चंडीगढ़. कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगें सरकार से मनवाने के बाद किसान (Farmers) अब चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि किसान आज यानी शनिवार को अपने राजनीतिक मोर्चे या राजनीतिक दल (Farmers Political Party) की घोषणा कर सकते हैं. इसके लिए चंडीगढ़ में अधिवेशन बुलाया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किसान नेता अब सीधे तौर पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. उन्हें शनिवार के चंडीगढ़ में मौजूद रहने को कहा गया है. माना जा रहा है कि शनिवार को चंडीगढ़ में ही किसानों के राजनीतिक फ्रंट या पार्टी राजनीतिक दल (Farmers Political Party) की घोषणा की जाएगी. कहा जा रहा है कि 20 से 25 किसान संगठन इस राजनीतिक फ्रंट या पार्टी का हिस्सा होंगे. अभी संभव है कि वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल इस अभियान का नेतृत्व करें. सूत्रों का यह भी कहना है कि बाद में बड़े स्तर पर यह फ्रंट या दल आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ सकता है.
किसान नेताओं रुल्दू सिंह मानसा और सुखदर्शन नट ने इस बात की पुष्टि की है कि जो किसान नेता राजनीति में आने के इच्छुक हैं, उन्हें शनिवार के चंडीगढ़ पहुंचने के लिए कहा गया है. उनका कहना है कि अभी कुछ साफ नहीं कहा जा सकता है लेकिन संभव है कि इस राजनीतिक फ्रंट में करीब दो दर्ज किसान संगठन जुड़ें.
पंजाब के कई किसान संगठन आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं. लेकिन इनमें से अधिकांश शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस या बीजेपी जैसे दलों के साथ जुड़ना नहीं चाहते हैं. वहीं बड़ी संख्या में लोग और ऐसे संगठन जिनमें आईएएस, आईपीएस, सैन्यकर्मी जुड़े हैं, वे किसानों से अपील कर रहे हैं कि वे सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनें. वहीं बीकेयू (क्रांतिकारी) के नेता सुरजीत सिंह फूल और 7 अन्य समूह अन्य किसान नेताओं की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के खिलाफ हैं.