Wednesday, 8 May 2024

राज्यसभा चुनाव को लेकर बढ़ी सपा की चुनौती, विधायकों के दिख रहे बागी तेवर

UP News : उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की चुनौतियां बढ़ती नजर आ रही…

राज्यसभा चुनाव को लेकर बढ़ी सपा की चुनौती, विधायकों के दिख रहे बागी तेवर

UP News : उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की चुनौतियां बढ़ती नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी के आधा दर्जन से अधिक विधायक भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में हैं। वहीं कुछ सपा विधायकों के बगावती तेवर को देखते हुए क्रास वोटिंग की आशंका की वजह से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में बेचैनी बढ़ी हुई है। बता दे कि एनडीए के खिलाफ जिस ”पीडीए” (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को समाजवादी पार्टी अपनी बड़ी रणनीति मानकर लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही थी। उसकी भी हवा उसके ही विधायकों ने पहले ही निकाल दी है।

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10 सीटों के लिए 11 प्रत्याशी मैदान में

राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें समजवादी पार्टी के तीन और भारतीय जनता पार्टी के आठ प्रत्याशी हैं। सपा अपने दो और भाजपा सात प्रत्याशी तो आसानी से जीता सकती है। किंतु दसवें प्रत्याशी को जीताने के लिए दोनों ही पार्टियों के पास पर्याप्त वोट नहीं है। इसलिए दोनों ही दलों की नजर क्रास वोटिंग पर है। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने तो सपा में बड़ी सेंधमारी की तैयारी कर ली है।

UP News बीजेपी के संपर्क में है सपा विधायक

बता दें कि सपा के करीब आधा दर्जन से अधिक विधायकों के भाजपा के संपर्क में आने की खबरों ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। निष्ठा बदलने वाले विधायकों में जिनकी चर्चा सबसे अधिक है। उनमें मझनपुर के विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इन्द्रजीत सरोज भी शामिल हैं। हालांकि इन्द्रजीत सरोज इन दिनों गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं। उन्होंने इसे अपने खिलाफ साजिश बताते हुए पाला बदलने की खबरों का खंडन किया है।

पीडीए को लेकर नाराज है सपा विधायक

वहीं, पार्टी की विधायक और अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल के तेवर भी कुछ अलग ही संदेश दे रहे हैं। वो इसलिए नाराज चल रही हैं, क्योंकि पीडीए की बात करने वाली सपा ने राज्यसभा प्रत्याशी बनाने में पिछड़ा और अल्पसंख्यक का ख्याल नहीं रखा। उन्होंने सपा प्रत्याशियों को वोट नहीं देने की बात कही है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होकर उन्होंने कांग्रेस से भी नजदीकियां बढ़ा दी हैं। वर्तमान परिस्थितियों में सपा के लिए अपने विधायकों को सहेज कर रख पाना उसके लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

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