Friday, 3 May 2024

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: आज है पूर्व प्रधानमंत्री की 5वीं पुण्यतिथि, उन्हें याद करते हुए देश दे रहा है श्रद्धांजलि

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 5वीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर…

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: आज है पूर्व प्रधानमंत्री की 5वीं पुण्यतिथि, उन्हें याद करते हुए देश दे रहा है श्रद्धांजलि

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 5वीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम नेताओं ने अटल जी के समाधि स्थल ‘सदैव अटल’ पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व पीएम वाजपेयी जी का 16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।

सभी दलों ने दी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय सरकार के मंत्रियों सहित विपक्षी नेताओं ने पूर्व पीएम के समाधि स्थल ‘सदैव अटल’ पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के अजातशत्रु थे, न सिर्फ उनके साथी, बल्कि सभी दलों के लोग उनका सम्मान करते थे। आज सभी देशवासी भी उन्हें 5वीं पुण्यतिथि श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: अटल जी का अलग था व्यक्तित्व

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में जन्में अटल बिहारी वाजपेयी एक लोकप्रिय कवि भी थे। चुनावी राजनीति में अटल जी हमेशा स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में भरोसा करते थे। इसलिए उनकी किसी भी नेता से दुश्मनी नहीं थी और उन्हें राजनीति का अजातशत्रु भी कहा जाता था। सभी विरोधी दलों में भी उनका बहुत सम्मान था और आज तक विरोधी भी उन्हें भूले नहीं हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी जी हमेशा नीतियों और सिद्धांतों में विश्वास रखते थे। इसके लिए उन्होंने केवल 1 वोट से अपनी सरकार खो दी थी। सही तरह से कार्य न करने के लिए वो अपनी पार्टी की सरकारों की आलोचना करने से भी नहीं चूकते थे। गुजरात में दंगों के दौरान उन्होंने सही ढंग से निबट पाने के लिए अपनी पार्टी की सरकार को भी निशाने पर ले लिया था।

विरोधी का प्रचार कर खुद चुनाव हार गए थे

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी 1957 में मथुरा से चुनाव लड़ रहे थे, उनके सामने थे आजादी की लड़ाई में भाग लेने वाले महेंद्र प्रताप सिंह। लोग तब आश्चर्य चकित हो गए, जब उन्होंने अटल जी को प्रचार के दौरान खुद के लिए नहीं बल्कि विरोधी नेता महेंद्र प्रताप सिंह के प्रचार करते देखा। उन्होंने चुनावी सभाओं में कहा भी था कि “मैं आप लोगों से अपील करता हूं, बेहतर होगा कि आप लोग मेरी जगह महेंद्र प्रताप सिंह को विजयी बनाएं।”

इस वजह से उस चुनाव में उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव हारने के साथ साथ अपनी जमानत भी गंवा बैठे। अटल जी के ऐसा करने की वजह ये थी कि महेंद्र प्रताप सिंह जी ने आजादी की लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाई थी। लिहाजा उनके योगदान का सम्मान करते हुए वाजपेयी जी जब प्रचार करने के लिए जाते थे, तो खुद की जगह उन्हें वोट देने की अपील करते थे।

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary

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