Sunday, 19 May 2024

सैम पित्रोदा के कारण गुस्से से आग बबूला हुए PM मोदी, किया बड़ा पलटवार

Sam Pitroda : सात समन्दर पार अमेरिका में बैठा हुआ सैम पित्रौदा ( Sam Pitroda ) भारत की राजनीति के केन्द…

सैम पित्रोदा के कारण गुस्से से आग बबूला हुए PM मोदी, किया बड़ा पलटवार

Sam Pitroda : सात समन्दर पार अमेरिका में बैठा हुआ सैम पित्रौदा ( Sam Pitroda ) भारत की राजनीति के केन्द में आग गया है। अमेरिका में बैठे हुए सैम पित्रौदा  ( Sam Pitroda )  ने एक बार फिर विवादित बयाना दिया है। सैम पित्रौदा के ताजा बयान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुस्से से आग बबूला हो गए हैं। PM मोदी ने एक जनसभा में जोर देकर कहा कि आज मैं बहुत गुस्से में हूं। PM मोदी ने सैम पित्रौदा के बयान को गुस्से का सबसे बड़ा कारण बताया।

Sam Pitroda

सैम पित्रौदा ने दिया है विवादित बयान

आपको बतादें कि भारत में पैदा हुआ सैम पित्रौदा अमेरिका में रहता है। सैम पित्रौदा लगातार विवादित बयान देता रहता है। मंगलवार को सैम पित्रौदा ने एक कार्यक्रम में यह विवादित बयान दिया है। दरअसल सैम पित्रौदा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सैम पित्रौदा को बोलते हुए सुना जा सकता है। इस वीडियो में सैम पित्रौदा कहते हैं कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं। लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता। हम सभी भाई-बहनें हैं। उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं. ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है।

गुस्से में आए सैम पित्रौदा

सैम पित्रौदा के इस बयान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुस्से से आग बबूला हो गए। उन्होंने सैम पित्रौदा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मैं आज बहुत क्रोध में हूं। मेरे क्रोध का कारण शहजादे (राहुल गांधी) के अमेरिका वाले अंकल का बयान है। शहजादे के अंकल ने भारतवासियों की तुलना चमड़ी के आधार पर की है। तेलंगाना प्रदेश की एक जनसभा में पीएम…. मोदी ने कहा कि शहजादे के एक अंकल ने आज ऐसी गाली दी है, जिसने मुझे गुस्से में भर दिया है। संविधान सिर पर रखने वाले लोग देश की चमड़ी का अपमान कर रहे हैं।  गुस्से में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने अपने कार्यकाल में आदिवासी बेटी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया लेकिन कांग्रेस ने इसका भरपूर विरोध किया। मैं बहुत सोच रहा था कि द्रौपदी जी जिनकी बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है, आदिवासी समाज की बेटी है। उसको हम राष्ट्रपति बना रहे हैं तो कांग्रेस उन्हें हराने के लिए इतनी मेहनत क्यों कर रही है? मुझे समझ नहीं आता था। मैं सोचता था कि शहजादे का दिमाग ऐसा ही है इसलिए विरोध कर रहे हैं लेकिन मुझे आज पता चला कि कांग्रेस पाटी का मुर्मू को हराने के लिए मैदान में क्यों उतरी थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पता चला कि अमेरिका में शहजादे के एक अंकल रहते हैं, ये शहजादे के अंकल फिलोसॉफर गाइड हैं। जैसे क्रिकेट में थर्ड अंपायर है, उसी तरह ये शहजादे कंफ्यूजन में थर्ड प्लेयर से सलाह लेते हैं। आज शहजादे के इन्हीं फिलोसॉफर अंकल ने बड़ा रहस्य खोला है। उन्होंने कहा है कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, ये सब अफ्रीका के हैं. मतलब मेरे देश के अनेक लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर उन्होंने इतनी बड़ी गाली दे दी। तब जाकर मुझे समय आया कि चमड़ी का रंग देखकर इन्होंने मान लिया था कि द्रौपदी मुर्मू अफ्रीकी हैं और इसलिए उनकी चमड़ी का रंग काला है तो उनको हराना चाहिए. ये सोच आज पहली बार मुझे पहली बार पता चली।

पीएम मोदी ने कहा कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, क्या ये सब अफ्रीका के हैं? मेरे देश के लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर इन्होंने गाली दी है. अरे चमड़ी का रंग कोई भी हो, हम तो श्रीकृष्ण की पूजा करने वाले लोग हैं. शहजादे आपको जवाब देना होगा। चमड़ी के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान देश सहन नहीं करेगा और मोदी तो कतई सहन नहीं करेगा।

कौन हैं अमेरिका में बैठा हुआ सैम पित्रोदा ?

सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। सैम पित्रोदा की पहचान टेलीकॉम इन्वेंटर और एंटरप्रेन्योर के तौर पर है। वो लगभग 50 साल से टेलीकॉम और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं। भारत के ओडिशा के तितिलागढ़ में गुजराती परिवार में 1942 में सैम पित्रोदा का जन्म हुआ था। सात भाई-बहनों में सैम पित्रोदा तीसरे नंबर पर हैं। गुजरात के एक बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने वड़ोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर्स डिग्री ली। आगे की पढ़ाई के लिए वो अमेरिका चले गए. 1964 में शिकागो के इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने फिजिक्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद 1965 में सैम पित्रोदा टेलीकॉम इंडस्ट्री से जुड़ गए। 1975 में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किया था। ये उनका पहला पेटेंट था। अपने करियर में उन्होंने कई पेटेंट दाखिल किए. उन्होंने मोबाइल फोन पर बेस्ट ट्रांजेक्शन टेक्नोलॉजी का पेटेंट भी दायर किया था।

सैम पित्रोदा का परिवार गांधीवादी रहा है। कांग्रेस से उनकी नजदीकियां भी रही थीं। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सैम पित्रोदा को भारत लौटने को कहा। इंदिरा गांधी के कहने पर वो भारत लौट आए. भारतीय नागरिकता लेने के लिए उन्होंने अपनी अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी। वो इसलिए क्योंकि भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान है। भारत लौटने के बाद 1984 में ही उन्होंने टेलीकॉम पर काम करने वाली एक स्वायत्त संस्था सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स की शुरुआत की।

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने, तो पित्रोदा उनके सलाहकार बन गए. 1987 में राजीव गांधी ने उन्हें टेलीकॉम, वाटर, शिक्षा, इम्युनाइजेशन, डेरी और ऑयलसीड्स से जुड़े छह टेक्नोलॉजी मिशन का हेड नियुक्त किया. भारत की इन्फोर्मेशन इंडस्ट्री में बदलाव करने के लिए उन्होंने राजीव गांधी के साथ मिलकर कई सालों तक काम किया. उनका काम भारक के हर कोने तक डिजिटल टेलीकॉम का विस्तार करना था।

भारत में कई सालों तक काम करने के बाद 1990 के दशक में पित्रोदा वापस अमेरिका लौट आए. यहां शिकागो में रहते हुए उन्होंने कई कंपनियां शुरू कीं. मई 1995 में वो इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन WorldTel इनिशिएटिव के पहले चेयरमैन बने।

2004 में जब कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए सरकार बनी, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पित्रोदा को नेशनल नॉलेज कमीशन का अध्यक्ष बनने के लिए आमंत्रित किया. मनमोहन सिंह के न्योते पर पित्रोदा दोबारा भारत लौटे. 2005 से 2009 तक पित्रोदा नेशनल नॉलेज कमीशन के अध्यक्ष रहे। 2009 के चुनाव के बाद यूपीए सरकार जब दोबारा सत्ता में आई तो अक्टूबर 2009 में उन्हें मनमोहन सिंह का सलाहकार नियुक्त किया गया। इसके साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया था।  Sam Pitroda

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