Sunday, 19 May 2024

विश्व प्रसिद्ध कवि ने चुनाव आयोग को बताया अपंग

Election Commission : भारत का चुनाव आयोग (Election Commission of India) एक अपंग चुनाव आयोग है। यह बात हम नहीं कह…

विश्व प्रसिद्ध कवि ने चुनाव आयोग को बताया अपंग

Election Commission : भारत का चुनाव आयोग (Election Commission of India) एक अपंग चुनाव आयोग है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि विश्व प्रसिद्ध कवि तथा शायर उदय प्रताप सिंह ने यह बात कही है। भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) यानि की भारतीय निर्वाचन आयोग  (Election Commission of India)  को लेकर उदय प्रताप सिंह ने एक विश्लेषण लिखा है। इस विश्लेषण में उन्होंने इस समय चुनाव आयोग को अपंग यानि कि विकलांग चुनाव आयोग (Election Commission) बताया है। एक स्थान पर उन्होंने चुनाव आयोग (Election Commission) की तुलना गांधी जी के तीन बंदरों से की है।

Election Commission

प्रधानमंत्री बनाम चुनाव आयोग

दुनिया भर में प्रसिद्ध कवि तथा शायर उदय प्रताप सिंह ने लिखा है कि जिस प्रकार से अपने पद की मर्यादा को तिलांजलि देकर, धार्मिक संकीर्णता और भाषा की गिरावट के साथ विपक्ष पर झूठा मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं,और भारत का चुनाव आयोग (Election Commission) अपगं बना हाथ पर हाथ रखकर अनसुनी किये जा रहा है, कि किस तरह से मोदी जी संविधान की अपेक्षाओं और मान्यताओं का ,लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन करके धर्म के नाम पर  राम के नाम पर  असत्य बातें कर रहे हैं उनका कहना है कि कांग्रेस यादि सत्ता में आई तो सर्वोच्च न्यायालय का राम मंदिर पर फैसला उलट कर मंदिर में ताला डलवा देंगे और धारा 370 को फिर लागू कर देंगे, मुसलमान को आरक्षण देंगे राष्ट्रीय संपत्ति मुसलमान में बांट देंगे वह भी पिछड़ों और दलितों का आरक्षण काम करके, या हिंदू स्त्रियों के मंगलसूत्र अल्पसंख्यकों को पहुंचा देंगे उनकी राय में इन खतरों से देश को बचाना है इसलिए उन्हें 400 सांसदों के साथ सरकार बनाने की आवश्यकता पड़ रही है ।

यह बातें झूठी और मनगढ़ंत है और बहुत खतरनाक है विघटनकारी हैं देश को बांटने वाली है और देश के हित के विरुद्ध है लोकतांत्रिक प्रधानमंत्री की गरिमा के नीचे की बातें हैं। चुनाव के दौरान पक्ष और विपक्ष की अहमियत चुनाव आयोग के लिए एक सी होनी चाहिए ।अब कोई प्रधानमंत्री पद पर बैठा हुआ आदमी यह कहे की कोई सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलट सकती है तो यह हास्यस्पद तो है ही समझदारों के लिए , लेकिन अचरज तो तब होता है कि जिस चुनाव आयोग (Election Commission) को संज्ञान लेकर प्रधानमंत्री को नोटिस देना चाहिए था वह गांधी जी के तीन बंदर बना बैठा है।  पिछली बार शर्म का सौदा एक छोटा सा नोटिस दिया वह भी बीजेपी के अध्यक्ष को दिया सीधा प्रधानमंत्री जी को देने का साहस शायद चुनाव आयोग नहीं जुटा पाया ।

जिस प्रकार चुनाव आयोग (Election Commission)  में नियुक्तियां की गई थी  उनको याद करके तो ऐसा लगता है की यह सब कुछ सुनियोजित ढंग से सोची समझी रणनीति के अनुसार किया जा रहा है । मोदी जी ने अपने बचाव की पेशबंदी कर दी थी।

मैं तो कहता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय को  इस बात का संज्ञाप लेना चाहिए  स्वत: संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय संविधान का संरक्षक है ,और संविधान के मंशा के विरुद्ध यदि चुनाव में कोई कार्यवाही हो रही है तो सर्वोच्च न्यायालय को चुनाव आयोग को भी निर्देश देना चाहिए और जो व्यक्ति  या दल संविधान की प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं , उन पर भी कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए।

जब बे सिर पैर की छोटी संकीर्ण बाते प्रधानमंत्री जी बोलते हैं तो हिम्मत करके उनके छुटभैये भी इसी प्रकार की बातें करते हैं योगी जी कभी गाय की बात करते हैं कहते हैं की यादें इंडिया गठबन्धन सरकार सत्ता में आई तो गोकुशी शुरू कर दी जाएगी अब ऐसी बेतुकी बातें ध्रुवीकरण के लिए की जा रही है ,जिससे उन्हें चुनावी फायदा हो सके यह कम से कम अक्ल रखने वाला आदमी भी समझता है। लेकिन हमारा चुनाव आयोग नहीं समझ पा रहा तब हमें लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब भारत के संविधान को पलट कर लोकतंत्र की जगह यहां तानाशाही की सरकार देश को संभालेगी।

मोदी बनाम तानाशाही

वैसे वास्तविकता यह है कि मोदी जी की तानाशाही में आज की तारीख में भी कोई कमी नहीं है उन्होंने संविधान को तो उठाकर तख पर रख दिया है जिस प्रकार उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति की नीलामी की है स्वत ता प्राप्त संस्थाओं को निष्क्रिय किया है जिस प्रकार लोकतंत्र के चौथे खंबे को ध्वस्त कर दिया है जिस प्रकार पूंजी पतियों को और पैसा दिए जा रहे हैं उनका कर्ज माफ किया जा रहे हैं किसानों पर अत्याचार हो रहे हैं बेरोजगारी महंगाई भ्रष्टाचार भुखमरी दुनिया के सूचकांक में हमारे देश में शर्मनाक हद तक पहुंच चुके हैं लेकिन उनका कहीं चर्चा नहीं होता उन्हें धर्म की आड़ में हिंदुत्व के परदे में छुपा दिया जाता है और धार्मिक भावनाओं का शोषण करके वोट प्राप्त किया जाता है जैसे की हिटलर से लेकर अन्य तानाशाह पहले करते रहे हैं और उसके परिणाम स्वरूप उन देशों की जो हालत हुई है वह इतिहास में लिखा हुआ है इसलिए हमको बड़ी जागरूकता से अपना काम करना चाहिए और वोट देना चाहिए यही मेरी आपसे प्रार्थना है जय हिंद

कौन है उदय प्रताप सिंह

उदय प्रताप सिंह भारत के जाने-माने कवि, साहित्यकार तथा गजलकार हैं। उदय प्रताप सिंह 90 वर्ष के हो चुके हैं। कुछ अर्सा पूर्व उदय प्रताप सिंह का परिचय चेतना मंच ने एक वीडियो के द्वारा अपने पाठकों से कराया था। आप इस वीडियो को देखकर उदय प्रताप सिंह को आप पूरी तरह से जान जाएंगे।  Election Commission

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