Tuesday, 7 May 2024

एसडीएम कार्यलय के बाहर किसान ने किया आत्मदाह का प्रयास, मचा हड़कंप

Meerut News : उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक दिल दहला देने वाली खब सामने आई है। मेरठ जिले…

एसडीएम कार्यलय के बाहर किसान ने किया आत्मदाह का प्रयास, मचा हड़कंप

Meerut News : उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक दिल दहला देने वाली खब सामने आई है। मेरठ जिले में एक अधेड़ किसान ने एसडीएम कार्यलय के बाहर खुद को आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया है। बताया जा रहा है कि किसान काफी गंभीर रुप से झुलस गया है। जिसे इलाज के लिए मेरठ के एक चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

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इस मामले को लेकर जिला मजिस्ट्रेट ने जांच के आदेश दिए है। जिला मजिस्ट्रेट ने इस जांच को दो दिनों के अंदर पूरी करने के आदेश भी जारी किए है। उन्होने बताया कि 53 साल के एक किसान ने शुक्रवार को मवाना में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कार्यालय के सामने खुद को आग लगाने की कोशिश की। इस घटना में 70 प्रतिशत तक जल चुके किसान को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां से गंभीर हालत के चलते मेरठ के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया है।

किसान ने किया आत्मदाह का प्रयास

मामला मेरठ जिले के मवाना नगर का है। जहां उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कार्यालय के सामने अलीपुर मोरना गांव निवासी जगबीर नामक किसान ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया है। इस घटना में जगबीर गंभीर रुप से झुलस गया है। जिसे इलाज के लिए मेरठ शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां गंभीर हालत में उसका इलाज जारी है।

Meerut News डीएम ने दिए जांच के आदेश

जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि घटना शुक्रवार दोपहर मवाना में हुई। मीणा ने बताया कि यह मामला गुरुवार को राजस्व विभाग के साथ वन विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि किसान ने दावा किया कि उसे गलत तरीके से एक जमीन से हटा दिया गया और इस कार्रवाई का विरोध करते हुए उसने आत्मदाह करने की कोशिश की है। जिला अधिकारी मीणा ने कहा कि मैंने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। जांच अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) अमित कुमार और पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कमलेश बहादुर करेंगे। अधिकारियों को 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

वन विभाग ने किसान के दावे को गलत बताया

वन विभाग के रेंज ऑफिसर रविकांत चौधरी ने बताया कि किसान द्वारा लगाया गया आरोप गलत है। वन अधिकारी रविकांत चौधरी ने कहा कि किसान पिछले कुछ वर्षों से इस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रहा था। वन विभाग द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। उन्होंने कहा कि जमीन मुक्त करा ली गयी है, और वन विभाग ने इस जमीन को किसान से कब्जा मुक्त कराने के बाद वापस ले लिया है।

पूर्व सीएम ने की घटना की निंदा

मेरठ में हुई इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है। एक किसान जिसे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। अपनी जमीन बचाने के लिए खुद को आग लगाने के लिए मजबूर हो पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब से बीजेपी सत्ता में आई है, उसने किसानों की जमीन और उपज पर बुरी नजर रखी है।

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