Lucknow News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के 24 घंटे के अंदर ही अंसल ग्रुप पर ताबड़तोड़ एक्शन शुरू हो गया है। सीएम योगी के निर्देश के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने अंसल एपीआई के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। मंगलवार देर रात गोमतीनगर थाने में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के मालिक सुशील अंसल और उनके बेटे प्रणव अंसल सहित कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। यह तहरीर एलडीए के अमीन अर्पित शर्मा ने दी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अंसल कंपनी ने टाउनशिप के लिए निर्धारित भूमि से कहीं अधिक भूमि पर अवैध रूप से टाउनशिप का निर्माण किया। वहीं गाजियाबाद में भी अंसल ग्रुप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
अंसल ग्रुप की बॉयर्स के साथ धोखाधड़ी की शिकायतें मिली
आपको बता दें कि 3 मार्च को सीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी जिसमें अंसल ग्रुप की बॉयर्स के साथ धोखाधड़ी की शिकायतें मिली थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इस मामले पर चर्चा करते हुए समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि अंसल कंपनी समाजवादी पार्टी की सरकार की उपज है और अब इसकी सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी यह नहीं समझे कि वह गरीबों का पैसा लेकर भाग जाएगा, हम उसे पाताल से भी निकाल लेंगे और सजा दिलाएंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सभी खरीदारों का पैसा वापस किया जाएगा।
जांच के दौरान अवैध निर्माण सामने आया
2005 में (एलडीए) ने 1765 एकड़ भूमि पर हाईटेक टाउनशिप विकसित करने की योजना बनाई थी, जिसकी डीपीआर 2006 में स्वीकृत की गई थी। इसके बाद अंसल ने इस परियोजना को शुरू किया, लेकिन आरोप है कि अंसल कंपनी ने स्वीकृत भूमि के अलावा ग्राम समाज, सीलिंग, तालाब, राज्य सरकार के नाम दर्ज भूमि, चक मार्ग, बंजर जमीन, नहर और नाली की जमीन भी अपनी टाउनशिप में शामिल कर ली। इसके बारे में (LDA) को जानकारी नहीं दी गई और जांच के दौरान यह अवैध निर्माण सामने आया। Lucknow News
एफआईआर में शामिल नाम और आरोप
मुकदमा अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रमोटर्स सुशील अंसल, उनके बेटे प्रणव अंसल, निदेशक विनय कुमार सिंह और अन्य पर दर्ज किया गया है। इन पर फजीर्वाड़े का आरोप लगाया गया है और कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, धोखाधड़ी और अन्य अपराध शामिल हैं। अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रा लिमिटेड के प्रमोटर्स प्रणव अंसल, सुशील अंसल, सुनील कुमार गुप्ता, फ्रांसेट पैट्रिका एटकिंसन और विनय कुमार सिंह (निदेशक) के खिलाफ घर खरीदारों को ठगने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। लखनऊ के गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में बीएनएस की धारा 316(5), 318(4), 61(2), 352, 351(2), 338, 336(3), 340(2), 111 और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 लगाई गई है। Lucknow News
गाजियाबाद में भी अंसल ग्रुप पर एफआईआर
गाजियाबाद में भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद अंसल ग्रुप की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लखनऊ में अंसल ग्रुप पर एफआईआर के बाद अब गाजियाबाद में भी अंसल ग्रुप के निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर गाजियाबाद के थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सुपरवाइजर प्रवर्तन जोन-5 सुखबीर सिंह चौहान ने दर्ज कराई है। एफआईआर में कहा गया है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण क्षेत्र के ग्राम डूंडाहेड़ा की भूमि क्षेत्रफल 152.89 एकड़ में इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकास किए जाने के लिए मैसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का चयन किया गया था। पहले चरण में 127 एकड़ पर योजना की डीपीआर बोर्ड के अनुमोदन के उपरांत 29.11.2006 को निर्गत की।
इस इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए अंसल प्रॉपर्टीज ने आंतरिक एवं बाह्य विकास कार्य, एसटीपी, सीवर, पेयजल, आंतरिक सड़के,बाउंड्री वॉल, नाली व पार्क इत्यादि मानक के अनुसार विकसित नहीं किया। अंसल प्रॉपर्टीज द्वारा स्वीकृत योजना के तहत दुर्बल एवं अल्प आय वर्ग के आरक्षित भूखंड पर आंशिक रूप से भवन का निर्माण कर बाकी भूमि पर अवैध भूखंड सृजन की कार्रवाई की गई। एफआईआर में कहा गया है कि अंसल प्रॉपर्टीज ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के साथ इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित करने के लिए जो अनुबंध किया था उनकी शर्तों का उल्लंघन किया।
अंसल प्रॉपर्टीज ने निर्धारित 848 भवनों के स्थान पर मात्र 160 भवनों का ही निर्माण किया तथा शेष भूमि को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित टाउनशिप नीति की शर्तों का उल्लंघन करते हुए उक्त भूमि के दस्तावेजों की कूट रचना की गई और उस पर अवैध निर्माण किया गया। गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में दर्ज एफआईआर में डायरेक्टर प्रणव अंसल, विकास यादव जनरल मैनेजर अमित शुक्ला एवं अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा-318 (4), 338, 336 (3), 340(2) 111, 329(3) 61 (2) व धारा-3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। Lucknow News
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