MBBS In Hindi : मेडिकल शिक्षा में एमबीबीएस की पढ़ाई अहम योगदान रखती है। एमबीबीएस करने के लिए जहां मेडिकल छात्र विदेश जाते हैं, वहीं भारत के कई राज्यों में बड़े संस्थानों द्वारा एमबीबीएस कराई जाती है। अभी तक यह पढ़ाई केवल अंग्रेजी में ही होती आई है। विश्व के कई देश अपनी मातृभाषा में भी इसे कराते हैं, लेकिन भारत का मध्य प्रदेश विश्व का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां पर एमबीबीएस की पढ़ाई अपनी मातृभाषा हिन्दी में कराई जाएगी।
आपको बता दें कि देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन दिन पहले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गए थे। जहां पर उन्होंने हिंदी में अनुवाद की गई एमबीबीएस प्रथम वर्ष की तीन किताबों का विमोचन किया था। इसी के साथ मध्य प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में इस साल से एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में होगी। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जिन तीन किताबों का विमोचन किया था, उनके नाम एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो केमिस्ट्री हैं। इसी के साथ मध्य प्रदेश हिंदी में एमबीबीएस कोर्स शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है।
आपको यह भी बता दें कि विश्व के अधिकांश देशों में एमबीबीएस की शिक्षा उनकी मातृभाषा में भी कराई जाती है। ऐसे में भारत के मध्य प्रदेश में हिन्दी में एबीबीएस की पढ़ाई शुरु किए जाने से उन मेडिकल के उन छात्रों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी, जो अपनी मातृभाषा में ही शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि हिंदी में मेडिकल की शिक्षा होने से चिकित्सक बनने के बाद मेडिकल छात्र रोगी को हिन्दी में आसानी से समझा भी सकेंगे। इसका फायदा यह होगा कि कम पढ़ा लिखा व्यक्ति भी अपने गंभीर रोगों के बारे में आसानी से समझ सकेगा।
मध्य प्रदेश सरकार की इस पहल के बाद अब यूपी सरकार भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में कराने की तैयारी कर रही है। इसकी घोषणा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है। उन्होंने कहा है कि अगले साल से उत्तर प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में भी शुरू होगी। सीएम योगी ने यह घोषणा एक ट्वीट के जरिए की है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ”उत्तर प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की कुछ पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कर दिया गया है। आगामी वर्ष से प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में इन विषयों के पाठ्यक्रम हिंदी में भी पढ़ने के लिए मिलेंगे।”