Thursday, 5 December 2024

सामूहिक विवाह में फिर हुआ फर्जीवाड़ा, दुल्हन ने जीजा के साथ लिए फेरे

UP News :  उत्तर प्रदेश के बलिया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुए फर्जीवाड़े का मामला अभी शांत हुआ…

सामूहिक विवाह में फिर हुआ फर्जीवाड़ा, दुल्हन ने जीजा के साथ लिए फेरे

UP News :  उत्तर प्रदेश के बलिया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुए फर्जीवाड़े का मामला अभी शांत हुआ नहीं कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में दूल्हे की गैरमौजूदगी में दुल्हन ने जीजा संग सात फेरे ले लिए।

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मामले पोल खुलती देख दुल्हन ने आनन-फानन में अपनी मांग में भरा सिंदूर पोंछ दिया। इस मामले को लेकर समाज कल्याण अधिकारी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। इस मामले में समाज कल्याण अधिकारी ने जांच कराने की बात कही है।

जीजा साली का कराया विवाह

दरअसल पूरा मामला झांसी के पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान का है। यहां बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत कई जोड़ों की शादी कराई गई। लेकिन इस दौरान जब एक दूल्हा मौके पर नहीं पहुंचा तो दुल्हन के साथ आए उसके शादीशुदा जीजा से ही उसकी शादी करवा दी गई। शादी के तुरंत बाद दुल्हन ने मांग में भरा सिंदूर पोंछ दिया। बाद में जब दूल्हा-दुल्हन से अलग-अलग बात की गई तो उन्होंने इस बात को स्वीकार कर लिया है।

विभागीय कर्मी शामिल होने की आशंका

झांसी में हुई इस घटना को लेकर सूत्रों का कहना है कि विवाह समारोह में सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद हड़पने के लिए ये खेल रचा गया था। इस खेल में विभागीय अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। आपको बता दें कि ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से भी सामने आया था। जहां पर कई अधिकारियों पर एक्शन लिया गया था।

क्या है पूरा मामला?

27 फरवरी को झांसी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में कई सारे वर-वधु शादी करने पहुंचे थे।इस दौरान एक जोड़े पर नजर पड़ी तो मामला कुछ संदिग्ध नजर आया। इसके बारे में जब पता किया गया तो हकीकत सामने आ गई। झांसी के बामोर निवासी खुशी की शादी छतरपुर मध्यप्रदेश के बृषभान के साथ तय हुई थी और सामूहिक विवाह समारोह में उसका रजिस्ट्रेशन नंबर 36 था। खुशी ने फेरे लेते ही मांग से सिंदूर और बिंदी पोंछ डाली। वहीं दूल्हे बृषभान से जब बात की गई तो उसने कुबूल किया कि असल में उसका नाम दिनेश है और वह छतरपुर नहीं बल्कि बामोर का रहने वाला है। दिनेश ने बताया कि बृषभान से शादी होनी थी लेकिन वह नहीं आया तो विभाग के ही कुछ लोगों के कहने पर वह बृषभान की जगह दूल्हा बन गया। दिनेश ने यह भी बताया कि वह पहले से शादीशुदा है और खुशी का रिश्ते में जीजा लगता है।

अधिकारी ने कही जांच की बात

झांसी जिले में सामूहिक विवाह योजना में हुए इस फर्जीवाड़े को लेकर विवाह समारोह में मौजूद समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह मुमकिन नहीं है। यदि ऐसा हुआ है और शिकायत मिलती है तो इस मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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