Friday, 26 April 2024

Hajj Yatra: हज यात्रा पर भारतीय के जाने का सिलसिला हुआ शुरु, यहाँ पर जाने इससे जुड़ी अहम जानकारी

नई दिल्ली: दो साल बाद देखा जाए तो भारतीय मुस्लिम (Hajj Yatra) हज यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। कोरोना…

Hajj Yatra: हज यात्रा पर भारतीय के जाने का सिलसिला हुआ शुरु, यहाँ पर जाने इससे जुड़ी अहम जानकारी

नई दिल्ली: दो साल बाद देखा जाए तो भारतीय मुस्लिम (Hajj Yatra) हज यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। कोरोना के कारण 2020 और 2021 में सऊदी अरब ने विदेशी यात्रियों के हज करने को लेकर रोक लगाई गई थी।

लेकिन इस बार सऊदी सरकार ने कुछ शर्तों को ध्यान में रखकर विदेशी यात्रियों को इसकी इजाजत देना शुरु कर दिया है। हज यात्रा वो होती है जिसपर दुनिया के सभी मुसलमान जाने का इंतजार करते हैं।

अल्पसंख्यक मंत्रालय के अनुसार, इस साल सऊदी सरकार (Hajj Yatra) ने भारत की तरफ से 79 हजार 237 सीटों का कोटा रख दिया है। इनमें से 56 हजार 601 सीटें हज कमेटी ऑफ इंडिया से जुड़े हुए हैं, जबकि बाकी 22 हजार 636 सीटें प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स के साथ जुड़े हैं। हज कमेटी ऑफ इंडिया की बात करें तो राज्यों में मुस्लिम आबादी के हिसाब से सीटों का बंटवारा कर दिया गया है।

हज कमेटी ऑफ इंडिया (Hajj Yatra) की मदद से हज यात्रा पर जाने को लेकर यात्रियों को रजिस्ट्रेशन कराना अहम होता है और उसके बाद उन्हें शॉर्टलिस्ट कर दिया जाता है। हज यात्रा पर जाने के लिए कुछ गाइडलाइंस भी काफी अहम होती है।

हज इस्लामिक कैलेंडर की बात करें तो 12वें महीने जिल हिज्जाह की 8वीं तारीख से 12वीं तारीख तक पूरा कर लिया जाता है। जिस दिन हज पूरा करना होता है, उस दिन ईद-उल-अजहा यानी बकरीद मनाई जाती है। मुसलमानों में हज को काफी महत्व दिया जाता है।

इसके अलावा अलावा एक और यात्रा होती है, जिसे उमराह के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, उमराह साल में कभी भी हो सकता है जबकि हज सिर्फ बकरीद पर रहता है।

हज यात्रा क्यों होती है अहम

मुस्लिमों के लिए हज यात्रा बेहद अहम मानी जाती है। ये इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक होती है। इस्लाम में 5 स्तंभ हैं- कलमा पढ़ना, नमाज पढ़ना, रोजा रखना, जकात देना और हज पर जाना शामिल है।

कलमा, नमाज और रोजा रखना तो हर मुसलमान के लिए अहम माना जाता है। लेकिन जकात (दान) और हज में कुछ छूट मिल गई है। जो सक्षम हैं यानी जिनके पास पैसा है, उनके लिए ये दोनों (जकात और हज) अहम होता है।

हज सऊदी अरब के मक्का शहर में पूरा करवाया जाता है, क्योंकि काबा मक्का में मौजूद है, काबा वो इमारत है, जिसकी ओर मुंह करके मुसलमान नमाज अदा करते हैं। काबा को अल्लाह के घर के नाम से भी जाना जाता है। इस वजह से ये मुसलमानों का तीर्थ स्थल होता है।

कौन कर सकता है हज यात्रा ?

हज यात्रा में सिर्फ वही मुस्लिम जाते हैं जिनकी उम्र 65 साल से कम होती है। यानी, अगर आपका जन्म 10 जुलाई 1957 के बाद हो गया है तो आप हज यात्रा कर सकते हैं। ये नियम कोरोना के मद्देजनर बनाया गया है।

हज यात्रा पर जाने को लेकर कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होनी जरूरी मानी जा रही है। इसके साथ ही वैक्सीनेशन के बावजूद सऊदी अरब जाने से 72 घंटे पहले निगेटिव RTPCR रिपोर्ट चाहिए रहती है।

-हज यात्रा में 45 साल से ऊपर की महिलाएं बिना पुरुष साथी पर भी जा सकते हैं। हालांकि, उनके साथ 4 महिला साथी होना अहम माना जाता है।

हज यात्रा के लिए कैसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन ?

अगर आप हज कमेटी ऑफ इंडिया की मदद से भी हज यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो उसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अहम होता है। इसके लिए आपको hajcommittee.gov.in पर जाना होता है और यहां रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना जरुरी माना जाता है।

सारे जरूरी दस्तावेज को अपलोड किया जाता है। इस फॉर्म के लिए 300 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस देना अहम होता है। अगर आपका सिलेक्शन होता है तो आपको मैसेज के जरिए जानकारी मिलती है। फिलहाल हज यात्रा 2022 के लिए रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया है।

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