UP News : उत्तर प्रदेश सरकार एक बड़ी योजना लेकर आई है। उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी योजना प्रदेश के किसानों तथा मजदूरों के लिए आई है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रदेश के छोटे किसानों तथा खेती पर निर्भर रहने वाले मजदूरों का जीवन स्तर सुधारने के लिए विशेष योजना की पहल की है। उत्तर प्रदेश सरकार की यह बड़ी योजना किसानों तथा मजदूरों का आर्थिक स्तर सुधारने का काम करेगी। साथ ही उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में भी यह योजना मदद करेगी।
क्या है उतर प्रदेश सरकार की बड़ी योजना
उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश सकरा प्रदेश के हर वर्ग को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के साथ जोड़ ही है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के छोटी जोत वाले छोटे किसान भी यूपी के वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी में हिस्सेदार बनेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने एलोवेरा, तुलसी, कालमेघ, अजवाइन, अश्वगंधा और लेमनग्रास जैसे औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रेरित कर लघु कृषकों व खेतों में काम करने वाले श्रमिकों को भी उद्यम से जोडऩे की योजना तैयार की है। इसके तहत परंपरागत फसलों की जगह छोटे किसानों से व्यावसायिक औषधीय खेती कराई जाएगी। सरकार इसमें आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग देकर किसानों को इस प्रकार की खेती करने के लिए प्रेरित करेगी।
उत्तर प्रदेश में छोटे-छोटे खण्ड बनाकर कराई जाएगी खेती
उत्तर प्रदेश सरकार की योजना यह है कि प्रदेश के छोटे किसानों तथा खेतों में काम करने वाले ऐसे श्रमिक जिनके घरों के इर्द-गिर्द 10-20 मीटर खाली भूमि उपलब्ध होगी,उस पर व्यापारियों में तुलसी, कालमेघ, सफेद मूसली, अश्वगंधा, एलोवेरा, अजवाइन आदि की खेती कराई जाएगी। इसके उत्पाद को बेचने में भी सरकार सहयोग करेगी। इसके लिए देश के शीर्ष आयुर्वेदिक औषधीय कंपनियां मसलन, डाबर, बैद्यनाथ. झंडू समेत कई अन्य राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय आयुर्वेदिक औषधि कंपनियों के साथ समझौता करने जा रही है ताकि किसानों की खेतों से ही उनके उत्पाद देशी-विदेशी कंपनियां खरीद लें। जानकारों के अनुसार इस योजना का उद्देश्य बेहद छोटी जोत के किसानों से लेकर खेतों में काम करने वाले श्रमिकों की आय बढ़ाना है। ताकि ये भी प्रदेश की वन ट्रिलियन इकोनॉमी में हिस्सेदार बन सकें। UP News
कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग औषधीय पौधो की खेती कराई जाएगी
प्रदेश के विभिन्न जिलों में वहां की कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग औषधीय पौधो की खेती कराई जाएगी। कृषि विभाग के जिला कृषि अधिकारी एवं जिला उद्यान अधिकारी समेत उप निदेशक स्तर के अधिकारियों को इस योजना से सीधे जोड़ते हुए उनकी भूमिका भी तय की गई है ताकि किसान इनसे सीधा संवाद कर सके। योजना के अनुसार सरकार की ओर से स्वस्थ बीज या पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही कृषि एवं उद्यान विशेषज्ञों के माध्यम से समय-समय पर तकनीकी सहयोग भी दिया जाएगा। रोग अथवा कीटों का प्रकोप होने पर उसका निवारण भी सरकार की ओर से कराया जाएगा। इसके तहत किसानों को उनके उत्पाद का प्रसंस्करण करना भी सिखाया जाएगा। ताकि वे कृषक के साथ-साथ उद्यमी भी बन सकें। इसमें महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें लेमनग्रास, तुलसी, कालमेघ, सफेद मूसली, अश्वगंधा, जटामासी, कुटकी, अरंडी, मुलेठी, मदार, अदरख, हल्दी, केसर, शतावरी, सर्पगंधा, स्टेविया, सदाफूली, पथरचटा, जटरोफा, पान, गिलोय आदि की खेती कराई जाएगी। UP News
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