सैकड़ों बुजुर्गों के लिए आ गई गुड न्यूज, बिना फॉर्म भरे मिलेगी पेंशन

उत्तर प्रदेश के बुजुर्गों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब 60 साल की उम्र पूरी होने पर यूपी वृद्धावस्था पेंशन सीधे आपके बैंक खाते में आने लगेगी। इस नई प्रणाली में फॉर्म भरने या सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। यहां जानिए पात्रता, फैमिली आईडी बनवाने का तरीका और कब मिलेगी पेंशन।

यूपी वृद्धावस्था पेंशन
बुजुर्गों को मिलेगी जबरदस्त पेंशन
locationभारत
userअसमीना
calendar17 Dec 2025 01:02 PM
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उत्तर प्रदेश के लाखों बुजुर्गों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश के बुजुर्गों को अब न तो सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत है न ही लंबा-चौड़ा फॉर्म भरने का झंझट होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन को लेकर एक ऐसा नया सिस्टम तैयार किया है जिससे 60 साल पूरे होते ही पात्र बुजुर्गों के खाते में हर महीने 1000 रुपये अपने आप आने लगेंगे।

खुद-ब-खुद खाते में आने लगेगी पेंशन

अब तक बुजुर्गों को पेंशन के लिए आवेदन करना पड़ता था, कागज जमा करने होते थे और कई बार महीनों तक इंतजार करना पड़ता था। लेकिन नए सिस्टम में यह सारी परेशानियां खत्म होने जा रही हैं। सरकार फैमिली आईडी सिस्टम के जरिए पहले से मौजूद डाटा का इस्तेमाल करेगी। जैसे ही कोई बुजुर्ग 60 साल की उम्र के करीब पहुंचेगा, करीब 90 दिन पहले ही उसका नाम अपने आप वृद्धावस्था पेंशन योजना से जोड़ दिया जाएगा।

फर्जीवाड़े पर भी लगेगी रोक

समाज कल्याण विभाग का मानना है कि इस नई व्यवस्था से न सिर्फ भुगतान की प्रक्रिया तेज होगी बल्कि फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी। सरकार की कोशिश है कि कोई भी पात्र बुजुर्ग पेंशन से वंचित न रह जाए। समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण के मुताबिक, सरकार बुजुर्गों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देना अपनी प्राथमिकता मानती है। इस नई प्रणाली से खासतौर पर निराश्रित, गरीब और वंचित बुजुर्गों को समय पर मदद मिल सकेगी।

कौन ले सकता है पेंशन?

फिलहाल उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था, निराश्रित महिला और दिव्यांगजन पेंशन योजनाओं के तहत एक करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने 1000 रुपये की सहायता दी जा रही है। अब नए सिस्टम के लागू होने के बाद यह प्रक्रिया और भी आसान और पारदर्शी हो जाएगी। हालांकि पेंशन पाने के लिए कुछ शर्तें पूरी करना जरूरी है। बुजुर्ग की उम्र 60 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए और वह उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। इसके साथ ही लाभार्थी का गरीबी रेखा से नीचे होना जरूरी है। जिन बुजुर्गों की सालाना आय ग्रामीण इलाके में 46,080 रुपये और शहरी इलाके में 56,460 रुपये से ज्यादा है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

किसे नहीं मिलेगी पेंशन?

कुछ मामलों में पेंशन नहीं भी मिलेगी। अगर कोई बुजुर्ग पहले से किसी दूसरी पेंशन योजना का फायदा ले रहा है, तो वह इस योजना के दायरे में नहीं आएगा। इसके अलावा अगर आधार कार्ड या अन्य दस्तावेजों में उम्र 60 साल से कम दर्ज है तो भी पेंशन नहीं मिलेगी। एक जरूरी बात यह है कि भले ही अलग से आवेदन न करना पड़े लेकिन फैमिली आईडी बनवाना बहुत जरूरी है। समाज कल्याण विभाग फैमिली आईडी के जरिए ही बुजुर्गों की पहचान करेगा। अगर किसी के पास फैमिली आईडी नहीं है तो वह इस योजना से वंचित रह सकता है। फैमिली आईडी आधार नंबर के जरिए ऑनलाइन पोर्टल पर बनाई जा सकती है या फिर नजदीकी CSC सेंटर पर जाकर भी यह काम कराया जा सकता है।


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महज 1 रुपए में मिल रही जमीन, तारीख निकलने से पहले जान लें पूरी प्रक्रिया

बिहार सरकार ने निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 शुरू किया है। इस योजना के तहत प्रदेश में उद्योग लगाने वाले निवेशकों को महज 1 रुपये में जमीन, ब्याज सब्सिडी, 100% SGST प्रतिपूर्ति और प्रोजेक्ट लागत का 30% तक पूंजी सब्सिडी जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।

बिजनेस कैसे करें
बिहार में उद्योग लगाने का सुनहरा अवसर
locationभारत
userअसमीना
calendar16 Dec 2025 04:28 PM
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बिहार सरकार ने निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए एक शानदार अवसर प्रस्तुत किया है। चुनाव के बाद नीतीश सरकार ने राज्य में रोजगार और निवेश बढ़ाने के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत की है। इनमें सबसे आकर्षक योजना है बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 जिसके तहत प्रदेश में उद्योग लगाने वाले निवेशकों को महज 1 रुपये की टोकन राशि में जमीन दी जा रही है।

बिहार निवासियों के लिए खास योजना

यह योजना खासतौर पर बिहार के निवासियों के लिए बनाई गई है ताकि उन्हें रोजगार के लिए बाहर जाने की जरूरत न पड़े। बिहार सरकार इस योजना के माध्यम से निवेशकों को उद्योग स्थापित करने के लिए आकर्षक प्रोत्साहन और वित्तीय मदद दे रही है। इस योजना के तहत न केवल जमीन कम कीमत में मिल रही है बल्कि ब्याज सब्सिडी, 100 फीसदी तक SGST प्रतिपूर्ति, प्रोजेक्ट लागत का 300 फीसदी NET SGST प्रतिपूर्ति या 30 फीसदी तक पूंजी सब्सिडी जैसी कई सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।

कितने निवेश पर मिलेगी 1 रुपये में जमीन

अगर आप बिहार में उद्योग लगाने का सोच रहे हैं तो यह योजना आपके लिए सुनहरा अवसर है। योजना के अनुसार, निवेश और रोजगार सृजन के आधार पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। उदाहरण के लिए, 100 करोड़ रुपये का निवेश और 1000 रोजगार सृजन करने पर 10 एकड़ जमीन मिलेगी। वहीं, 1000 करोड़ रुपये के निवेश पर 25 एकड़ जमीन और फॉर्च्यून 500 कंपनियों को 200 करोड़ रुपये के निवेश पर 10 एकड़ जमीन दी जाएगी। इसके अलावा बाकी सभी निवेशकों के लिए BIADA भूमि दर पर 50% तक की छूट का प्रावधान है।

1 रुपये में जमीन के अलावा मिलने वाली सुविधाएं

बिहार सरकार ने निवेशकों को और भी प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त लाभ दिए हैं। इनमें 40 करोड़ रुपये तक ब्याज सब्सिडी, 100% SGST प्रतिपूर्ति या फिर स्वीकृत प्रोजेक्ट लागत का 300% तक NET SGST प्रतिपूर्ति (14 साल तक) और प्रोजेक्ट लागत का 30% तक पूंजी सब्सिडी शामिल हैं। इन प्रोत्साहनों के माध्यम से निवेशकों को उद्योग लगाने में बड़ी वित्तीय मदद मिलती है और उनकी लागत काफी कम हो जाती है।

आवेदन कैसे करे?

इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया बेहद सरल है। इसके लिए आपको BIADA की ऑफिशियल वेबसाइट https://biada1.bihar.gov.in/ पर जाना होगा। वेबसाइट पर Apply Online विकल्प पर क्लिक करके पहले आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए अपना नाम, पता और मेल आईडी देना होगा। मेल आईडी ही आपका यूजर आईडी बनेगा और पासवर्ड के जरिए आप लॉगिन कर सकते हैं।

उद्योग के लिए जमीन की जानकारी

जहां उद्योग लगाना है वहां जमीन की उपलब्धता, क्षेत्रफल और कीमत की जानकारी आपको पोर्टल पर Land Bank सेक्शन में मिलेगी। इसी तरह औद्योगिक शेड की उपलब्धता और विवरण Plug & Play Shed Details में दिए गए हैं। इससे निवेशक अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार सही जमीन का चुनाव कर सकते हैं।

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क्या है VB-G RAM G योजना? किसानों को मिलेगा डबल फायदा! जानिए पूरा प्लान

VB-G RAM G योजना क्या है? जानिए मनरेगा की नई जगह लाई जा रही ‘जी राम जी’ योजना से मजदूरों और किसानों को क्या-क्या फायदा मिलेगा। 125 दिन रोजगार, नए नियम, ग्रामीण विकास और ताजा अपडेट एक ही जगह जानिएं।

VB-G RAM G Yojana
VB-G RAM G योजना क्या है?
locationभारत
userअसमीना
calendar16 Dec 2025 03:31 PM
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केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह अब एक नया कानून लाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस नए ग्रामीण रोजगार कानून का नाम है ‘विकसित भारत रोजगार गारंटी व आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ जिसे संक्षेप में VB-G RAM G या ‘जी राम जी’ योजना कहा जा रहा है। सरकार का दावा है कि यह योजना सिर्फ रोजगार देने तक सीमित नहीं होगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और 2047 के विकसित भारत विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी।

आखिर क्या है ‘VB-G RAM G’ योजना?

‘VB-G RAM G’ योजना को मनरेगा का अपग्रेडेड और ज्यादा प्रभावी वर्जन माना जा रहा है। इस योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को पहले की तरह 100 दिन नहीं बल्कि 125 दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी दी जाएगी। सरकार का फोकस केवल मजदूरी देने पर नहीं बल्कि गांवों में ऐसा स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर होगा जिससे लोगों की आजीविका लंबे समय तक सुरक्षित रह सके। यह पूरा सिस्टम एक नए अधिनियम के तहत लागू किया जाएगा जिससे निगरानी और जवाबदेही और मजबूत होगी।

मनरेगा से कितनी अलग और क्यों ज्यादा बेहतर है ‘जी राम जी’?

मनरेगा में जहां काम की योजना कई बार कागजों तक सीमित रह जाती थी वहीं ‘जी राम जी’ एक्ट में ग्राम पंचायत को केंद्र में रखा गया है। अब योजनाएं ऊपर से थोपने की बजाय पंचायत स्तर पर बनाई जाएंगी और उन्हें पीएम गति शक्ति जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। रोजगार के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 करना ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। साथ ही भुगतान प्रक्रिया में आधार और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने की तैयारी है।

ग्रामीण विकास पर होगा चार प्रमुख क्षेत्रों में फोकस

इस नई योजना के तहत रोजगार के साथ-साथ गांवों की बुनियाद मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में सड़क, कनेक्टिविटी और सार्वजनिक ढांचे का विकास किया जाएगा। मौसम की मार से निपटने के लिए खास परियोजनाएं चलाई जाएंगी ताकि सूखा, बाढ़ जैसी समस्याओं का असर कम हो। इसके अलावा आजीविका से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और पानी संरक्षण व जल संचयन जैसे कामों को प्राथमिकता दी जाएगी जिससे खेती और ग्रामीण कारोबार दोनों को फायदा मिल सके।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कैसे मिलेगी मजबूती?

‘VB-G RAM G’ योजना से गांवों में काम के मौके बढ़ेंगे और लोगों की आय में सीधा इजाफा होगा। बेहतर सड़कें और कनेक्टिविटी बाजारों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करेंगी। जल परियोजनाओं और सिंचाई ढांचे के मजबूत होने से कृषि उत्पादन बढ़ेगा। भंडारण, उत्पादन और बाजार से जुड़ी गतिविधियों के चलते गांवों में छोटे-मोटे व्यवसाय भी पनपेंगे जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया संबल मिलेगा।

किसानों को कैसे होगा डबल फायदा?

इस योजना से किसानों को दोहरा लाभ मिलने वाला है। एक ओर खेतों के लिए मजदूर आसानी से उपलब्ध होंगे वहीं दूसरी ओर सिंचाई और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा। खास बात यह है कि बुआई और कटाई के मौसम में 60 दिनों का विशेष समय रखा गया है जब ग्रामीण रोजगार योजना के तहत काम रोक दिया जाएगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि इस अहम समय पर किसानों को मजदूरों की कमी न हो और फर्जी मजदूरी भुगतान पर भी रोक लग सके।

मजदूरों के लिए क्या बदलेगा?

ग्रामीण मजदूरों के लिए यह योजना मनरेगा से ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है। अब उन्हें 125 दिनों तक काम की गारंटी मिलेगी। यदि किसी कारणवश इतना काम उपलब्ध नहीं हो पाता है तो बेरोजगारी भत्ता देने का भी प्रावधान रखा गया है। गांवों में बनने वाले सड़क, जल संरचनाएं और अन्य सुविधाएं मजदूरों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएंगी। पारदर्शी भुगतान व्यवस्था से मजदूरों को समय पर और पूरा पैसा मिलने की उम्मीद बढ़ेगी।