UP News : उत्तर प्रदेश का एक सरकारी विभाग सबसे अधिक भ्रष्ट विभाग माना जाता है। उत्तर प्रदेश का यह विभाग अपने भ्रष्टाचार के कारण पूरे देश में जाना जाता है। दुर्भाग्य से उत्तर प्रदेश के इस भ्रष्ट विभाग का भ्रष्टाचार घटने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार के स्टाम्प तथा पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल का डंडा उत्तर प्रदेश के इस भ्रष्ट विभाग के विरुद्ध चला है। मंत्री का डंडा चलते ही उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक भ्रष्ट विभाग में हड़कंप मच गया है।
उत्तर प्रदेश का सबसे ज्यादा भ्रष्ट विभाग है रजिस्ट्री विभाग
उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्री विभाग के नाम से एक विभाग काम करता है। उत्तर प्रदेश के इस विभाग का नाम पंजीयन (रजिस्ट्री) विभाग है। उत्तर प्रदेश के रजिस्ट्री विभाग को सबसे अधिक भ्रष्ट विभाग माना जाता है। इस विभाग का भ्रष्टाचार हमेशा से चर्चा में रहा है। उत्तर प्रदेश की कोई भी सरकार रजिस्ट्री विभाग के भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पाई है। बुधवार को रजिस्ट्री विभाग के मंत्री (स्टाम्प तथा पंजीयन मंत्री) रविन्द्र जायसवाल ने उत्तर प्रदेश के इस भ्रष्ट विभाग के विरूद्ध बड़ा डंडा चला दिया है। मंत्री के डंडे से पूरे रजिस्ट्री विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में चला मंत्री का डंडा
आपको बता दें कि रजिस्ट्री के बाद मूल डीड वापस करने में देरी पर उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कार्रवाई करते हुए मथुरा निबंधन कार्यालय के पूरे स्टाफ को हटाकर दूसरे जिलों से संबद्ध कर दिया है। मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति बनाई गई है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे स्टाफ को हटाने का यह प्रदेश का पहला मामला है। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर सभी को निलंबित किया जाएगा। वहीं, प्रदेश के सभी रजिस्ट्री कार्यालयों से मूल से मूल दस्तावेज देर से दिए जाने के रिकॉर्ड मांगे गए हैं। रजिस्ट्री के बाद पक्षकार को मूल डीड उसी दिन में वापस करने का नियम है। उप निबंधक कार्यालय मथुरा सदर में एक बुजुर्ग ने मथुरा विकास प्राधिकरण से आवंटित 75 लाख के फ्लैट की रजिस्ट्री कराई थी। रजिस्ट्री के बाद उसकी मूल डीड एक दिन बाद वापस की गई। साथ ही उसे प्रताडि़त भी होना पड़ा। इसकी शिकायत उसने स्टाम्प व पंजीयन मंत्री से की। मंत्री ने मामले का संज्ञान लेते मथुरा सदर के उप निबंधक अजय त्रिपाठी को मिर्जापुर, कनिष्ठ सहायक (निबंधक) सतीश कुमार चौधरी को ललितपुर और प्रदीप उपाध्याय को महोबा से संबद्ध कर दिया है। साथ ही मामले की जांच अयोध्या मंडल के उप महानिरीक्षक (निबंधन) निरंजन कुमार और उप महानिरीक्षक निबंधन अविनाश पांडेय को दी गई।