Karnataka News मंगलुरु। कर्नाटक के प्रसिद्ध यक्षगान कलाकार कुंबले सुंदर राव का निधन हो गया। उन्होंने बुधवार सुबह मंगलुरु में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वह 88 साल के थे। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और तीन बेटियां हैं।
राव को यक्षगान की ‘थेनकुथिट्टू’ शैली में महारत हासिल थी। उन्होंने कर्नाटक राज्य यक्षगान और बयालता अकादमी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। मैंगलोर विश्वविद्यालय के पी दयानंद पाई और पी सतीश पाई यक्षगान अध्ययन केंद्र ने उन्हें वर्ष 2018-19 के यक्षमंगल पुरस्कार से सम्मानित किया था।
राव ने 1994 से 1999 तक कर्नाटक की दसवीं विधानसभा में सुरथकल निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी किया था। उन्होंने भाजपा के टिकट पर सुरथकल से विधानसभा चुनाव जीता था।
राव के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए मंगलुरु में पंपवेल के पास उनके आवास पर रखा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि राव का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को किया जाएगा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राव के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राव ने सुरथकल और धर्मस्थल मेलों में सेवा दी थी और कला क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के जरिये घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी।
बोम्मई ने कहा कि यक्षगान अकादमी के अध्यक्ष और एक विधायक के रूप में उनकी सेवाएं उल्लेखनीय थीं।
मुख्यमंत्री ने ईश्वर से राव के परिजनों और प्रशंसकों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।