UP News : उत्तर प्रदेश का संभल जिला, जो लंबे समय से सांप्रदायिक तनाव के लिए सुर्खियों में रहा है, अब सुरक्षा और शांति व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। कुछ महीनों पहले हुई हिंसा के बाद जिले के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय में सुरक्षा की भावना को बहाल करने के लिए पुलिस प्रशासन ने बड़े फैसले लिए हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण कदम मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थायी पुलिस चौकियों का निर्माण करना है। खास बात यह है कि इन चौकियों के निर्माण में वही ईंटें और पत्थर इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जिनका उपयोग 24 नवंबर की हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों और प्रशासन पर हमला करने के लिए किया था।
कट्टरपंथियों को कड़ा संदेश
पुलिस प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय उन कट्टरपंथी तत्वों के लिए करारा जवाब माना जा रहा है, जो संभल में अस्थिरता और भय का माहौल बनाए रखना चाहते हैं। इस पहल का उद्देश्य न केवल जिले में कानून-व्यवस्था को मजबूत करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की हिंसा को रोका जा सके। प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि इन पुलिस चौकियों के निर्माण से इलाके में अपराध नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी।
जिले में कुल 38 स्थानों पर पुलिस चौकियां बनाई जा रही
हिंसा में इस्तेमाल किए गए ईंट-पत्थरों से दीपा सराय और हिंदू पुरा खेड़ा पुलिस चौकियों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, जामा मस्जिद के पास पहले से ही एक पुलिस चौकी बनाई जा चुकी है, जिससे संवेदनशील इलाकों में पुलिस की निगरानी और गश्त को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। चौकियों के इलाके में कई स्थानों से बनने पर जल्दी हिंसा करने की किसी की हिम्मत नहीं पड़ेगी। संभल एसपी केके बिश्नोई ने बताया कि जिले में कुल 38 स्थानों पर स्थायी और अस्थायी पुलिस चौकियां बनाई जा रही हैं। इनमें से कई जगहों पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जबकि कुछ स्थानों पर एक मंजिल का निर्माण पूरा हो चुका है। इन चौकियों के निर्माण में सरकार द्वारा आवंटित बजट और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग का उपयोग किया जा रहा है।
जामा मस्जिद में पूजा-अर्चना की मांग तेज
संभल में जारी सुरक्षा प्रयासों के बीच हिंदू संगठनों ने जामा मस्जिद में पूजा-अर्चना के अधिकार की मांग कर दी है। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में जामा मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया था, जिसके बाद हिंदू संगठनों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि इस स्थान पर नमाज की अनुमति है, तो हिंदू समुदाय को भी यहां पूजा-अर्चना करने का अधिकार मिलना चाहिए।
नैमिषारण्य तीर्थ के महंत बालयोगी दीनानाथ ने इस संबंध में उच्च न्यायालय से विवादित ढांचे के मामले की जल्द सुनवाई की अपील की है। उनका कहना है कि यह स्थल पहले हिंदू मंदिर था और इसे लेकर हिंदू समाज की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इस संबंध में हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने तहसील पहुंचकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा है। UP News
रमजान के पहले जुमे पर पहुंचेगी त्रिशूल यात्रा
संभल में हालात को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया गया है। इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद द्वारा निकाली गई भगवा त्रिशूल यात्रा भी जिले की ओर बढ़ रही है। यह यात्रा प्रयागराज महाकुंभ से चलकर गुरुवार को बदायूं पहुंच गई और जल्द ही संभल पहुंचेगी। रमजान के पहले जुमे की नमाज के दिन यह त्रिशूल यात्रा संभल पहुंचेगी, जिसे देखते हुए प्रशासन ने जिले में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है। यात्रा में 12 ज्योतिर्लिंग, 4 धाम और 12 शक्तिपीठों की परिक्रमा करने वाले साधु-संत शामिल हैं। प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। UP News
संभल में पुलिस का फ्लैग मार्च
सुरक्षा को देखते हुए जिले में पुलिस द्वारा फ्लैग मार्च किया गया। पुलिस अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने की अपील की है। प्रशासन का कहना है कि हिंसा में प्रयुक्त ईंटों और पत्थरों का उपयोग अब शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए किया जा रहा है, जिससे नफरत के प्रतीक को भरोसे में बदला जा सके। संभल में पुलिस की इन तैयारियों को कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि जिले में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए लगातार ऐसे कदम उठाए जाते रहेंगे। UP News
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