Friday, 26 April 2024

Dara Singh : एक ऐसा पहलवान जो आजीवन अपराजित रहा, देश को गौरवान्वित करने का अदभुत जज़्बा था उसमे

  सुशील कुमार शर्मा,स्वतंत्र पत्रकार Dara Singh :  रुस्तम-ए-हिन्द दारा सिंह ने रेसलिंग के इतिहास में ऐसी मिसालें कायम की…

Dara Singh : एक ऐसा पहलवान जो आजीवन अपराजित रहा, देश को गौरवान्वित करने का अदभुत जज़्बा था उसमे

 

सुशील कुमार शर्मा,स्वतंत्र पत्रकार

Dara Singh :  रुस्तम-ए-हिन्द दारा सिंह ने रेसलिंग के इतिहास में ऐसी मिसालें कायम की हैं, जो कभी भूली नहीं जा सकतीं।उनका जन्म आज ही के दिन 19 नवंबर 1928 को हुआ था। दारा सिंह अपने ज़माने के विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान थे । उन्होंने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जॉर्ज गारडियान्का को पराजित करके कॉमनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। 1968 में वह अमेरीका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बने। उन्होंने 55 वर्ष की आयु तक पहलवानी की और पाँच सौ मुकाबलों में किसी एक में भी पराजय का मुँह नहीं देखा। 1983 में उन्होंने अपने जीवन का अन्तिम मुकाबला जीतने के बाद, कुश्ती से सम्मानपूर्वक संन्यास ले लिया था।

Dara Singh :

1960 के दशक में पूरे भारत में उनकी फ्री स्टाइल कुश्तियों का बोलबाला रहा। बाद में उन्होंने अपने समय की मशहूर अदाकारा मुमताज़ के साथ हिन्दी की स्टंट फ़िल्मों में काम करना शुरू किया। दारा सिंह ने कई फ़िल्मों में अभिनय के अलावा, निर्देशन और लेखन भी किया। उन्हें टी.वी धारावाहिक रामायण में हनुमान के अभिनय से काफी लोकप्रियता मिली। उन्होंने पंजाबी में अपनी आत्मकथा लिखी थी, जो 1993 में हिन्दी में भी प्रकाशित हुई। उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने राज्य सभा का सदस्य मनोनीत किया। वह अगस्त 2003 से अगस्त 2009 तक, पूरे छ: वर्ष राज्य सभा के सांसद रहे। साल 2018 में डब्लूडब्लूई ने दारा सिंह को एक बेहद खास सम्मान से नवाज़ा और ‘हॉल ऑफ फेम-2018’ की लैगेसी विंग में शामिल किया। 12  जुलाई 2012 को दिल का दौरा पड़ने के बाद, उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

Dara Singh :

मुझे गर्व है कि  1980 के दशक में  जब दारा सिंह गाजियाबाद आये थे तो उनसे, उनके छोटे भाई रन्धावा से और उनके बड़े पुत्र प्रमुध्न से दिवंगत सांसद सुरेन्द्र प्रकाश गोयल के निवास पर मेरी सौहार्दपूर्ण भेंट हुई थी। हमने साथ बैठकर लस्सी भी पी। यह उसी समय का यादगार चित्र है।इस चित्र में मेरे (सुशील कुमार शर्मा) एक ओर दारा सिंह बैठे हैं तथा दूसरी ओर उनकी सभी स्टंट फिल्मों में उनके सह कलाकार रहे पहलवान अभिनेता हैं। इस पहलवान अभिनेता को मैंने अपने विजय सुपर स्कूटर पर गाजियाबाद की सैर भी करायी थी। दारा सिंह तथा उनके साथ आये सभी पहलवानों ने गाजियाबाद आगमन पर शहीद चन्द्रशेखर आजाद व शहीद भगत सिंह की प्रतिमाओं पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी।उस समय सड़क पर अपार भीड़ इकट्ठी हो गई थी। दारा सिंह के साथ आए पहलवान रेलवे रोड स्थित रेनबो होटल में ठहराये गये थे। वहां भी उन्हें देखने के लिए सड़क पर अपार भीड़ इकट्ठी हो गयी थी। पहलवानों ने होटल के छज्जे में आकर भीड़ का अभिवादन भी किया था।  मैंने उस अभिनेता पहलवान को शहर घुमाकर ऐसी भीड़ के बीच से निकालकर होटल तक पहुंचाया था। दारा सिंह और उनके साथ आये पहलवानों ने तब तारा की प्याऊ के सामने स्थित मिलट्री ग्राउंड और रामलीला मैदान जी टी रोड पर  फ्रीस्टाइल कुश्तियों का प्रदर्शन मुकाबला किया था। देश के महान पहलवान अभिनेता दारा सिंह को उनके जन्मदिन पर नमन है।

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