Friday, 26 April 2024

समलैंगिक शादी का देशभर में विरोध : राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट से कही ये बड़ी बात ?

Same-Sex Marriage : समलैंगिक शादी को मान्यता देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। अब…

समलैंगिक शादी का देशभर में विरोध : राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट से कही ये बड़ी बात ?

Same-Sex Marriage : समलैंगिक शादी को मान्यता देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। अब देश की कई संस्थाएं इसके खिलाफ आ गई हैं और राष्ट्रपति से लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस तक को लेटर लिखे गए हैं। जिन संस्थाओं ने लेटर जारी किए हैं, उनमें चिश्ती मंजिल सुफी खानकाह, ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज और द कम्यूनियन ऑफ चर्चेज इन इंडिया प्रमुख हैं।

Same-Sex Marriage

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम मसाज

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम मसाज ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर लिखा है, जिसमें कहा है कि भारत विभिन्न धर्म व आस्थाओं व प्राचीन संस्कृति का देश है। इसमें स्त्री-पुरूष को परिवार की संरचना का अंग बताया गया है। इसलिए समलैंगिक विवाहों को मान्यता देना विवाह रूपी संस्था पर घातक प्रहार होगा। विवाह का मतलब सिर्फ यौन सुख की प्राप्ति नहीं है बल्कि भविष्य की सामाजिक संरचना से जुड़ा हुआ है। लेटर में कहा गया है कि समलैंगिकता धर्म, संस्कृति और भारतीय जनमानस की भावनाओं के विपरीत है। इसलिए यह याचिका खारिज की जानी चाहिए।

इन संस्थाओं ने भी जताया विरोध

द कम्यूनियन ऑफ चर्चेज ऑफ इंडिया ने भारत की राष्ट्रपति को लेटर लिखा है, जिसमें कहा है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की याचिका के बारे में सुनकर हम सभी शॉक्ड हैं। क्रिस्चियन मान्यता के अनुसार हर व्यक्ति का जन्म होता है और उनके माता-पिता होते हैं। ऐसे में समलैंगिक शादी को मान्यता देना कहीं से भी उचित नहीं है। हम होमोसेक्सुअल मैरिज को स्वीकार नहीं करते हैं, इसलिए आपसे अनुरोध है कि इसे कतई मंजूर न किया जाए। वहीं चिश्ती मंजिल सूफी खानकाह के हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर साफ किया है कि इससे कुछ लोग खुश होंगे लेकिन ज्यादातर भारतीय जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी, इसलिए जनहित को देखते हुए यह याचिका खारिज की जानी चाहिए।

ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया ने जताया विरोध

इस मुद्दे पर ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया है और कहा है कि यह देश के लोगों के मानवाधिकारों को खत्म करने के साथ ही धार्मिक मान्यताओं को भी ध्वस्त करने वाला है। संस्था ने जो लेटर जारी किया है, उसनें साफ लिखा है कि इस्लाम विवाह को मान्यता देता है लेकिन यह पुरूष और महिला के बीच होना चाहिए। सेम सेक्स मैरिज हर हाल में समाज को तोड़ने वाला होगा, इसलिए इसे किसी भी हाल में मान्यता नहीं दी जानी चाहिए।

UP News : अंबेडकर जयंती को एक सप्ताह तक मनाएगी भाजपा, जानें पूरा कार्यक्रम

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।

Related Post