Saturday, 4 May 2024

Teerthanker Mahaveer University: मानवीय मूल्यों की शिक्षा का लक्ष्य एक बेहतर दुनिया बनाना- प्रो. मैरी

प्रो. श्याम सुंदर भाटिया/डॉ. संदीप वर्मा। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (Teerthanker Mahaveer University) के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज- एफओईसीएस…

Teerthanker Mahaveer University: मानवीय मूल्यों की शिक्षा का लक्ष्य एक बेहतर दुनिया बनाना- प्रो. मैरी

प्रो. श्याम सुंदर भाटिया/डॉ. संदीप वर्मा। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (Teerthanker Mahaveer University) के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज- एफओईसीएस में ह्यूमन वैल्यूज़ इन हायर एजुकेशन फॉर हॉलिस्टिक डवलपमेंट- आईसीएचवीएचई-2022 पर हुई एक दिनी ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के डार्डन स्कूल ऑफ बिजनेस की प्रोफेसर ऑफ एथिक्स और गिविंग वॉयस टू वैल्यूज की डायरेक्टर प्रो. मैरी सी जेंटाइल बतौर मुख्य अतिथि जबकि इग्नाइट ओंटारियो की युवा पादरी मिस हन्ना क्रिस्टी और बॉलीवुड इंडिया के सेंसर बोर्ड की सलाहकार श्रीमती रेबेका चांगकिजा सेमा ने बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में व्याख्यान दिए।

मुरादाबाद के डीएम श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह ने इस कॉन्फ्रेंस के लिए यूनिवर्सिटी प्रबंधन को बधाई देते हुए कहा, जीवन में मानवीय मूल्य एक आदर्श सामाजिक व्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनकी स्थापना छात्र जीवन में ही संभव है, क्योंकि व्यक्ति के मानसिक, बौद्धिक, नैतिक और चारित्रिक विकास में मानवीय मूल्यों का अति महत्वपूर्ण रोल है। टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन, जीवीसी मनीष जैन, एमजीबी अक्षत जैन बोले, यह अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, शोध विद्वानों और शोधकर्ताओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

यूनिवर्सिटी (Teerthanker Mahaveer University) के ही कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, एसोसिएट डीन डॉ. मंजुला जैन आदि ने भी व्याख्यान दिया। कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवं एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी उद्घाटन भाषण दिया तो इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की कंविनर श्रीमती नेहा आनंद ने इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की थीम प्रस्तुत की। कॉन्फ्रेंस प्रोसीडिंग का विमोचन भी हुआ। संचालन अंग्रेजी की प्रवक्ता श्रीमती नेहा आनंद ने किया। वोट ऑफ थैंक्स डॉ. विपिन कुमार ने दिया। मेहमानों और प्रतिभागियों को टीएमयू की वर्चुअल विजिट कराई गई। अंत में सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र भी दिए गए।

बतौर मुख्य अतिथि प्रो. मैरी सी जेंटाइल ने कहा, एक अच्छी और समावेशी शिक्षा प्रणाली से दुनिया को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। इसके विपरीत आज शिक्षा में मुख्य जोर किताबी ज्ञान, परीक्षा पास करने और योग्यता हासिल करने पर है। बुनियादी सार्वभौमिक मूल्यों के समावेश से शिक्षा में उत्कृष्टता और चरित्र निर्माण के लिए शिक्षण प्रक्रिया में बदलाव वक्त की दरकार है। मानवीय मूल्यों की शिक्षा का लक्ष्य एक बेहतर दुनिया बनाना है। समकालीन समय में स्कूलों, कॉलेजों के अलावा समाज में व्यवहार संबंधी समस्याएं जैसे- बदमाशी, नशीली दवाओं के सेवन, चोरी आदि आपराधिक कृत्यों से परिलक्षित होती हैं। इनके प्रभाव से उन मूल्यों को खोना बेहद आसान है, जो सभ्य समाज के लिए अनिवार्य हैं।

बतौर विशिष्ट अतिथि श्रीमती रेबेका चांगकिजा सेमा ने भारतीय सिनेमा को समाज के लिए अत्याधिक शिक्षाप्रद और सूचनात्मक मूल्यों का प्रतीक बताते हुए कहा, क्योंकि दर्शकों की भीड़ युवा है। शैक्षिक फिल्में युवा दिमाग को संवारने का एक शानदार प्लेटफॉर्म हो सकता है। इस प्रकार सिनेमा और फिल्मों के माध्यम से विभिन्न विषयों को पढ़ाने में मदद मिल सकती है। इतिहास, भूगोल जैसे बुनियादी सब्जेक्ट्स को फिल्मों के माध्यम से आसानी से चित्रित किया जा सकता है। यह शिक्षा के साथ मनोरंजन का कम्पलीट पैकेज साबित हो सकता है। फिल्म निर्माता अच्छे साहित्य मूल्यों और मानवीय मूल्यों के विस्तार के उद्देश्य से लेखन या साहित्यिक कार्यों से फिल्में बना रहे हैं। फीचर फिल्मों ने जनता को प्रगतिशील सोच, सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय अखंडता के प्रति शिक्षित करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।

कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह मानव मूल्य, समग्र विकास और उच्च शिक्षा पर बोले, अफसोस यह है, आजकल मानवीय मूल्य सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं। समग्र विकास दिल से होता है, यह हमें एक अच्छा नागरिक बनने में मदद करता है। स्टुडेंट्स के समग्र विकास के लिए मानवीय मूल्यों की शिक्षा को कतई अनदेखा नहीं किया जा सकता है। रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने मानवीय मूल्यों पर फोकस करते हुए कहा, उच्च शिक्षण संस्थाओं में न्यू जनरेशन के लिए एथिक्स वैल्यू अति महत्वपूर्ण है। स्टुडेंट्स को अपने जीवन में नैतिक मूल्यों को आत्मसात करना चाहिए। प्लैगरिज़म, एग्जामिनेशन सरीखे मौके उनके लिए किसी कसौटी से कम नहीं होते हैं। टीएमयू की एसोसिएट डीन डॉ. मंजुला जैन ने मानव मूल्यों को लेकर कहा, दुनिया के उच्च शिक्षण संस्थान केवल ब्रेन पॉवर ही डवलप न करें बल्कि हार्ट पॉवर भी डवलप करें।

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (Teerthanker Mahaveer University) में मानवीय मूल्य तो शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल है। टीएमयू डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, साइंटिस्टस, मैनेजर्स ही नहीं बनाता है बल्कि चरित्र निर्माण के प्रति भी संजीदा है, ताकि वे हयूमन बीइंग बन सकें और अभिभावकों के संग-संग यूनिवर्सिटी का नाम भी रोशन कर सकें। कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवं एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने अपने उदघाटन भाषण में कॉन्फ्रेंस थीम को विस्तार से बताते हुए जीवन में मूल्यों और नैतिकता के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने पेशेवर जीवन के लिए भी मूल्यों की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित किया। प्रो. द्विवेदी ने कहा, आपको सहपाठियों, सहकर्मियों और शिक्षकों के साथ हमेशा अच्छे व्यवहार को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

बतौर विशिष्ट अतिथि मिस हन्ना क्रिस्टी ने कहा, लोग सार्वभौमिक भावना के हिस्से के रूप में अपनी मूल पहचान को भूलकर, लिंग, जाति, धर्म और राष्ट्रीयता जैसी सीमित विशेषताओं के साथ खुद को पहचानते हैं। यह सीमित पहचान व्यक्तिगत स्तर पर और विश्व स्तर पर संघर्ष की ओर ले जाती हैं। प्रत्येक व्यक्ति इन सीमित पहचानों के योग से कहीं अधिक है। हम जो उच्चतम पहचान बना सकते हैं, वह यह है कि हम देवत्व का हिस्सा हैं। दूसरी बात यह है कि हम इंसान और मानव परिवार के सदस्य हैं। ईश्वरीय रचना में समस्त मानव जाति एक है। हमें अपने वास्तविक स्वरूप की उचित पहचान के साथ-साथ उन मूल्यों की ओर लौटना होगा, जो सभी प्रमुख परंपराओं का सार हैं। मानवीय मूल्य सामाजिक और नैतिक मानदंड हैं, जो सभी संस्कृतियों और समाजों के साथ-साथ धर्मों के लिए सामान्य हैं।

विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय की प्राचार्य प्रो. स्वाति पाल ने आशंका जताते हुए कहा, आधुनिक प्रथाओं जैसे कि बढ़ी हुई सूचना प्रौद्योगिकी ने ज्ञान पोर्टलों तक पहुंच को आसान और बिना बाधाओं के बना दिया है, वही वरदान एक अभिशाप हो सकता है। हम अक्सर देखते हैं कि लोग जीवन के सरल पहलुओं को भूल जाते हैं और भौतिकता का इस हद तक पीछा करते हैं कि वे ईमानदारी और करुणा जैसे जीवन के कुछ मूल सिद्धांतों की उपेक्षा करते हैं। मानवीय मूल्यों (Teerthanker Mahaveer University) के बिना कोई भी व्यक्ति केवल अपनी डिग्री के आधार पर शिक्षित होने का दावा नहीं कर सकता है।

Up Election 2022: नोएडा में प्रचार करने आए छत्तीसगढ़ के CM के खिलाफ FIR, ये है पूरा मामला

दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के हेड प्रो. राज कुमार ने कहा, युवाओं में मानवीय मूल्यों का क्षरण चिंताजनक है। वह बोले, एक अस्थिर, प्रतिस्पर्धी और तेजी से बदलती दुनिया में जीवित रहने के लिए शैक्षिक संस्थानों को मानवीय मूल्यों पर अधिक जोर देने और दूसरों के लिए चिंता के साथ अधिक परस्पर और समग्र होने की आवश्यकता है। जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज, ऊर्जा थियेटर सोसाइटी, बीकानेर, राजस्थान के वरिष्ठ रंगमंच कलाकार श्री अशोक जोशी ने कहा, विविधता में एकता केवल एक मुहावरा या उद्धरण नहीं है। ये शब्द अत्याधिक विवेकपूर्ण हैं। इतने सारे धर्म और इतने सारे विश्वास भारत की संस्कृति की जटिल और मिश्रित मोजैक बनाते हैं। भारतीय रंगमंच शुरुआत से ही मानवीय मूल्यों को दर्शाता है क्योंकि यह चुनौतियों का सामना करने और मानवीय मूल्यों को बचाने के लिए रोल मॉडल बनाने में मदद करता है। दशकों से भारतीय रंगमंच ने विभिन्न पहलुओं में प्रगति हासिल की है।

डब्ल्यूआईसीसीआई, चंडीगढ़, पंजाब की प्रेसिडेंट और पंजाब स्टेट लाइफ स्किल्स की माइंडसेट परफॉर्मेंस कोच श्रीमती अनुराधा चावला ने कहा, मनुष्य विशिष्ट सीखने की क्षमता, तर्क कौशल, रचनात्मकता और सबसे बढ़कर भाषा के रूप में व्यक्त करने और भाव व्यक्त करने की शक्ति के साथ एक अनूठी प्रजाति है। यही बात उन्हें अन्य सभी प्रजातियों से अलग करती है। डब्ल्यूओडब्ल्यू ह्यूमन प्रोजेक्ट, चंडीगढ़, पंजाब की संस्थापक और लाइफ स्किल्स कोच सुश्री वनीत सोढ़ी ने कहा, जैसा कि हम सभी पुष्टि करते हैं कि शिक्षा सीमित नहीं है और यह एक आजीवन प्रक्रिया हो सकती है, हालांकि यह केवल ज्ञान, सूचना या मान्यता प्रदान करने के लिए नहीं है। मूल्यों के समुच्चय और सही मार्गदर्शन के साथ मनुष्य के चरित्र का निर्माण और आत्म-विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

इनके अलावा इस एक दिवसीय ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस (Teerthanker Mahaveer University) में चंडीगढ़, पंजाब के लाइफ एंड करियर सक्सेस कोच, लेखक और मोटिवेशनल स्पीकर श्री सतविंदर सिंह भारतीय, आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद, गुजरात के वित्तीय प्रबंधन विभाग के प्रमुख और सहायक प्रोफेसर डॉ. महेश प्रजापति, पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी-पीआईईटी, जयपुर की अंग्रेजी और ह्यूमन वैल्यूज़ और प्रोफेशनल एथिक्स की प्रोफेसर डॉ. रितु सोर्यन, मोदी प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय, लक्ष्मणगढ़, राजस्थान के सहायक प्रोफेसर डॉ. आनंद शर्मा, कश्मीर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के हेड और सहायक प्रोफेसर डॉ. जावेद इकबाल भट, सरकारी डिग्री कॉलेज बिजबेहरा अनंतनाग के सीनियर सहायक प्रोफेसर डॉ. सोफी मोहम्मद जुबेर ने भी ऑनलाइन व्याख्यान दिया।

कॉन्फ्रेंस के दौरान कुल चार तकनीकी सत्रों में उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु के कुल 55 से अधिक शोधार्थियों द्वारा अनुसंधान और अभ्यास में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉक चेन- विकास अनुप्रयोग और निहितार्थ, शिक्षा, निजी उद्योग और समाज का डिजिटलीकरण, आईसीटी उपयोग के सामाजिक और नैतिक प्रभाव, वर्तमान परिदृश्य में मानवीय मूल्य, मानव मूल्य और जीवन कौशल और सोशल मीडिया और डिजिटल सहयोग जैसे विषयों पर शोध पत्र पढ़े गये। कॉन्फ्रेंस सलाहकार हार्वर्ड विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज, एमए, यूएसए के प्रोफेसर प्रो. निएन-हे हसीह की ओर से भेजे गए संदेश भी पढ़कर सुनाया गया। कॉन्फ्रेस में प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना, प्रॉक्टर श्री राहुल विश्नोई, डॉ. संदीप वर्मा, डॉ. जरीन फ़ारूक, डॉ. मेघा शर्मा, डॉ. सोनिया जयंत, डॉ. दीप्तोंनिल बनर्जी, मो. सलीम, श्री राहुल राठौर, श्री अजय चक्रवती, श्रीमती शिखा गंभीर, श्री अरुण गुप्ता, श्री प्रशांत कुमार, श्री अशोक सिद्धू और श्री मनोज गुप्ता समेत छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

Related Post