UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जीवन किसी साधारण व्यक्ति का जीवन नहीं है। एक छोटे से गांव में गरीबी में पैदा हुए एक बच्चे से देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने तक का उनका जीवन बेहद खास रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के पूरे जीवन को समेटे हुए एक खास फिल्म बनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के जीवन पर बनने वाली फिल्म में बहुत कुछ खास दिखाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म बनकर तैयार हो गई है। फिल्म कंपनी ने फिल्म की रिलीज डेट की घोषणा भी कर दी है।
अजय बिष्ट था उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का बचपन का नाम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बचपन का नाम अजय बिष्ट था। उनके जीवन के ऊपर बनने वाली फिल्म का शीर्षक अजय के नाम पर ही रखा गया है। फिल्म का पूरा नाम ‘‘अजय : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’’ रखा गया है। शुरू में फिल्म निर्माता ने यह बात छिपाकर रखी थी कि यह फिल्म उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित है। हाल ही में फिल्म के निर्माता ने साफ-साफ घोषणा कर दी है कि उनकी फिल्म उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के सफल की कहानी है। फिल्म का पोस्टर भी जारी किया जा चुका है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन था। पांच जून को उनके जन्मदिन के अवसर पर फिल्म के निर्माता ने घोषणा कर दी कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के जीवन पर आधारित फिल्म एक अगस्त को सभी सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी।
सम्राट सिनेमैटिक्स नामक कंपनी बना रही है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के ऊपर फिल्म
आपको बता दें कि सम्राट सिनेमैटिक्स नामक फिल्म निर्माता कंपनी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर फिल्म बना रही है। हाल ही में सम्राट सिनेमैटिक्स ने अपकमिंग फिल्म ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ की रिलीज डेट की आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया कि फिल्म 1 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। प्रोडक्शन हाउस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर बनने वाली फिल्म का दमदार नया पोस्टर भी जारी किया, जिसमें मुख्य भूमिका में अभिनेता अनंत विजय जोशी की झलक दिखाई दी।
पोस्टर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का किरदार निभा रहे अभिनेता भगवा वस्त्र पहने दिखाई दिए। ‘अजेय’ लेखक शांतनु गुप्ता की किताब ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर : द डेफिनिटिव बायोग्राफी ऑफ योगी आदित्यनाथ’ पर बनी है। ‘अजेय’ एक ऐसे व्यक्ति की आकर्षक यात्रा को पर्दे पर पेश करता है, जिसने सांसारिक सुखों को त्यागकर भारत के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों में से एक के रूप में उभरने का फैसला किया। यह पोस्टर जारी करते समय निर्माता रितु मेंगी ने कहा, “इस अवसर पर रिलीज की तारीख की घोषणा करना योगी जी के असाधारण जीवन को सम्मान है। वह कई लोगों की प्रेरणा हैं।” फिल्म में अनंत विजय जोशी, परेश रावल, दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’, अजय मेंगी, राजेश खट्टर, पवन मल्होत्रा और गरिमा विक्रांत सिंह जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं। रवींद्र गौतम के निर्देशन में बनी फिल्म का निर्माण रितु मेंगी ने किया है और फिल्म का संगीत मीत ब्रदर्स ने तैयार किया है और इसकी कहानी दिलीप बच्चन झा और प्रियांक दुबे ने लिखी है।
बड़े-बड़े क्रांतिकारी बदलाव से भरा हुआ है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जीवन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन का सफर बहुत ही क्रांतिकारी सफर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कौन नहीं जानता। उत्तर प्रदेश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ वह नाम हैं, जिनका उदय केवल एक राजनीतिक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक विचार और कठोर अनुशासन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। उत्तराखंड के पंचूर गांव से निकला एक युवक कैसे गोरखनाथ मठ का उत्तराधिकारी बना और फिर देश के सबसे बड़े राज्य की बागडोर संभाली। पंचुर के शांत पर्वतीय अंचल से लेकर उत्तर प्रदेश की सत्ता की ऊंचाइयों तक उनका सफर न सिर्फ प्रेरक है, बल्कि भारतीय राजनीति में भी बहुत बड़ी मिसाल बन चुका है। 5 जून 1972 को तत्कालीन उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) के पौड़ी गढ़वाल ज़िले के छोटे से गांव पंचूर में जन्मे अजय सिंह बिष्ट का बचपन आम पहाड़ी बच्चों जैसा ही था। टिहरी के गजा कस्बे में शुरुआती शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। गणित विषय में स्नातक की पढ़ाई के दौरान 1990 में उनका जुड़ाव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से हुआ। इसी वैचारिक पृष्ठभूमि ने उन्हें सामाजिक गतिविधियों से जोड़ा।वर्ष 1993 में जब अजय सिंह गोरखनाथ पीठ के इतिहास और दर्शन पर शोध के लिए गोरखपुर पहुंचे, तब उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि यहीं से उनका जीवन एक नए मोड़ पर मुड़ने वाला है।
गोरखपुर में रहते हुए अजय सिंह की भेंट गोरक्षनाथ पीठ के तत्कालीन महंत और सांसद अवैद्यनाथ से हुई। यह मिलन केवल शिष्य-गुरु का नहीं, बल्कि विचारधारा का भी संगम था। 1994 में अजय सिंह ने सांसारिक जीवन का त्याग कर संन्यास लिया और ‘योगी आदित्यनाथ’ के रूप में नया अध्याय शुरू किया। महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें आध्यात्मिक उत्तराधिकारी घोषित किया और गोरखनाथ मठ की जिम्मेदारियां सौंप दीं। यह वही मठ है जिसकी राजनीतिक विरासत में महंत दिग्विजयनाथ और अवैद्यनाथ जैसे प्रभावशाली नाम पहले से ही दर्ज थे।
ऐसे हुई उत्तर प्रदेश के मुखिया के जीवन की राजनीतिक जीवन की शुरुआत
योगी आदित्यनाथ ने 1998 में मात्र 26 वर्ष की आयु में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उस समय वे संसद के सबसे युवा सदस्यों में शामिल हुए। इसके बाद लगातार 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी उन्होंने यह सीट रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की। 2002 में उन्होंने ‘हिंदू युवा वाहिनी’ की स्थापना की यह संगठन उनकी विचारधारा और जनसंपर्क का एक प्रभावी माध्यम बना। 2015 आते-आते वह पार्टी के प्रमुख प्रचारकों में शुमार हो चुके थे और 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका निर्णायक साबित हुई। 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा में स्पष्ट बहुमत मिला, तो शीर्ष नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सौंपी। उस समय वह लोकसभा के सदस्य थे, लेकिन विधान परिषद के माध्यम से विधानसभा में प्रवेश कर उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2022 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा गोरखपुर शहरी सीट से और बड़ी जीत के साथ दोबारा मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल से ही राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर कठोर रुख अपनाया। माफिया-राज और अवैध निर्माणों के खिलाफ चलाए गए अभियानों ने उन्हें ‘बुलडोजर बाबा’ की पहचान दी।