Monday, 6 May 2024

SDM Jyoti Maurya: हंगामा क्यों है बरपा !! यूपी ,बिहार में हर साल हजारों मर्द ,ऑफिसर बनने के बाद छोड़ देते हैं गांव वाली बीवी

  SDM Jyoti Maurya: यूपी की एसडीएम ज्योति मौर्या के अपने पति को छोड़ने को लेकर सोशल मीडिया पर हाय…

SDM Jyoti Maurya: हंगामा क्यों है बरपा !! यूपी ,बिहार में हर साल हजारों मर्द ,ऑफिसर बनने के बाद छोड़ देते हैं गांव वाली बीवी

 

SDM Jyoti Maurya: यूपी की एसडीएम ज्योति मौर्या के अपने पति को छोड़ने को लेकर सोशल मीडिया पर हाय तौबा मची हुई है । हर कोई ज्योति मौर्या को गलत ठहरा रहा है क्योंकि पति आलोक ने उसे पढ़ाया लिखाया एसडीएम बनाया, और अब वह अपनी सफाई कर्मी पति को छोड़ना चाहती है। सोशल मीडिया पर लोग चीख चीख कर कह रहे हैं ज्योति मौर्य जैसी महिला एहसान फरामोश, धोखेबाज और मौकापरस्त है। पर यह सोशल मीडिया के  लोग तब इतना मुखर क्यों नहीं होते जब उनके आसपास के ही कई मर्द ऑफिसर, प्रोफ़ेसर बनने या कंपनी में बड़े पद पर नौकरी पा जाने के बाद या फिर शहर चले जाने के बाद अपनी गांव की बीवी को छोड़ देते हैं ,ऐसे एक नहीं हजारों उदाहरण है

90 के दशक से बढने लगे मामले

यूपी बिहार में तो कई लड़कों की शादी मोटा दहेज लेकर कर दी जाती थी ,और फिर उसी दान दहेज के रूपयों से वे बड़े शहरों में जाकर उच्च शिक्षा लेकर ऑफिसर इंजीनियर डॉक्टर बनकर और ऐसे किसी  प्रतिष्ठा वाले पद पर नौकरी पा जाते थे फिर उसके बाद उन्हें अपनी गांव वाली वही भोली और प्यारी बीवी अनपढ़ जाहिल और गंवार मालूम होने लगती थी। जिसे उन्हें अपने साथ शहर लाने या लोगों से मिलाने में शर्म महसूस होती तब वह इस बीवी से बड़ी आसानी से पीछा छुड़ा लेते और उसे टाटा बाय बाय बोल कर शहर की लड़की से नया विवाह भी रचा लेते थे। और गांव वाली लड़की की पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाती थी, लेकिन यह कहानियां कभी टीवी अखबार की सुर्खियां नहीं बनती थी।

SDM Jyoti Maurya: मर्द को सब जायज है?

तब समाज के यह ठेकेदार कहां सोए रहते थे ?

कई नेताओं की भी हैं मिसाल

आम लोग ही नहीं भारतीय राजनीति के कई नेता भी ऐसे रहे जिन्हें शोहरत मिलने के बाद गांव वाली बीवी mismatch लगने लगी । मुलायम सिंह यादव रामविलास पासवान जैसे कई उदाहरण है।

कहब त लग जाई धक से!

कई पुरूष कामयाबी के बाद अपनी पहली गांव वाली पत्नी को तलाक तो नहीं देते पर उसकी स्थिति परितक्यता जैसी ही रहती है जिसे बस खाने खर्चे के पैसे दे दिए जाते हैं ताकि समाज में उसे अपने पति के नाम का सहारा मिल सके। कई बार तो परिवार वाले खुद ही ऐसे समझोते करवा देते हैं। हमारे समाज में एक महिला के लिए पति के नाम का सहारा भी बहुत है। यूपी ,बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा ,छत्तीसगढ़ हिंदी पट्टी के किसी भी राज्य में जाइए आपको ऐसी कहानियां हर गांव , मोहल्ले में मिल ही जाएंगी जहां छोड़ी हुई औरतें एक इंतजार में पूरी जिंदगी बिता देती हैं ऐसे कितने मर्दों को troll किया जाता है ।

ज्योति मौर्या पर इतना हंगामा क्यों?

SDM Jyoti Maurya: की कहानी सुनकर कई मर्द कह रहे हैं हम अपनी बीवी को नहीं पढ़ाएंगे ,नौकरी नहीं कराएंगे कहीं ये भी धोखा ना दे दे!

क्या यह सही सोच है ?T

हमने पत्नी को पढ़ाया!
हमने बेटी को बाहर जाने दिया !!
हमने उसे उच्च शिक्षा लेने दी!!
हमने उसे मौका दिया !!
हमने उसे इतनी आजादी दी!!
हमने बेटी बहू को बाहर जाकर पढ़ने की इजाजत दी!!

सोचिए यह सारी बातें क्या किसी मर्द के संदर्भ में कही जाती हैं ? क्या आप कभी यह कहते हैं हमने अपने बेटे को बाहर जाकर पढ़ने की इजाजत दी?

जब इस सोच का फर्क पता चल जाएगा तो शायद किसी को Troll करने की जरूरत नहीं पड़ेगी , क्योंकि औरतें आपके दिए मौके की, आपकी इजाजत की ,आपकी दया की मोहताज नहीं है ।
पहले चश्मा बदल कर देखिए फिर आपको दुनिया सही समझ में आएगी।

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