UP News : उत्तर प्रदेश का एक बाबा मरते समय बड़ा चमत्कार कर गया। उत्तर प्रदेश के इस बाबा की चर्चा पूरे उत्तर प्रदेश से लेकर पूरी दुनिया में हो रही है। उत्तर प्रदेश के इस बाबा की उम्र जानकर हर कोई हैरान है। दुनिया भर के वैज्ञानिक उत्तर प्रदेश के इस बाबा की इतनी लंबी उम्र के असली कारण को जानने में जुट गए हैं।
उत्तर प्रदेश के बाबा ने मरते दम तक किया चमत्कार
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में रहने वाले शिवानंद बाबा पूरे 129 वर्ष के थे। रविवार को शिवानंद बाबा का उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। हर कोई यह चमत्कार जानकर हैरान है कि उत्तर प्रदेश के बाबा शिवानंद जी महाराज आखिर 129 साल तक कैसे जीवित रहे। 129 साल तक जीवित रहना किसी चमत्कार से कम नहीं है। पूरी दुनिया में शिवानंद बाबा के 129 साल तक जीवित रहने की खूब चर्चा हो रही है। दुनिया भर के विशेषज्ञों का मत है कि उत्तर प्रदेश के शिवानंद बाबा दुनियां के सबसे अधिक उम्र को प्राप्त करने वाले व्यक्ति थे।
बचपन में देखी थी भूख तथा गरीबी की बड़ी आपदा
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 129 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले शिवानंद बाबा का बचपन कष्टों से भरा हुआ था। उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में रहने वाले शिवानंद बाबा के आधार कार्ड पर जन्मतिथि आठ अगस्त 1896 दर्ज है। शिवानंद बाबा बताते थे कि बचपन में उन्होंने देखा था कि कभी-कभी भिक्षा न मिलने पर उनका पूरा परिवार भूखा ही सो जाता था। बचपन से ही शिवानंद बाबा ने समस्याएं झेलीं थीं। उनके माता-पिता ने चार वर्ष की ही अवस्था में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए अपने बेटे को एक वैष्णव संत को सौंप दिया था। बाबा की एक बहन भी थीं, जब बाबा छह वर्ष के थे, तभी भूख से एक दिन उनका निधन हो गया। इसके बाद बाबा घर गए। उनके घर जाने के सात दिन बाद ही सूर्योदय के पूर्व उनकी मां तथा सूर्योदय के पश्चात उनके पिता का निधन हो गया। बाबा ने अपने माता-पिता को मुखाग्नि न देकर चरणाग्नि दी। माता-पिता के निधन के बाद लौट आए थे आश्रम माता-पिता के देहांत के बाद बाबा ने अपने पितृ देव द्वारा पूजित नारायण शिला को और अपनी माता द्वारा पूजित शिवलिंग को अपने साथ ले लिया और वापस नवदीप अपने गुरु आश्रम को लौट आए। वहां गुरु के देहांत के बाद बाबा शिवानंद अब लोगों की सेवा में जुट गए। बाद में बाबा बंगाल से काशी आ गए और यहां पर गुरु ओंकारानंद से दीक्षा ली। UP News
आजीवन ब्रह्माचारी रहे उत्तर प्रदेश के शिवानंद बाबा
शिवानंद बाबा के भक्तों ने बताया कि बाबा की कोई विद्यालयीय शिक्षा नहीं हुई थी और वे आजीवन बाल ब्रह्मचारी रहे। 1925 में अपने गुरु के आदेश पर वह दुनिया भ्रमण पर निकले और करीब 34 साल तक देश-विदेश घूमते रहे। स्वामी शिवानंद आश्रम में तृतीय तल पर रहते थे और बीमार होने तक बिना किसी सहारा के चढ़ते-उतरते थे। जिस आश्रम मे वह रहते थे वहां पर लिफ्ट भी नहीं है। बीते महाकुंभ में भी वह पहुंचे थे और लोगों को वहां पर योग की शिक्षा देते रहे। बाबा के शिष्य जयदीप ने बताया कि बाबा सुबह तीन बजे ही बिस्तर छोड़ देते थे। पूरे दिन भर जप, ध्यान, संसार की मंगल कामना, सेवा व तमाम तरह के निष्काम कर्मों को संपन्न करते थे। इसके बाद रात नौ बजे विश्राम पर जाते थे। उनके भोजन में सिर्फ उबली सब्जियां और थोड़ी बहुत अन्य मिठाइयां होती थीं। बाबा तली चीजें नहीं खाते थे। उनका सबसे प्रिय काम दीन, दुखी, पीड़ितों की सहायता और सेवा करना था। बाबा का कहना था कि प्राणियों की निस्वार्थ सेवा ही ईश्वर की सेवा करना है। UP News
अनेक देशों की यात्रा की थी शिवानंद बाबा ने
स्वामी शिवानंद ने शिष्यों के आग्रह पर कई देशों की यात्रा की थी। इसमें ग्रीस, फ्रांस, स्पेन, आस्ट्रिया, इटली, हंगरी, रूस, पोलैंड, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड, जर्मनी, बुल्गेरिया, यूके आदि देश शामिल थे। वे जहां गए योग का प्रसार किया। अंतिम बार वर्ष 2011 में उनका इंग्लैंड जाना हुआ था। उनके अनुयायियों में नार्थ-ईस्ट के लोगों की संख्या अधिक है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक शिवानंद बाबा की इतनी उम्र को जानकर हैरान हैं। बाबा ने संयमित जीवन जीकर इतनी लंबी उम्र कैसे प्राप्त की थी इस बात का अध्ययन अनेक वैज्ञानिक कर रहे हैं। UP News
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