Saturday, 4 May 2024

True Story of Soldier : एक फ़ौजी की सच्ची कहानी पढ़कर आप भावुक हुए बिना नहीं रह पाएँगे

True Story of Soldier :  एक अति सुन्दर महिला ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में…

True Story of Soldier : एक फ़ौजी की सच्ची कहानी पढ़कर आप भावुक हुए बिना नहीं रह पाएँगे

True Story of Soldier :  एक अति सुन्दर महिला ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं। उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है जिसके दोनों ही हाथ नहीं हैं।

महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में झिझक हुई…

उस ‘सुंदर’ महिला ने एयरहोस्टेस से कहा:- मै इस सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पाऊँगी क्योंकि साथ की सीट पर जो व्यक्ति बैठा हुआ है उसके दोनों हाथ नहीं हैं और उस महिला ने एयरहोस्टेस से सीट बदलने हेतु आग्रह किया।

असहज हुई एयरहोस्टेस ने पूछा:- मैम क्या मुझे कारण बता सकती है..।

महिला ने जवाब दिया:- मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती। मैं ऐसे व्यक्ति के पास बैठकर यात्रा नहीं कर पाउंगी।

दिखने में पढ़ी लिखी और विनम्र प्रतीत होने वाली महिला की यह बात सुनकर एयरहोस्टेस अचंभित हो गई।

महिला ने एक बार फिर एयरहोस्टेस से जोर देकर कहा:- मैं उस सीट पर नहीं बैठ सकती। अतः मुझे कोई दूसरी सीट दे दी जाए।

एयर होस्टेस ने खाली सीट की तलाश में चारों ओर नजरघुमाई पर कोई भी सीट खाली नहीं दिखी

एयरहोस्टेस ने महिला से कहा:- मैडम इस इकोनोमी क्लास में कोई सीट खाली नहीं है किन्तु यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना हमारा दायित्व है🙏अतः मैं विमान के कप्तान से बात करती हूँ। कृपया तब तक थोडा धैर्य रखें…

ऐसा कहकर होस्टेस कप्तान से बात करने चली गई।

कुछ समय बाद लोटने के बाद उसने महिला को बताया:- “मैडम! आपको जो असुविधा हुई,उसके लिए बहुत खेद है। इस पूरे विमान में,केवल एक सीट खाली है और वह प्रथम श्रेणी में है। मैंने हमारी टीम से बात की और हमने एक असाधारण निर्णय लिया

एक यात्री को इकोनॉमी क्लास से प्रथम श्रेणी में भेजने का कार्य हमारी कंपनी के इतिहास में पहली बार हो रहा है….

महिला अत्यंत प्रसन्न हो गई, किन्तु इसके पहले कि वह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती और एक शब्द भी बोल पाती…

एयरहोस्टेस उस अपाहिज और दोनों हाथ विहीन व्यक्ति की ओर बढ़ गई और विनम्रता पूर्वक उनसे पूछा:- सर, क्या आप प्रथम श्रेणी में जा सकेंगे..क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक अशिष्ट यात्री के साथ यात्रा कर के परेशान हों।

यह बात सुनकर सभी यात्रियों ने ताली बजाकर इस निर्णय का स्वागत किया। वह अति सुन्दर दिखने वाली महिला तो अब शर्म से नजरें ही नहीं उठा पा रही थी

तब उस अपाहिज व्यक्ति ने खड़े होकर कहा:- मैं एक भूतपूर्व सैनिक हूं और मैंने एक ऑपरेशन के दौरान कश्मीर सीमा पर हुए बम विस्फोट में अपने दोनों हाथ खोये थे…..

सबसे पहले, जब मैंने इन देवी जी की चर्चा सुनी, तब मैं सोच रहा था कि मैंने भी किन लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली और अपने हाथ खोये..

लेकिन जब आप सभी की प्रतिक्रिया देखी तो अब अपने आप पर गर्व हो रहा है कि मैंने अपने देश और देशवासियों के लिए अपने दोनों हाथ खोये… और इतना कह कर, वह प्रथम श्रेणी में चले गएं

महिला पूरी तरह से अपमानित होकर सर झुकाए सीट पर बैठ गई।

अगर विचारों में उदारता नहीं है तो ऐसी सुंदरता का कोई मूल्य नहीं है।

चेतना मंच के पास ये कहानी आई। हमारी टीम ने इसे पढ़ा तो हृदय को छू गई, इसलिए यहां पर स्थान दिया गया। उम्मीद है आप लोगों भी बहुत पसंद आएगी।

जय हिन्द !

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