UP News : उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी अदालत यानि कि हाईकोर्ट ने यह फैसला शादी-विवाह के मामले में सुनाया है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश में होने वाली शादी में दुल्हन पक्ष को मिलने वाले गिफ्ट की पूरी सूची बनाई जाए। गिफ्ट की सूची पर वर तथा वधू पक्ष हस्ताक्षर करे तथा उस सूची को संभालकर रखें।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला दिया है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि शादी में दिए जाने वाले उपहारों की सूची बनाई जानी चाहिए। उस पर वर व वधू पक्ष के हस्ताक्षर भी होने चाहिए। इससे लोग दहेज के निरर्थक मुकदमों से बच सकेंगे।
जस्टिस विक्रम डी चौहान ने अंकित सिंह व अन्य की ओर से दायर वाद की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। जस्टिस चौहान ने कहा, दहेज की मांग के आरोपों से जुड़े मामलों में पक्षकार याचिकाओं के साथ उपहारों की सूची नहीं दे रहे हैं। ऐसे में दहेज निषेध अधिनियम अक्षरश: लागू करने की जरूरत है ताकि लोग निरर्थक मुकदमेबाजी से बच सकें। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा, क्या दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत कोई नियम बनाया है, यदि नहीं तो विचार करे। अगली सुनवाई 23 मई को होगी।
शादी में उपहार देने का रिवाज : कोर्ट ने कहा, विधायिका ने विवेक से अपवाद बनाया है कि विवाह के समय दुल्हन या दूल्हे को दिए जाने वाले उपहार को दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत दहेज नहीं माना जाएगा। साथ ही कहा, दहेज निषेध नियम-1985 में एक नियम यह भी है कि वर एवं वधू को मिलने वाले उपहारों की सूची बनानी चाहिए।
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