Friday, 3 May 2024

IAS Ritu Maheshwari: नोएडा प्राधिकरण की CEO के विरूद्ध हाईकोर्ट हुआ सख़्त, दिए कठोर आदेश, प्राधिकरण में मची खलबली

IAS Ritu Maheshwari: नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (Noida CEO) रितु माहेश्वरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के सामने…

IAS Ritu Maheshwari: नोएडा प्राधिकरण की CEO के विरूद्ध हाईकोर्ट हुआ सख़्त, दिए कठोर आदेश, प्राधिकरण में मची खलबली

IAS Ritu Maheshwari: नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (Noida CEO) रितु माहेश्वरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के सामने उपस्थित ना होना भारी पड़ा। एक मामले में हाईकोर्ट ने रितु माहेश्वरी (Noida CEO Ritu Maheshwari) को पुलिस कस्टडी में लेकर अदालत में पेश करने का आदेश दिया है।

इतना ही नहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने गौतमबुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) को आदेश का अनुपालन करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। भूमि अधिग्रहण (Land acquisition) से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में मुकदमा हारने के बावजूद नोएडा विकास प्राधिकरण (Noida Development Authority) ने अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया। जिसके खिलाफ किसान की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई थी।

इस पर प्रयागराज उच्च न्यायालय (Prayagraj High Court) ने रितु माहेश्वरी (IAS Ritu Maheshwari) को खुद अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए थे। इस मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई तब नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी हाजिर नहीं हुईं। इस पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए नोएडा CEO के खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट (Non bailable warrants) जारी करदीया है।

क्या है पूरा मामला

नोएडा के सेक्टर-82 में अथॉरिटी ने 30 नवंबर 1989 और 16 जून 1990 को ‘अर्जेंसी क्लोज‘ के तहत भूमि अधिग्रहण (Land acquisition) किया था। जिसे जमीन की मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी। वर्ष 1990 में दायर मनोरमा कुच्छल की याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर 2016 को अपना फैसला सुनाया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ‘अर्जेंसी क्लॉज’ के तहत किए गए भूमि अधिग्रहण को रद्द (Land Acquisition Canceled) कर दिया था। और मनोरमा कुच्छल को नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम (New Land Acquisition Act) के तहत सर्किल रेट से दोगुनी दरों पर मुआवजा देने का आदेश दिया था। इसके अलावा प्रत्येक याचिका पर 5-5 लाख रुपये का खर्च आंकते हुए भरपाई करने का आदेश नोएडा विकास प्राधिकरण को सुनाया था।

प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट में भी हार गई

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ नोएडा विकास प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट में भी नोएडा विकास प्राधिकरण मुकदमा हार गई। इसके बावजूद इलाहाबाद हाईकोर्ट के पुराने आदेश का पालन नहीं किया।

लिहाजा, मनोरमा कुच्छल ने नोएडा विकास प्राधिकरण के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर दी। इस अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए 27 अप्रैल 2022 को अदालत ने आदेश पारित किए है।

सुनवाई में हाजिर नहीं हुईं IAS Ritu Maheshwari

रितु माहेश्वरी को अदालत ने 4 मई की सुनवाई में हाजिर रहने का आदेश दिया था। अदालत ने विगत 28 अप्रैल को सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई 4 मई को होगी।

उस दिन नोएडा मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी (Noida CEO IAS Ritu Maheshwari) खुद अदालत में मौजूद रहेंगी। दरअसल, 28 अप्रैल को हुई सुनवाई के दिन भी रितु माहेश्वरी (IAS Ritu Maheshwari) अदालत में हाजिर नहीं हुई थी। 

अदालत ने कहा- नोएडा की सीईओ (Noida CEO IAS Ritu Maheshwari) को आदेश दिया गया था कि वह 10 बजे अदालत में हाजिर हो। इसके बावजूद उन्होंने एक ऐसी फ्लाइट चुनी जो दिल्ली से 10:30 बजे उड़ान भरेगी।

यह बेहद अशोभनीय है। क्या अदालत उनकी सुविधा के हिसाब से काम करेगी? एक संस्थान का मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) स्तर का अधिकारी यह चाहता है कि उसकी मर्जी के हिसाब से अदालत में मुकदमे में सुनवाई की जाए। अदालत ने अपने आदेश में कई कड़ी टिप्पणी की हैं।

जानबूझकर अदालत की अवमानना की

अदालत ने अपने आदेश में लिखा है, नोएडा अथॉरिटी ने अवैधानिक रूप से याची का करता की जमीन पर कब्जा कर लिया। उसे मुआवजे के तौर पर एक पैसा नहीं दिए। याची एक के बाद एक लगातार अदालत के सामने अपना हक मांग रहा है। नोएडा की सीईओ (Noida CEO) के खिलाफ अवमानना प्रक्रिया (Contempt Process) शुरू हुई।

इसके बावजूद वह अदालत में हाजिर नहीं हुईं। उनके वकील अदालत से कहता है कि रितु माहेश्वरी जब तक नहीं आ जाती हैं, तब तक अदालत मामले में सुनवाई ना करे। अदालत मानती है कि नोएडा मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी का यह व्यवहार अदालत का असम्मान करना है। एक संस्थान के CEO स्तर का अधिकारी यह चाहता है कि उनकी मर्जी से अदालत मुकदमे में सुनवाई की जाए।

नॉन बैलेबल वारंट जारी करने का आदेश

हाईकोर्ट ने कहा कि नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी (Noida CEO IAS Ritu Maheshwari) के खिलाफ गैर जमानती वारंट (Non-Bailable Warrant) जारी करने का यह पर्याप्त आधार है। अदालत में कहा, “रितु माहेश्वरी (IAS Ritu Maheshwari) के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाता है।”

गौतमबुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate of Gautam Budh Nagar) इसका पालन करवाएंगे। अदालत ने आदेश दिया कि अगले 48 घंटों के भीतर इस आदेश की प्रतिलिपि गौतमबुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) को उपलब्ध करवाई जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी। उस दिन नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी (Noida CEO IAS Ritu Maheshwari) को पुलिस कस्टडी में अदालत के सामने पेश किया जाए।”

याची के साथ अन्याय हुआ है : कोर्ट

जस्टिस सरल श्रीवास्तव (Justice Saral Srivastava) की अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि “नोएडा अथॉरिटी ने वर्ष 1990 में याची की जमीन का अधिग्रहण किया था। भूमी अधिग्रहण के लिए उचित प्रक्रिया और कानून का पालन नहीं किया गया। प्राधिकरण ने तभी याची का करता की जमीन को अपने कब्जे में ले लिया था।

उस पर निर्माण भी कर दिया गया है। यह पूरी तरह अवैध गतिविधियां हैं। याची का करता को उसकी जमीन का उचित मुआवजा दिए बिना संपत्ति में बदलाव कर देना अवैधानिक है। यह उनके साथ अन्याय हुआ है।”

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