, जाने….

World AIDS Day 2023: प्रतिवर्ष 1 दिसंबर का दिन दुनिया भर में विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता…

World AIDS Day 2023: इन लोगों को रहता है एड्स का सर्वाधिक खतरा, क्या सचमुच में मिल गया है इसका इलाज, जाने….

World AIDS Day 2023: प्रतिवर्ष 1 दिसंबर का दिन दुनिया भर में विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच एचआईवी-एड्स के प्रति जागरूकता फैलाना है। एड्स एक जानलेवा बीमारी है। इसके बारे में सभी को जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। यही वजह है कि इसके लिए एक खास दिन को चुना गया।

विश्व एड्स दिवस का इतिहास:

विश्व एड्स दिवस पहली बार 1988 में मनाया गया था। एड्स आज दुनिया की गंभीरतम बीमारियों में से एक है, जिसका अभी तक कोई समुचित इलाज नहीं खोजा जा सका है। बता दें एचआईवी वायरस रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है और अन्य ‘बीमारियों’ के प्रति इसके प्रतिरोध को कम करता है।

वर्ल्ड एड्स डे थीम 2023:

प्रतिवर्ष विश्व एड्स दिवस मनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक थीम निर्धारित की जाती है। साल 2023 में विश्व एड्स दिवस ‘समुदायों को नेतृत्व करने दे (Let Communities Lead)’ थीम के साथ मनाया जा रहा है।

World AIDS Day 2023:

एचआईवी/ एड्स से जुड़े लक्षण :

शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना :

एचआईवी संक्रमण का सबसे अहम लक्षणों में से एक है- शरीर पर लाल चकक्ते या बॉडी रैशेज होना। कभी-कभी शरीर पर पड़े इन चक्कतों में खुजली की भी समस्या होने लगती है।

बार बार बुखार आना :

यह एचआईवी और एड्स का सामान्य लक्षण है। जिसमें संक्रमित व्यक्ति को बार-बार बुखार आने की समस्या होने लगती है। लेकिन सिर्फ बुखार होना ही इस बात का संकेत नहीं की कोई व्यक्ति एचआईवी/एड्स से पीड़ित है।

गले में दर्द व सूजन :

गले में सूजन या दर्द भी एचआईवी/एड्स के कुछ लक्षणों में से एक है। एचआईवी पीड़ित व्यक्ति में इस तरीके की परेशानी धीरे-धीरे बढ़ जाती है।

सिर में तेज दर्द:

एड्स से पीड़ित महिलाओं के सिर में दर्द की समस्या अक्सर बनी रहती है।

जी मिचलाना:

एचआईवी वायरस के संक्रमण से भूख कम हो जाती है। इसके अलावा पेट भी ठीक नहीं रहता। प्रायः जी मचलाने की समस्या बनी रहती है।
इसके अलावा एचआईवी संक्रमण होने पर थकान, मुंह में अल्सर, फंगल इंफेक्शन और बैक्टीरियल वेजिनोसिस (वेजाइनल इंफेक्शन), रात को पसीना आना, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द और नाखून के रंगों को बदल जाने के लक्षण दिकह्यी देते हैं।

इन लोगों को रहता है एचआईवी/ एड्स का सर्वाधिक खतरा:

यूं तो एचआईवी/एड्स का खतरा सबके लिए होता है, जिससे बचने के लिए एहतियात बरतना जरूरी होता है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, सिर्फ सुरक्षा और सावधानी से ही इसके संक्रमण से बचा जा सकता है। परंतु कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनमे एचआईवी एड्स का खतरा सबसे अधिक होता है। जो व्यक्ति ड्रग्स का सेवन करता है, उस व्यक्ति को एचआईवी/एड्स होने का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में 35 गुना अधिक होता है। एचआईवी संक्रमण सर्वाधिक असुरक्षित यौन संबंध की वजह से होता है, ऐसे में सेक्स वर्कर्स में इस बीमारी का सबसे अधिक खतरा देखने को मिलता है। इसके अलावा ट्रांसजेंडर महिलाओं व गे कम्युनिटी में भी इस संक्रमण के फैलने के अधिक चांसेज देखने को मिलते हैं।

 क्या कहते हैं आंकड़े

विश्व स्वास्थ्य संगठन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 3.77 करोड़ लोग एड्स के साथ जी रहे थे। एचआईवी के साथ रहने वाले सभी लोगों में से 16% को यह नहीं पता था कि उन्हें 2020 में एचआईवी है। 73 प्रतिशत की 2020 में एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी तक पहुंच थी।
प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था, परंतु बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।

एड्स का नहीं कोई इलाज सिर्फ सावधानी ही बचाव :

एड्स पूरी दुनिया की एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसका अभी तक कोई प्रॉपर इलाज सामने नहीं आया है। ना तो इसके संक्रमण से बचने का कोई टीका तैयार किया गया है और ना ही अभी इसका इलाज किया जाना संभव हुआ है। मेडिकल साइंस से जुड़े लोग लगातार इस बीमारी का इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं, लेकिन अभी कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।

इस लाइलाज बीमारी से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है और वो है सावधानी। सिर्फ सावधानी बरत कर ही इस लाइलाज बीमारी से बचा जा सकता है।

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