Sunday, 5 May 2024

Kerala News: पीड़ा से गुजरी छात्रा ने सुनाई आपबीती: नहीं था दुपट्टा, बालों से खुद को ढंका

Kerala: केरल के कोल्लम जिले में 17 जुलाई को मार्तोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (एमआईआईटी) में नीट परीक्षा से पहले…

Kerala News: पीड़ा से गुजरी छात्रा ने सुनाई आपबीती: नहीं था दुपट्टा, बालों से खुद को ढंका

Kerala: केरल के कोल्लम जिले में 17 जुलाई को मार्तोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (एमआईआईटी) में नीट परीक्षा से पहले जांच के नाम पर लड़कियों के इनरवियर उतरवाए गए थे। इनमें से एक छात्रा के पिता ने एफआईआर कराई है। अभी तक पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

नीट परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान जिन छात्राओं को इस भयावह अनुभव से गुजरना पड़ा, उनमें से एक छात्रा ने अपनी पीड़ा बयां की। छात्रा ने कहा कि तीन घंटे तक परीक्षा के दौरान हम घबराए हुए थे। हमारी मानसिक हालत अस्थिर थी। हमारे इनरवियर उतरवा लिए गए थे। हमारे पास दुपट्टा नहीं था और हम लड़कों के साथ बैठकर परीक्षा दे रहे थे। हमें अपने बालों से खुद को ढंकना पड़ा। यह सब बहुत बुरा एक्सपीरिएंस था। छात्रा ने बताया कि जांच प्रक्रिया के बाद जिन लड़कियों की ब्रा में मेटल हुक था, उन्हें एक तरफ किया गया। फिर एक-एक करके हमें एक रूम में भेजा गया और हमसे इनरवियर हटाने को कहा गया। जब मैं कमरे में दाखिल हुई तो मैंने वहां जमीन पर पड़े हुए इनरवियर देखे।

जब हम सब पेपर देकर लौटे तो सभी लड़कियां परेशान थीं कि हमें हमारे इनरवियर मिलेंगे भी कि नहीं। किस्मत से मुझे मेरा इनरवियर मिल गया, लेकिन एक लड़की को नहीं मिला, जिसके बाद वह रोने लगी। उसका रोना सुनकर वहां मौजूद अधिकारी पूछने लगे कि वह रो क्यों रही है। उन्होंने हमसे कहा कि यह जांच प्रक्रिया का हिस्सा है। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह थी कि हमसे कहा गया कि हम अपने इनरवियर हाथ में लेकर ही एग्जाम सेंटर से बाहर चले जाएं, लेकिन हम सभी लड़कियां नहीं मानीं और फिर से उसी रूम में जाकर इनरवियर पहने। इसके बाद ही हम सेंटर से बाहर निकले।

इस मामले में पुलिस ने पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया है। इनमें से तीन महिलाएं परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से थीं, जबकि दो महिलाएं कॉलेज से थीं। पुलिस को इस बारे में तीन शिकायतें मिली हैं। वहीं, एनटीए ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि विदेश और संसदीय मामलों के राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन और केरल के अन्य जनप्रतिनिधियों ने इस संबंध में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की है। इस बारे में केरल की शिक्षा और सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. आर बिंदू ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री को एक पत्र लिखा है।

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