Sunday, 19 May 2024

कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, सीज रहेंगे बैंक एकाउंट

Congress In Trouble : लोकसभा चुनाव-2024 की विधिवत घोषणा होने वाली है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले भारत के…

कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, सीज रहेंगे बैंक एकाउंट

Congress In Trouble : लोकसभा चुनाव-2024 की विधिवत घोषणा होने वाली है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले भारत के सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा। एक अदालती फैसले के अनुसार इनकम टैक्स द्वारा फ्रीज (सीज) किए गए कंाग्रेस पार्टी के बैंक खाते (एकाउंट) आगे भी सीज ही रहेंगे। स्टे की मांग करने गई कांग्रेस पार्टी को स्टे नहीं मिला है। यह मामला 210 करोड़ रूपये की वसूली से जुड़ा हुआ है।

कांग्रेस को लगा बड़ा झटका

शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। 100 साल से भी पुरानी पार्टी कांग्रेस के बैंक खाते (बैंक एकाउंट) अब लम्बे समय तक फ्रीज (सीज) रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आयकर अपीलीय प्राधिकरण (ITAT) ने शुक्रवार को कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें पार्टी ने अपने बैंक खातों पर आयकर विभाग की कार्रवाई पर स्टे की मांग की थी। दरअसल, आयकर विभाग ने कांग्रेस और यूथ कांग्रेस से जुड़े चार बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया था. आयकर विभाग ने 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है. यानी कांग्रेस को यह रकम पैनल्टी के तौर पर आयकर विभाग को देनी होगी. इसके खिलाफ पार्टी ने आयकर अपीलीय प्राधिकरण में अपील की थी, लेकिन इस अपील को खारिज कर दिया गया है। प्राधिकरण के आदेश की घोषणा के बाद कांग्रेस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने आईटीएटी से आदेश को 10 दिनों के लिए स्थगित रखने का आग्रह किया ताकि वे हाईकोर्ट में अपील दायर कर सकें. उन्होंने कहा, “चूंकि आपने स्टे आवेदन खारिज कर दिया है, इस कारण पार्टी के लिए दूरगामी परिणाम होंगे. क्या मैं अदालत से आदेश को 10 दिनों के लिए स्थगित रखने का अनुरोध कर सकता हूं ताकि मैं हाईकोर्ट जा सकूं?” अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि उन्हें इस तरह के आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है.

क्यों फ्रीज हुए खाते?

आपको यह जानना जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी के वर्ष-2018-2019 के इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ा है. आयकर विभाग ने कांग्रेस से पैनल्टी के तौर पर 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है। कांग्रेस नेता अजय माकन के मुताबिक, इस एक्शन के दो कारण हैं. पहला- हम लोगों को 31 दिसंबर 2019 तक अपने अकाउंट से संबंधित जानकारी आयकर विभाग को देनी थी. उस समय 40-45 दिन लेट रिटर्न सब्मिट किया था. आमतौर पर भी लोग 10-15 दिन लेट हो जाते हैं. दूसरा कारण यह है कि 2018-19 चुनावी वर्ष था. उस चुनावी वर्ष में कांग्रेस के 199 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. उसमें से 14 लाख 40 हजार रुपए कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने अपने वेतन का हिस्सा जमा करवाया था. ये पैसा कैश में जमा किया गया था. कैश में पैसा आने की वजह से आयकर विभाग ने कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपए की पैनल्टी लगा दी है।

Congress In Trouble

सुनवाई के दौरान एडवोकेट तन्खा ने तर्क दिया कि आईटी के दावे के विपरीत, राजनीतिक दल फंड के लिए विवश है, खासकर क्योंकि उसे आगामी चुनावों के लिए अपने अभियान के वित्तपोषण के लिए संसाधनों की आवश्यकता है. तन्खा के मुताबिक, अगर पार्टी आगामी चुनाव में केवल 350 सीटों पर भी चुनाव लड़ती है, तो उसे प्रत्येक उम्मीदवार के खर्च का 50 प्रतिशत वहन करना पड़ सकता है, जो एक महंगा मामला साबित हो सकता है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के मुताबिक लोकसभा चुनाव में एक उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. 21 फरवरी को, आईटी ने तर्क दिया था कि राजनीतिक दल के पास 657 करोड़ रुपये का कोष, 340 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति के अलावा 380 करोड़ रुपये की नकद है. आगे तर्क दिया गया कि इससे आगामी चुनावों में कांग्रेस की गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इसलिए मांग पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है.

इस प्रकार लोकसभा चुनाव की विधिवत घोषणा से चंद दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी को यह बड़ा झटका लगा है। राजनीतिक तौर पर तो कांग्रेस को रोज ही झटके लग रहे हैं। आर्थिक तौर पर यह बड़ा झटका माना जा रहा है।

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