सैकड़ों बुजुर्गों के लिए आ गई गुड न्यूज, बिना फॉर्म भरे मिलेगी पेंशन
उत्तर प्रदेश के बुजुर्गों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब 60 साल की उम्र पूरी होने पर यूपी वृद्धावस्था पेंशन सीधे आपके बैंक खाते में आने लगेगी। इस नई प्रणाली में फॉर्म भरने या सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। यहां जानिए पात्रता, फैमिली आईडी बनवाने का तरीका और कब मिलेगी पेंशन।

उत्तर प्रदेश के लाखों बुजुर्गों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश के बुजुर्गों को अब न तो सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत है न ही लंबा-चौड़ा फॉर्म भरने का झंझट होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन को लेकर एक ऐसा नया सिस्टम तैयार किया है जिससे 60 साल पूरे होते ही पात्र बुजुर्गों के खाते में हर महीने 1000 रुपये अपने आप आने लगेंगे।
खुद-ब-खुद खाते में आने लगेगी पेंशन
अब तक बुजुर्गों को पेंशन के लिए आवेदन करना पड़ता था, कागज जमा करने होते थे और कई बार महीनों तक इंतजार करना पड़ता था। लेकिन नए सिस्टम में यह सारी परेशानियां खत्म होने जा रही हैं। सरकार फैमिली आईडी सिस्टम के जरिए पहले से मौजूद डाटा का इस्तेमाल करेगी। जैसे ही कोई बुजुर्ग 60 साल की उम्र के करीब पहुंचेगा, करीब 90 दिन पहले ही उसका नाम अपने आप वृद्धावस्था पेंशन योजना से जोड़ दिया जाएगा।
फर्जीवाड़े पर भी लगेगी रोक
समाज कल्याण विभाग का मानना है कि इस नई व्यवस्था से न सिर्फ भुगतान की प्रक्रिया तेज होगी बल्कि फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी। सरकार की कोशिश है कि कोई भी पात्र बुजुर्ग पेंशन से वंचित न रह जाए। समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण के मुताबिक, सरकार बुजुर्गों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देना अपनी प्राथमिकता मानती है। इस नई प्रणाली से खासतौर पर निराश्रित, गरीब और वंचित बुजुर्गों को समय पर मदद मिल सकेगी।
कौन ले सकता है पेंशन?
फिलहाल उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था, निराश्रित महिला और दिव्यांगजन पेंशन योजनाओं के तहत एक करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने 1000 रुपये की सहायता दी जा रही है। अब नए सिस्टम के लागू होने के बाद यह प्रक्रिया और भी आसान और पारदर्शी हो जाएगी। हालांकि पेंशन पाने के लिए कुछ शर्तें पूरी करना जरूरी है। बुजुर्ग की उम्र 60 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए और वह उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। इसके साथ ही लाभार्थी का गरीबी रेखा से नीचे होना जरूरी है। जिन बुजुर्गों की सालाना आय ग्रामीण इलाके में 46,080 रुपये और शहरी इलाके में 56,460 रुपये से ज्यादा है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
किसे नहीं मिलेगी पेंशन?
कुछ मामलों में पेंशन नहीं भी मिलेगी। अगर कोई बुजुर्ग पहले से किसी दूसरी पेंशन योजना का फायदा ले रहा है, तो वह इस योजना के दायरे में नहीं आएगा। इसके अलावा अगर आधार कार्ड या अन्य दस्तावेजों में उम्र 60 साल से कम दर्ज है तो भी पेंशन नहीं मिलेगी। एक जरूरी बात यह है कि भले ही अलग से आवेदन न करना पड़े लेकिन फैमिली आईडी बनवाना बहुत जरूरी है। समाज कल्याण विभाग फैमिली आईडी के जरिए ही बुजुर्गों की पहचान करेगा। अगर किसी के पास फैमिली आईडी नहीं है तो वह इस योजना से वंचित रह सकता है। फैमिली आईडी आधार नंबर के जरिए ऑनलाइन पोर्टल पर बनाई जा सकती है या फिर नजदीकी CSC सेंटर पर जाकर भी यह काम कराया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के लाखों बुजुर्गों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश के बुजुर्गों को अब न तो सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत है न ही लंबा-चौड़ा फॉर्म भरने का झंझट होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन को लेकर एक ऐसा नया सिस्टम तैयार किया है जिससे 60 साल पूरे होते ही पात्र बुजुर्गों के खाते में हर महीने 1000 रुपये अपने आप आने लगेंगे।
खुद-ब-खुद खाते में आने लगेगी पेंशन
अब तक बुजुर्गों को पेंशन के लिए आवेदन करना पड़ता था, कागज जमा करने होते थे और कई बार महीनों तक इंतजार करना पड़ता था। लेकिन नए सिस्टम में यह सारी परेशानियां खत्म होने जा रही हैं। सरकार फैमिली आईडी सिस्टम के जरिए पहले से मौजूद डाटा का इस्तेमाल करेगी। जैसे ही कोई बुजुर्ग 60 साल की उम्र के करीब पहुंचेगा, करीब 90 दिन पहले ही उसका नाम अपने आप वृद्धावस्था पेंशन योजना से जोड़ दिया जाएगा।
फर्जीवाड़े पर भी लगेगी रोक
समाज कल्याण विभाग का मानना है कि इस नई व्यवस्था से न सिर्फ भुगतान की प्रक्रिया तेज होगी बल्कि फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी। सरकार की कोशिश है कि कोई भी पात्र बुजुर्ग पेंशन से वंचित न रह जाए। समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण के मुताबिक, सरकार बुजुर्गों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देना अपनी प्राथमिकता मानती है। इस नई प्रणाली से खासतौर पर निराश्रित, गरीब और वंचित बुजुर्गों को समय पर मदद मिल सकेगी।
कौन ले सकता है पेंशन?
फिलहाल उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था, निराश्रित महिला और दिव्यांगजन पेंशन योजनाओं के तहत एक करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने 1000 रुपये की सहायता दी जा रही है। अब नए सिस्टम के लागू होने के बाद यह प्रक्रिया और भी आसान और पारदर्शी हो जाएगी। हालांकि पेंशन पाने के लिए कुछ शर्तें पूरी करना जरूरी है। बुजुर्ग की उम्र 60 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए और वह उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। इसके साथ ही लाभार्थी का गरीबी रेखा से नीचे होना जरूरी है। जिन बुजुर्गों की सालाना आय ग्रामीण इलाके में 46,080 रुपये और शहरी इलाके में 56,460 रुपये से ज्यादा है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
किसे नहीं मिलेगी पेंशन?
कुछ मामलों में पेंशन नहीं भी मिलेगी। अगर कोई बुजुर्ग पहले से किसी दूसरी पेंशन योजना का फायदा ले रहा है, तो वह इस योजना के दायरे में नहीं आएगा। इसके अलावा अगर आधार कार्ड या अन्य दस्तावेजों में उम्र 60 साल से कम दर्ज है तो भी पेंशन नहीं मिलेगी। एक जरूरी बात यह है कि भले ही अलग से आवेदन न करना पड़े लेकिन फैमिली आईडी बनवाना बहुत जरूरी है। समाज कल्याण विभाग फैमिली आईडी के जरिए ही बुजुर्गों की पहचान करेगा। अगर किसी के पास फैमिली आईडी नहीं है तो वह इस योजना से वंचित रह सकता है। फैमिली आईडी आधार नंबर के जरिए ऑनलाइन पोर्टल पर बनाई जा सकती है या फिर नजदीकी CSC सेंटर पर जाकर भी यह काम कराया जा सकता है।


