Wednesday, 26 March 2025

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, नहीं बढ़ेंगे रेट

UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस बड़े फैसले के बाद…

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, नहीं बढ़ेंगे रेट

UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस बड़े फैसले के बाद आवश्यक वस्तुओं के रेट अनाप-शनाप ढंग से नहीं बढ़ेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार का यह बड़ा फैसला निर्माण के क्षेत्र में काम आने वाले सामान की कीमतों को लेकर सामने आया है। उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

क्या है उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला?

आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश सरकार के एक के बाद एक बड़े फैसले सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार का एक और बड़ा फैसला सामने आया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के नियोजन विभाग के एक आदेश को रद्द कर दिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हॉट मिक्स प्लांट की दरें एकाएक छह गुना बढ़ा देने का मामला प्रकाश में आने पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने प्रदेश में निर्माण कार्यों से संबंधित एकीकृत एसओआर (एकसमान रेट) की व्यवस्था को निरस्त कर दिया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि, एकीकृत दरों की यह सूची नियमों से परे जाकर निर्धारित की गई थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों में निर्माण कार्यों में प्रयुक्त होने वाली सामग्री के रेट पारदर्शी और सटीक रखने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, कुछ अफसरों ने इसके विपरीत मनमानी करते हुए एकीकृत एसओआर में हॉट मिक्स प्लांट की दरों में एकाएक 5.8 से लेकर 6.46 गुना तक की वृद्धि करम दी। उदाहरण के तौर पर जिस हॉट मिक्स प्लांट का रेट पहले 13938 रुपये प्रति घंटा था, उसे अक्तूबर में बढ़ाकर 80925 रुपये प्रति घंटा कर दिया।

उत्तर प्रदेश के नियोजन विभाग ने किया था गलत फैसला

उत्तर प्रदेश सरकार में उच्चस्तर पर हुए विचार-विमर्श में सामने आया कि वित्तीय हस्तपुस्तिका (फाइनेंशियल हैंडबुक) के अनुसार, इस तरह के रेट (एसओआर) तय करने के अधिकार पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, वन व बिजली विभाग और जल निगम को ही है। इसलिए नियोजन विभाग के स्तर से जारी एकीकृत दरों की सूची नियमसंगत नहीं है। यहां बता दें कि ये दरें लेबर (श्रम), निर्माण सामग्री और संबंधित मशीनों के लिए जारी की जाती हैं। नियोजन विभाग के स्तर से एकीकृत एसओआर जारी करना अनुचित था। मुख्यमंत्री ने इसे निरस्त करने का आदेश दे दिया है। पहले की तरह फाइनेंशियल हैंडबुक के अनुसार रेट की व्यवस्था लागू रहेगी।

उत्तर प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में होगी सीधी भर्ती

एक के बाद एक बड़े फैसले करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। इस बड़े फैसले में तय किया गया है कि उत्तर प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में अब संविदा के आधार पर नियुक्ति कॉलेजवार होगी। हर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को नर्सिंग कॉलेज में शिक्षकों के खाली पद भरने की जिम्मेदारी दी गई है। इस संबंध में शासन से आदेश जारी कर दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक को खाली पदों को जल्द से जल्द भरने संबंधी कार्यवाही शुरू करने के लिए निर्देश दिया गया है। महानिदेशक ने कॉलेज के प्रधानाचार्यों को शासनादेश भेजते हुए सभी पद भरने का निर्देश दिया है।

प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों, राजकीय एवं स्वशासी मेडिकल कालेजों में 23 नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। अगले सत्र से 23 नए कॉलेज खोलने की भी तैयारी चल रही है। अभी तक नर्सिंग कॉलेजों में संविदा के आधार पर ही प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं ट्यूटर की नियुक्ति होती है। यह नियुक्ति राज्यस्तरीय होती रही है। इसके लिए बाकायदे लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार और काउंसिलिंग के जरिए कॉलेजवार आवंटित किए जाते हैं। पिछले माह इसी प्रक्रिया से करीब 121 नर्सिंग शिक्षकों को विभिन्न कॉलेजों में नियुक्ति दी गई है। इसके बाद  भी अभी करीब 50 फीसदी पद खाली हैं। ऐसे शासन की ओर से संविदा के आधार पर नियुकि प्रक्रिया को सरल किया गया है। बदलाव के संब में नया शासनादेश जारी कर दिया गया है। आ संविदा के आधार पर नियुक्ति कॉलेजवार कर का निर्देश दिया गया है।

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